लॉकडाउन के पॉजिटिव इफ़ेक्ट: वाराणसी-कानपुर में निर्मल हुई गंगा, 40 से 50 फीसदी तक साफ हुआ पानी

Lockdown Effect: आईआईटी बीएचयू के केमिकल इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी विभाग के प्रोफ़ेसर डॉ पीके मिश्रा के ने बताया कि फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण गंगा के पानी में सुधार हुआ है.

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कानपुर/वाराणसी. कोरोना वायरस (Coronavirus) की जंग जीतने के लिए लागू लॉकडाउन (Lockdown) का पॉजिटिव असर गंगा नदी (Ganga River) पर देखने को मिल रहा है. दशकों से गंगा को साफ करने की कवायद हो रही है. हालांकि, इसमें अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिल सकी है. लेकिन, 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान ही गंगा का पानी कानपुर और वाराणसी में 40 से 50 फ़ीसदी तक निर्मल और स्वच्छ हो गया है. दरअसल, लॉकडाउन की वजह से कानपुर में बंद पड़े उद्योगों की वजह से गंगा के जल की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है.

आईआईटी बीएचयू के केमिकल इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफ़ेसर डॉक्‍टर पीके मिश्रा के मुताबिक, वाराणसी और कानपुर में गंगा के पानी में 40-50 फ़ीसदी तक सुधार देखने को मिला है. एएनआई से बातचीत में आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर डॉ पीके मिश्रा ने कहा, ‘गंगा में अधिकतर प्रदूषण कंपनियों की वजह से होता है और लॉकडाउन की वजह से उनके बंद होने के कारण यह महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है.’

डॉक्‍टर मिश्रा के मुताबिक, 15-16 मार्च को हुई बरसात के बाद गंगा के जलस्तर में भी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा, अगर हम लॉकडाउन के पहले और बाद के हालात पर नजर डालें तो बदलाव साफतौर पर देखा जा सकता है.

वाराणसी के स्थानीय लोगों के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से लोग गंगा स्नान नहीं कर रहे हैं और फैक्टरियां भी बंद हैं. इसकी वजह से गंगा का पानी बहुत साफ नजर आ रहा है. लॉकडाउन की वजह से ऐसा बदलाव देखकर खुशी हो रही है. कानपुर के लोगों का भी गंगा को लेकर कुछ ऐसा ही मानना है.

बता दें कि लॉकडाउन के कारण देशभर की फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं. ऐसे में वायु, ध्‍वनि और जल प्रदूषण में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिल रहा है. वायु प्रदूषण की जद में रहने वाली देश की राजधानी दिल्‍ली में हवा की गुणवत्‍ता में उल्‍लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है. फैक्ट्रियां बंद होने का असर शहर से गुजरने वाली यमुना नदी पर भी पड़ा है.

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