कोरोना वायरस को लेकर चीन से वसूला जाए 6.5 खरब डॉलर का हर्जाना, ब्रिटेन में उठी मांग
'द संडे मॉर्निंग हेराल्ड' की लंदन ब्यूरो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, द हेनरी जैकसन सोसाइटी ने दुनियाभर में कोरोना वायरस (COVID-19) फैलाने के आरोप में चीन से हर्जाने की मांगने की अपील है.
लंदन. कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को कम करने के लिए चीन पर दबाव बनाने की कंजरवेटिव सांसदों की मांग के बाद ब्रिटेन के थिंक टैंक ने चीन पर घातक वायरस फैलाने पर कानूनी कार्रवाई और मुकदमा करने के लिए 10 संभावित कारण बताए हैं.
‘द संडे मॉर्निंग हेराल्ड’ की लंदन ब्यूरो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, द हेनरी जैकसन सोसाइटी ने दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने के आरोप में चीन से हर्जाने की मांगने की अपील है. रिपोर्ट में जैकसन सोसाइटी के हवाले से लिखा गया है कि कोरोना फैलाने के लिए चीन पर अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत मुकदमा ठोंकना चाहिए और उससे कोरोना से हुए आर्थिक नुकसान की पूर्ति के लिए भारी हर्जाना वसूला जाना चाहिए.’
द हेनरी जैकसन सोसाइटी ने बताया कि कोरोना से दुनियाभर के देशों में कम से कम 6.5 ट्रिलियन डॉलर (85,12,31,55,000.0 भारतीय रुपया) का आर्थिक नुकसान हुआ है, जो जी-7 देशों द्वारा वहन किया जा रहा है; क्योंकि लॉकडाउन के चलते इंडस्ट्रीज और बाकी काम बंद हैं. ऐसे में चीन से पूरा हर्जाना वसूला जाना चाहिए.
रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि चीन की वजह से ऑस्ट्रेलिया पर भी दवाब बढ़ा है, क्योंकि आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित देश के 60 लाख लोगों के वेतन और पारिश्रमिक को बनाये रखने के लिए 130 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की.
अखबार ने अपनी रिपोर्ट में द हेनरी जैकसन सोसाइटी के हवाले से लिखा- ‘कोरोना से हुए आर्थिक नुकसान का आंकलन करने के बाद संभावित अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रक्रियाओं के तहत चीन पर मुकदमा किया जाना चाहिए और हर्जाना वसूला जाना चाहिए.’
चीन ने दावों को किया खारिज
हालांकि, चीन के थिंक-टैंक यूके के थिंक-टैंक से इतर राय रखते हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन समेत कई नेताओं ने इस रिपोर्ट को आधारहीन बताया है. उनका कहना है कि कोरोना वायरस वुहान से ही बाकी देशों में फैला, ये दावा बिल्कुल गलत है. इसका कोई आधार नहीं है. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि कोरोना वायरस चीन के वुहान स्थित एक वायरोलॉजी लैब से एनिमल मार्केट में फैला, जो लैब से कुछ मीटर की दूरी पर ही है. इसके बाद ये पूरी दुनिया में फैल गया. चीन शुरुआत से इन खबरों को खारिज करता आया है.
अमेरिका ने भी किया है मुकदमा
इससे पहले कोरोना वायरस फैलाने के लिए अमेरिका भी चीन पर 20 ट्रिलियन डॉलर का मुकदमा कर चुका है. अमेरिकी कंपनी ने आरोप लगाया है कि चीन ने जानबूझकर यह वायरस छोड़ा है ताकि अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाया जा सके. अमेरिकी कंपनी ने दावा किया है कि चीन के वुहान शहर में वुहान वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट ने यह जैविक हथियार तैयार किया है. जिसमें चीन सरकार, चीनी सेना, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के डायरेक्टर शी झेनग्ली और चीनी सेना पर मेजर जनरल छेन वेई की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है.