WHO की इस गलती से फैला कोरोना? प्रमुख के इस्तीफे के लिए बढ़ा दबाव

अमेरिका के रिपब्लिकन सीनेटर मार्था मैकसैली ने कहा है कि WHO प्रमुख टेड्रोस को चीन के कवर-अप के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से पारदर्शिता नहीं रखने के लिए कुछ हद तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख भी दोषी हैं.

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कोरोना वायरस को लेकर अमेरिकी राजनेताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडहैनम घेब्रियेसुस के इस्तीफे की मांग की है. कोरोना को लेकर चीन ने जो रेस्पॉन्स दिया और WHO की ओर से उसे जिस तरह से मैनेज किया गया, इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन पर दबाव बढ़ रहा है. वहीं, दुनिया में कोरोना के संक्रमण और मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है.

कोरोना वायरस को लेकर चीन की कम्यूनिस्ट सरकार पर भरोसा करने के लिए अमेरिकी राजनेता WHO प्रमुख पर सवाल उठा रहे हैं. कई पश्चिमी देशों के जानकारों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण को लेकर चीन ने सही आंकड़ा पेश नहीं किया.

अमेरिका के रिपब्लिकन सीनेटर मार्था मैकसैली ने कहा है कि WHO प्रमुख टेड्रोस को चीन के कवर-अप के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से पारदर्शिता नहीं रखने के लिए कुछ हद तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख भी दोषी हैं.

WHO प्रमुख टेड्रोस 55 साल के हैं और इथियोपिया के रहने वाले हैं. ट्रेडोस को लेकर सीनेटर मैकसैली ने कहा कि उन्होंने दुनिया को ‘धोखा दिया.’ इतना ही नहीं, टेड्रोस ने कोरोना वायरस रेस्पॉन्स को लेकर चीन की ‘पारदर्शिता’ की तारीफ भी की थी.

मैकसैली ने कहा कि उन्होंने कभी किसी कम्युनिस्ट पर भरोसा नहीं किया और चीनी सरकार ने अपने यहां पैदा होने वाले वायरस को छिपाया और इसकी वजह से अमेरिका और दुनिया में अनावश्यक मौतें हुई हैं. इसलिए टेड्रोस को इस्तीफा दे देना चाहिए.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में जब चीन में 17,238 संक्रमण के मामले आ चुके थे और 361 लोगों की मौत हो चुकी थी, तब टेड्रोस ने कहा था कि ट्रैवल पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है.

WHO की इस गलती से फैला कोरोना? प्रमुख के इस्तीफे के लिए बढ़ा दबाव

 

कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि चीन में कोरोना वायरस से हुई मौतों का असल आंकड़ा 40 हजार तक हो सकता है. आधिकारिक रूप से चीन ने करीब 3300 मौत की बात ही कही है.
वुहान में आधिकारिक तौर से सिर्फ 2548 लोगों की जान गई है. लेकिन स्थानीय एक्टिविस्ट का कहना है कि यहां के शवदाह गृह से रोज 500 लोगों को अस्थि कलश दिए गए. शवदाह गृहों के बाहर लंबी लाइनें भी देखी गईं.
अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर टेड क्रूज ने भी WHO प्रमुख को हटाने की बात कही है. उनके प्रवक्ता ने The Washington Free Beacon से कहा- वैश्विक स्वास्थ्य और वायरस के संक्रमण को रोकने के इतर WHO लगतार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की ओर झुकी हुई दिख रही है. सीनेटर क्रूज को लगता है कि WHO ने जरूरी क्रेडिबिलिटी खो दी है.
फ्लोरिडा के राजनेता मार्को रुबियो ने भी कहा है कि महामारी को जिस तरह से हैंडल किया गया उसके लिए WHO प्रमुख की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि WHO प्रमुख ने बीजिंग को दुनिया को गुमराह करने की इजाजत दी. इस वक्त वे या तो मिले हुए हैं या फिर खतरनाक रूप से असक्षम हैं.
वहीं, यूएन में पूर्व अमेरिकी अम्बैसडर निकी हेली ने भी कोरोना वायरस को लेकर WHO के बयानों की आलोचना की थी. उन्होंने ट्वीट करके कहा था- WHO ने इसे 14 जनवरी को पोस्ट किया था कि WHO को इंसानों से इंसानों में कोरोना वायरस फैलने के स्पष्ट सबूत नहीं मिले हैं. WHO को दुनिया को बताना चाहिए कि क्यों उन्होंने चीनी शब्दों का इस्तेमाल किया.
WHO की इस गलती से फैला कोरोना? प्रमुख के इस्तीफे के लिए बढ़ा दबाव

 

कोरोना वायरस को लेकर अमेरिकी राजनेताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडहैनम घेब्रियेसुस के इस्तीफे की मांग की है. कोरोना को लेकर चीन ने जो रेस्पॉन्स दिया और WHO की ओर से उसे जिस तरह से मैनेज किया गया, इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन पर दबाव बढ़ रहा है. वहीं, दुनिया में कोरोना के संक्रमण और मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है

 

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