चंडीगढ। COVID-19 संकट के दौरान लोगों को आ रही मुश्किलों को दूर करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए निर्धारित दरों में कटौती करने के साथ-साथ बिलों की अदायगी के लिए समय सीमा बढाने का भी ऐलान किया है। बिजली विभाग को सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को निर्विघ्न दिन-रात बिजली की सप्लाई प्रदान करने के लिए हिदायतें भी दीं।
कैप्टन के ऐलान से पावरकॉम पर 350 करोड का बोझ
उपभोक्ताओं के लिए राहत का ऐलान किए जाने से पावरकॉम पर 350 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि बिजली विभाग द्वारा कर्फ्यू/लॉकडाउन की बंदिशें ख़त्म होने तक अदायगी न करने पर कोई भी कनेक्शन नहीं काटा जाएगा। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि पीएसपीसीएल को अपना बकाया अदा करने से असमर्थ होने की इस स्थिति के मद्देनजऱ उपभोक्ताओं को राहत देने का ऐलान किया गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार सभी घरेलू और व्यापारिक उपभोक्ताओं को 20 मार्च, 2020 को या इसके बाद अदा करने वाले मौजूदा महीनावार / दो-माह के 10,000 रुपये तक के बिल की निर्धारित तारीख़ बिना किसी लेट फीस के 20 अप्रैल, 2020 तक कर दी गई है। इसके अलावा, उन खपतकारों को (पहले के बकाये के अलावा) 1 प्रतिशत छूट दी जाएगी जो डिजिटल तरीके से बिजली के बिलों का भुगतान सही निर्धारित तारीख़ पर करेंगे।
यह सब रियायतें सभी औद्योगिक उपभोक्ताओं – मीडियम और बड़े स्तर पर सप्लाई वाले औद्योगिक उपभोक्ताओं के 20 मार्च या इसके बाद के बिजली बिलों की अदायगी पर भी लागू रहेंगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि औद्योगिक उपभोक्ताओं को 23 मार्च 2020 के बाद अगले दो महीनों के लिए फिक्स चार्जेस से छूट दी जाए और उनके बिजली के बिल निश्चित प्रभार (एकल दर) में कटौती के अनुरूप हो सकते हैं। इसी पर राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने आज एक और पत्र कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखकर मांग की है कि फिक्स चार्जेस की छूट छोटे उदयोगों को भी दी जाए। अपने पत्र में बाजवा ने कहा कि यह छूट छोटी इंडस्ट्री, व्यापारियों, दुकानदारों और दफ़तरों को भी दी जाए जिनकी गिनती 80 फीसद है।
उधर, सरकार ने कहा है कि संशोधित बिजली के बिलों का उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान किया जाएगा और सब्सिडी पर विचार नहीं किया जाएगा, इसलिए मीडियम और बड़े स्तर पर सप्लाई वाले औद्योगिक उपभोक्ताओं जिनके यूनिट इस समय के दौरान बंद हैं को बिजली के बकाया की अदायगी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बिजली विभाग के प्रमुख सचिव ए वेनू प्रसाद को निर्देश दिए कि राज्य में चल रही सभी स्वास्थ्य संस्थाओं जिनमें मेडिकल कॉलेज,अस्पताल, डिस्पेंसरियां, मेडिकल संस्थाएं और एकांतवास केंद्र शामिल हैं, को निर्विघ्न बिजली दी जाए। इसके अलावा गैर जरूरी सेवाओं जैसे कि मीटर रीडिंग और बिलों के लिए उपभोक्ताओं के स्थानों का दौरा करना, नए कनेक्शन जारी करने का काम लॉकडाउन के दौरान बंद कर दिया जाए।