कोरोना का असर / सीबीएसई का फैसला- लॉकडाउन के चलते 10वीं और 12वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं अब नहीं होंगी, 31 लाख बच्चों को राहत
कोरोनावायरस की वजह से बिगड़ रहे हालात को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने लिया निर्णय नौवीं और 11वीं के स्टूडेंट्स को असेसमेंट, प्रोजेक्ट, पीरियोडिक टेस्ट के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा
नई दिल्ली. लॉकडाउन के चलते बची परीक्षाएं नहीं हो पाने की चिंता में घुले जा रहे छात्रों और उनके अभिभावकों को सीबीएसई ने बड़ी राहत दी है। वोकेशनल समेत विभिन्न विषयों की 10वीं और 12वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षा अब नहीं होगी। लॉकडाउन की वजह से सीबीएसई ने यह निर्णय लिया है। सीबीएसई 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही कक्षा एक से 9 और 11वीं के छात्रों की परीक्षा के लिए बोर्ड की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। सीबीएसई के इस फैसले 31 लाख बच्चों को राहत मिली है।
इन परीक्षाओं और रिजल्ट को लेकर बच्चे और अभिभावक उलझन में थे। सीबीएसई के पीआरओ ने बताया कि कोरोनावायरस की वजह से बिगड़ रहे हालातों को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सीबीएसई के 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं।
12वीं में केवल मुख्य विषयों की होगी परीक्षा
10वीं बोर्ड के छात्रों को अब बची हुई विषयों की परीक्षा नहीं होगी। 10वीं बोर्ड के बच्चों की मुख्य विषयों की परीक्षा हो गई थी। सिर्फ वोकेशनल के कुछ विषय बचे रह गए थे। 12वीं बोर्ड के छात्रों के कई विषय अभी बचे रह गए थे। इसमें केवल मुख्य विषयों की परीक्षा होगी जो छात्रों के उच्च शिक्षण संस्थान में दाखिले के लिए जरूरी हैं। सीबीएसई पीआरओ सतीश कुमार ने बताया कि बचे हुए विषयों की बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने के लिए 10 दिन पहले केंद्रों को सूचित किया जाएगा।
इसी तरह जो भी मूल्यांकन कार्य शेष रह गया है, उसे दोबारा शुरू करने के तीन-चार दिन पहले सूचना भेजी जाएगी। 12वीं बोर्ड के आर्ट्स और कॉमर्स में कई विषय बचे हैं। साइंस की अधिकांश परीक्षाएं हो चुकी हैं। 12वीं की मुख्य विषय की परीक्षा जिसमें छात्र शामिल होंगे, उसमें बिजनेस स्टडी, भूगोल, हिंदी (इलेक्टिव, कोर), होम साइंस, सोशियोलॉजी, कंप्यूटर साइंस (पुराना), कंप्यूटर साइंस (नया) शामिल हें। इसके अलावा बाकी बचे वोकेशनल और अन्य विषय की परीक्षा नहीं होगी।
पास किए जाएंगे अन्य कक्षाओं के बच्चे
सीबीएसई ने कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट किए जाने की बात की है। वहीं कक्षा नौवीं व 11वीं के जिन स्कूलों में परीक्षा या रिजल्ट जारी नहीं हो सका है, उनमें छात्र-छात्रओं को स्कूल असेसमेंट, प्रोजेक्ट वर्क, पीरियोडिक टेस्ट, टर्म एग्जाम आदि के आधार पर अगली कक्षा यानी 10वीं और 12वीं में प्रमोट किया जाएगा। जो बच्चे कक्षा नौवीं व 11वीं में किसी एक या एक से अधिक भी विषय में फेल हैं, उन्हें ऑनलाइन कंटेंट मुहैया कर उनका ऑनलाइन टेस्ट लेकर प्रमोट करेंगे।
10वीं-12वीं के करीब 31 लाख बच्चे परीक्षा में बैठे
क्लास | रजिस्ट्रेशन | लड़कियां | लड़के | ट्रांसजेंडर |
12वीं | 12,06,893 | 52,02,819 | 64,04,068 | 6 |
10वीं | 18,89,878 | 78,08,195 | 11,01,664 | 19 |