सावधान- 10 करोड़ बुजुर्ग, 7.7 करोड़ शूगर और 40 करोड़ बीपी के रोगियो के लिए है खतरनाक समय
बता दें कि देश में अभी तक कोरोना से जितने भी मरीज मिले हैं उनमें से 16.69 फीसदी 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं.
नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) की चेन तोड़ने के लिए 21 दिन के लॉक डाउन (Lock down) की घोषणा पीएम मोदी (Narendra Modi) पहले ही कर चुके हैं. देश में लॉक डाउन के 12 दिन पूरे भी हो चुके हैं. ऐसे में अब इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि क्या 15 अप्रैल से देशभर से लॉक डाउन को खत्म कर दिया जाएगा. इन सवालों के बीच अब स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अभी और सतर्क करने की बात कही कही गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि खतरा अभी टला नहीं है. अभी भी बुजुर्गों को विशेष रूप से आगे भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.
दुनियाभर में कोरोना वायरस के मरीजों को देखने से पता चला है कि वायरस का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों और बच्चों को हुआ है. इसके अलावा कोरोना वायरस ने डायबिटीज, हार्ट, हाइपरटेंशन और किडनी से संंबंधित बीमारी वालों पर गहरा असर किया है. बता दें कि देश में अभी तक कोरोना से जितने भी मरीज मिले हैं उनमें से 16.69 फीसदी 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं.
ऐसे में देश के 10 करोड़, 7.7 करोड़ डायबिटिक, 11.35 करोड़ किडनी और 40 करोड़ हाई ब्लड प्रेशर से परेशान हैं, उन्हें लॉक डाउन खुलने के बाद और भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. इसी के साथ नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक देश की कुल आबादी में 8.5 फीसदी 0 से 4 वर्ष के बच्चे है जबकि 8.9 फीसदी 5 से 9 वर्ष तक की आयु के बच्चे हैं. कोरोना के इस खतरनाक दौर में इन बच्चों में संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा है. ऐसे में बच्चों को भी ज्यादा से ज्यादा घर में रखने की जरूरत है.
कोरोना से बचने का एक ही मंत्र, घर पर रहे सुरक्षित रहें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस समय हालात हमारे नियंत्रण में हैं और बहुत जल्द इसका असर दिखने लगेगा. इसके बावजूद जिन जिन इलाकों और शहरों में लॉक डाउन खोला जाएगा वहां के बुजुर्गों और बच्चों को और भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी. मंत्रालय की ओर से एक फिर कहा गया है कि सोशल डिस्टेसिंग से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है. ऐसे में घर पर रहे सुरक्षित रहें.