पीएम मोदी ने देश से 5 अप्रैल को यानी आज रात 9 बजे घर के बाहर या बालकनी में दीपक लगाने के लिए आग्रह किया है। मोदी के आह्वान से अलग आज जो तिथि और योग बन रहे हैं, उनमें घर की दहलीज पर दीपक लगाने की परंपरा वैसे भी है। रविवार को दिन में मदन द्वादशी और रात 9 के पहले त्रयोदशी तिथि लग जाएगी। दोनों ही तिथियों में सनातन परंपरा में घर की दहलीज या आंगन में दीपक लगाने का नियम बताया गया है। मोदी के दीपक लगाने की अपील को कुछ लोग विज्ञान से जोड़ रहे हैं, तो कुछ मनोविज्ञान से। लेकिन, पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने इसे योग वासिष्ठ ग्रंथ के सामूहिक चेतना के सिद्धांत पर आधारित बताया है।
- डॉ. अग्रवाल ने योगवशिष्ठ ग्रंथ में बताए सामूहिक चेतना के सिद्धांत को समझाते हुए कहा कि जैसा 1 प्रतिशत लोग सोचते हैं वैसा ही 99 प्रतिशत लोग सोचेंगे। इसलिए, एक साथ दीपक लगाकर प्रार्थना करने से लोगों में एंग्जाइटी और डिप्रेशन दूर हो सकता है। इसके साथ ही उत्साह बढ़ेगा और बीमारियों से लड़ने की ताकत भी मिलेगी। डॉ अग्रवाल बताते हैं कि वेदों के अनुसार अगर पवित्र विचारों के साथ साफ मन से समूहिक रूप से विशेष प्रार्थना की जाए तो उसका सकारात्मक प्रभाव मिलता है। वहीं काशी के संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्रा और जयपुर के अंक ज्योतिषी डॉ. कुमार गणेश ने भी इसे महत्वपूर्ण बताया है।
5 अप्रैल को ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग
- ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्रा के अनुसार रविवार को रात 9 बजे त्रयोदशी तिथि रहेगी। इसे विजया तिथि कहा गया है। इस तिथि में किसी खास कामना के साथ किए गए काम पूरे होते हैं और उसमें जीत मिलती है। इसके साथ ही गंड नाम का योग बन रहा है। उन्होंने बताया कि इस समय कौलव नाम का करण रहेगा। इस अशुभ योग के प्रभाव से किसी बीमारी का उपचार करने से उसकी गति रुक जाती है।
- पं. मिश्रा ने बताया कि सारावली ग्रंथ के अनुसार रात 9 बजे की कुंडली में चंद्रमा और बुध से जप ध्यान समाधि योग बन रहा है। उस समय तुला लग्न की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति आरोग्य योग बन रहा है। इस योग में विशेष कामना के साथ किए गए काम से लंबी उम्र, संपदा और राजाज्ञा यानी राजनैतिक शक्तियों से सुख मिलता है। त्रयोदशी तिथि के दौरान शाम या रात में घर की दहलीज पर दीपक लगाने से यमराज उस घर में रहने वाले लोगों के कष्ट दूर करते हैं।
स्कंध पुराण में एक श्लोक है
मृत्युना दंडपाशाभ्याम कालेन श्यामाहा सहा।
त्रयोदश्यां दीपदानात सूर्यज: प्रयतां मम ।।
अर्थ – त्रयोदशी तिथि में दीपक जलाने के बाद यमराज को प्रणाम करना चाहिए। ऐसा करने से यम प्रसन्न होते हैं और कष्ट दूर कर देते हैं।
अंक ज्योतिष: सामूहिक चेतना और बुद्धि से जीत का दिन
- अंक ज्योतिषी डॉ कुमार गणेश के अनुसार रविवार 5 अप्रैल को अंको का विशेष संयोग बन रहा है। डॉ कुमार गणेश ने बताया कि 5 अंक बुध का कारक है। वहीं पूरी तारीख 5-4-2020 को आपस में जोड़ने पर 13 आता है। इस अंक में सूर्य और बृहस्पति दोनों का प्रभाव है। जहां सूर्य देश के राजा का कारक है वहीं बृहस्पति चेतना और बुद्धि को प्रभावित करता है। इसलिए इस दिन देश के राजा के आग्रह पर सामूहिक चेतना और बुद्धि के प्रयोग के साथ दीपक और अन्य चीजों के इस्तेमाल से प्रकाश करना शुभ है। क्योंकि अंक ज्योतिष के अनुसार रविवार को सूर्यास्त के बाद राहु हावी हो जाता है। इस दौरान राहु के अशुभ असर से बचने के लिए सूर्य का प्रभाव बढ़ाना चाहिए यानी प्रकाश करना शुभ माना गया है।
- डॉ गणेश दिन की तारीख यानी 5 के बारे में बताते हैं कि ये अंक बुध का कारक है। बुध के शुभ प्रभाव से 5 दिन बाद यानी 10 अप्रैल से देश के कई हिस्सों में इस बीमारी से राहत मिलने की संभावना है। वहीं 14 दिन बाद यानी 19 अप्रैल से देश और ज्यादा अच्छी स्थितियां में आने लगेगा। इसके बाद 5 अप्रैल से 23 दिन बाद यानी 28 अप्रैल से देश इस बीमारी का प्रभाव बहुत कम हो जाएगा।
- वहीं अंक 13 को आपस में जोड़ने पर 4 आता है। जो कि राहु का अंक है। और वहीं महीने का अंक भी 4 ही है। इसके अलावा 21 मार्च से 20 अप्रैल तक चलित अंक 9 यानी मंगल का अंक रहेगा। अंक ज्योतिष के अनुसार रविवार को सूर्यास्त के बाद राहु हावी हो जाता है। इस दौरान राहु के अशुभ असर से बचने के लिए सूर्य का प्रभाव बढ़ाना चाहिए यानी प्रकाश करना शुभ माना गया है। मंगल अग्नि और प्रकाश का भी कारक ग्रह है। इसलिए, रविवार को इन 3 विशेष ग्रहों का प्रभाव देश को 5 दिन बाद यानी 10 अप्रैल से राहत मिल सकती है। 14 दिन बाद यानी 19 अप्रैल से और ज्यादा अच्छी स्थिति बनेगी। वहीं 23 दिन बाद यानी 28 अप्रैल बाद और अच्छी स्थिति बनेगी।