मुंबई. राकांपा (NCP) ने कोरोना वायरस (CoronaVirus) को हराने की ‘सामूहिक शक्ति’ की भावना प्रदर्शित करने के लिए लोगों से दीये जलाने की अपील करने वाले संदेश को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की शु्क्रवार को आलोचना की. पार्टी ने कहा कि इस संदेश ने नागरिकों को काफी निराश किया है और प्रदेश के एक मंत्री ने ऐसा करने के लिये कहने को बेहद मूर्खतापूर्ण करार दिया. वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार के पोते रोहित पवार ने राकांपा के रुख से अलग पीएम मादी के संदेश का समर्थन किया है.
दिव्याच्या माध्यमातून देशाला कोरोनाविरोधात एकत्र आणण्याचा पंतप्रधान @narendramodi जी यांचा हेतू असावा. तसं असेल तर त्याचं स्वागतच करायला हवं. अशाच प्रकारे आपल्या सोशल मिडिया अकाऊंटवरही राष्ट्रध्वजाचा डीपी ठेऊन एकतेचा हाच संदेश अधिक घट्ट करु, असं देशाचा नागरिक म्हणून मी आवाहन करतो
— Rohit Pawar (@RRPSpeaks) April 3, 2020
रोहित ने कहा- पीएम मोदी के विचार का स्वागत
रोहित ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य देश को रोशनी के माध्यम से एक साथ लाना है और अगर ऐसा है तो हमें इस विचार का स्वागत करना चाहिए. देश के नागरिक के रूप में मैं आपसे आग्रह करता हूं कि हमारे देश के झंडे को अपने सोशल मीडिया डीपी के रूप में लगाएं और एकजुटता का संदेश दें.’
महाराष्ट्र के मंत्री ने पीएम पर लगाए ये आरोप
वहीं महाराष्ट्र के आवास मंत्री एवं राकांपा नेता जितेंद्र अवहाड ने कहा कि वह अपने घर की लाइट नहीं बंद करेंगे क्योंकि वह ‘मूर्ख नहीं’ हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार सुबह देशवासियों से अपील की कि वे रविवार पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए अपने घरों की बालकनी में खड़े रह कर मोमबत्ती, दीये, टॉर्च या मोबाइल फोन की ‘फ्लैशलाइट’ जलायें.
बात करने के बजाय दीये जलाने को कहा गया: नवाब मलिक
महाराष्ट्र के एक और मंत्री एवं राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि यह अपेक्षा की जा रही थी कि मोदी कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बात करेंगे लेकिन इसके बजाए लोगों से दीये जलाने को कहा गया. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि मोदी जी के शुक्रवार सुबह नौ बजे के भाषण से लोग काफी निराश हैं.
उन्होंने कहा कि लोगों को अपेक्षा थी कि प्रधानमंत्री कोविड-19 संक्रमण को काबू करने के लिए उठाए गए केंद्र के कदमों के बारे में बात करेंगे और संक्रमित लोगों के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताएंगे, लेकिन उन्होंने दीये जलाने को कहा.
‘उम्मीद थी कि पीएम भोजन और स्वास्थ्य पर करेंगे बात’
मोदी पर निशाना साधते हुए जितेंद्र अवहाड ने यह भी कहा कि उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री लोगों को आवश्यक सेवाओं और भोजन उपलब्ध कराने के बारे में बात करेंगे तथा देश में मास्क, सेनेटाइजर एवं दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता के बारे में उन्हें जानकारी देंगे.
अवहाड ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री लोगों, खासकर गरीबों के जीवन पर कुछ रोशनी डालेंगे जो इस महामारी की वजह से अंधकार का सामना कर रहे हैं लेकिन इसके बजाए उनसे लाइटें बुझाकर मोबाइल की ‘फ्लैशलाइट’ जलाने को कहा गया, इसलिये लोगों से ऐसा करने को कहना बिल्कुल ही ‘मूर्खतापूर्ण और बचकाना’ है.
मैं अपनी घर की लाइट बंद रहीं करुंगा: महाराष्ट्र मंत्री
मंत्री ने कहा कि वह लोगों के बीच काम कर रहे हैं और अपने घर की लाइट बंद नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं गरीबों को मोमबत्ती और दीये का तेल खरीदने के लिये जरूरी पैसे दूंगा. लेकिन मैं अपने घर की लाइटें बंद नहीं करूंगा और मोमबत्ती भी नहीं जलाउंगा. मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि मैं मूर्ख नहीं हूं.