आंकड़ों में कोरोना वायरस: महिलाओं से ज्यादा शिकार हुए पुरुष, पढ़िए विशेषज्ञों की राय
भारत सहित दुनिया में कोरोना वायरस (coronavirus) से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं डॉक्टरों (Doctors) का कहना है कि फिलहाल कोई अध्ययन नहीं आया है कि पुरुषों में इस संक्रमण का असर ज्यादा क्यों है. हालांकि, एक रिसर्च में दावा किया गया है कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.
नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों (Infected Patients) को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. देश में कोरोना मरीजों की संख्या और इससे जंग हारने वालों का आंकड़ा चौंकाने वाला है. सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोरोना के कुल मरीजों में से 76 प्रतिशत पुरुष संक्रमित हुए हैं, जबकि सिर्फ 24 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से संक्रमित हुई हैं. अगर दुनिया के दूसरे देशों की भी बात करें तो वहां भी कोरोना से संक्रमित मरीजों में से 24-25 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबकि बाकी पुरुष हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा तेजी से फैलती है?
महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा संक्रमित हुए
अगर भारत की बात करें तो इस वक्त यहां कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के मामले बढ़कर 4,789 हो गए जबकि इससे हुई मौत का आंकड़ा 124 पर पहुंच गया है. पिछले 24 घंटों में 508 नए COVID19 मामले सामने आए हैं और 13 मौतें हुई हैं. भारत के पॉजिटिव मामले बढ़कर 4,789 हो गए हैं. इसमें से 4312 एक्टिव मामले हैं जबकि 353 लोग ठीक हो चुके हैं, जिन्हें छुट्टी दी जा चुकी है. अभी तक मरने वालों की कुल संख्या 124 पहुंच गई है. इससे पहले सोमवार को 24 घंटों के दौरान 693 नए मामले सामने आए थे और 30 मरीजों की मौत हुई थी. अगर भारत में मरने वालों की बात करें तो 73% पुरुष और 27% महिलाएं हैं.
हरियाणा के झज्जर स्थित एम्स (AIIMS) के मेडिकल ऑफिसर और कोरोना के इंचार्ज डॉ राकेश गर्ग न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘देखिए फिलहाल अभी तक कोई भी पुख्ता वैज्ञानिक आधार इसको लेकर सामने नहीं आया है. जिससे हम कह सकें महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कोरोना के वायरस ज्यादा अटैक कर रहे हैं. हालांकि यह बात सत्य है कि दुनिया में और खासकर भारत में भी महिलाओं की तुलना में कोरोना से पुरुष ज्यादा संक्रमित हुए हैं. एम्स झज्जर में भी अब तक 200 कोरोना के मरीज आ चुके हैं, जिसमें 80 प्रतिशत पुरुष ही हैं. इसमें भी युवाओं में खासकर 30 साल के कम के लोग हमारे अस्पताल में ज्यादा संख्या में हैं. अभी दुनिया के किसी भी जरनल ने रिसर्च प्रकाशित नहीं किया है, जिससे हम कह सकते हैं कि इसका कोई वैज्ञानिक आधार है.’
चीन, अमेरिका में भी भारत जैसे ही आंकड़े
फिलहाल जो आंकड़े हैं उसके मुताबिक चीन में कोरोना वायरस के कारण होनेवाली मृत्यु दर से अंतर का पता चला. चीन में वायरस के संक्रमण से मरनेवालों में 2.8 प्रतिशत पुरुष और 1.7 प्रतिशत महिलाएं थीं. कमोबेश यही आंकड़ा इटली, स्पेन और अमेरिका में भी सामने आया है.
भारत सहित दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल कोई अध्ययन नहीं आया है कि पुरुषों में इस संक्रमण का असर ज्यादा क्यों है. हालांकि, एक रिसर्च में दावा किया गया है कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. यही कारण है कि कोरोना वायरस पुरुषों में संक्रमण के खतरे को बढ़ा देता है. इन डॉक्टरों का मानना है कि पुरुषों के लिए इस संक्रमण के ज्यादा घातक साबित होने के पीछे गहरे बायलोजिकल कारण छिपे हो सकते हैं.