Corona Lockdown: जरूरतमंदों को Whatsapp पर नए-नए तरीके अपनाकर ऐसे पहुंचा रहे मदद

व्हाट्सएप (Whatsapp) की वजह से ही आज बहुमंजिला इमारत के फ्लैट (Flat) में मदद पहुंच रही है तो गली-मोहल्लों में भी.

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नई दिल्ली. व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी (Whatsapp University) से हो क्या? अपना व्हाट्सएप ज्ञान अपने पास ही रखो. अरे छोड़ो यार, व्हाट्सएप पर कभी सही खबर भी आती है क्या?, ये वो कमेंट हैं जो अक्सर सुने जाते हैं. कभी-कभी तो व्हाट्सएप को टाइम पास और फेक न्यूज (Fake News) का अड्डा तक कहा जाता है. लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) की बंदिशों के बीच एक व्हाट्सएप ही है जो न सिर्फ मददगार बन रहा है बल्कि मदद के जरूरतमंदों को मिला रहा है. इस व्हाट्सएप की वजह से ही आज बहुमंजिला इमारत के फ्लैट में मदद पहुंच रही है तो गली-मोहल्लों में भी.

तरीके भी ऐसे-ऐसे कि आप भी बोल उठेंगे कि वाह, यह होता है जज़्बा. ऐसे ही कुछ व्हाट्सएप ग्रुप की कहानी आज न्यूज़़ 18 हिन्दी आपको बताने जा रहा है.

अनोखा हैं बा-बापू फूड ड्राइव (गांधी) का तरीका

हमें व्हाट्सएप पर बने बा-बापू फूड ड्राइव (गांधी) ग्रुप के बारे में जानकारी मिली. पता लगा कि यह देशभर में जरूरमंदों तक पका हुआ खाना और राशन पहुंचा रहे हैं. बात चौंकाने वाली थी कि पका हुआ खाना देशभर में कैसे पहुंचा रहे हैं. हमने इस ग्रुप के एक एडमिन गुलाम हसन से बात की. उन्होंने जो बताया उसे आप भी जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एडमिन गुलाम हसन की ज़ुबानी पढ़िए.

दिल्ली में हुए दंगों के दौरान हमने यह ग्रुप बनाया था. जामिया के छात्रों से शुरु हुआ यह ग्रुप दिल्ली की आवाम के बीच भी पहुंच गया था. कुछ राशन हम जमा करते और कुछ दूसरे लोगों से मिल जाता. इस तरह हम हर तबके और मजहब के लोगों तक खाना पहुंचा रहे थे.

इसी तरह करते-करते लॉकडाउन का ऐलान हो गया. तब हमें लगा कि असली काम तो अब शुरू हुआ है. धीरे-धीरे हमारे ग्रुप से कई राज्यों से लोग जुड़ गए. अब हमारे पास दो तरह के मैसेज आते हैं. एक जरूरतमंद के और दूसरे वो लोग हैं जो हमे राशन देना चाहते हैं कि इसे जरूरतमंद तक पहुंचा दो.

ऐसे बांटा जा रहा है पका हुआ खाना.

मददगार और जरूरतमंद की ऐसे बनाई चेन

गुलाम हसन ने बताया कि जैसे हमारे पास मैसेज आया कि भोपाल में चार परिवार हैं और उन्हें राशन की जरूरत है. अब होता यह है कि हम भोपाल वालों को बता देते हैं. भोपाल वाले उन लोगों से संपर्क करते हैं जो राशन बंटवाना चाहते हैं और पहले से हमें बता भी चुके हैं.

सप्लाई होने वाला राशन.

उनसे राशन लेकर हम परिवार तक पहुंचा देते हैं. अगर किसी शहर से पके हुए खाने की डिमांड आती है और वहां हमारा कोई सदस्य नहीं है तो हम कैसे भी करके उस शहर की एनजीओ से संपर्क करते हैं. उन्हें उस जरूरत के बारे में बता दिया जाता है.

हरियाणा में किराना दुकानदारों ने बनाया व्हाट्सएप ग्रुप

हरियाणा व्यापार मंडल के व्यापारियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है. इस ग्रुप से अब तक शहर के 80 व्यापारी जुड़ चुके हैं. इसके लिए जिला प्रधान बलराम गुप्ता ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया. इस ग्रुप में शहर के 70 से अधिक व्यापारियों को जोड़ा गया.

पिछले छह दिन से रोजाना आठ से दस व्यापारी अपनी मर्जी से राशन किट बांट रहे हैं और इसकी जानकारी बाकायदा व्हाट्सएप ग्रुप में दी जाती है. इसके मुताबिक ही परिवार संख्या और क्षेत्र निर्धारित होते हैं. उधर, मानव सेवा नाम के व्हाट्सएप ग्रुप से अनीशपाल, बजरंग कोसलीवाल और सुशील यादव आदि फरीदाबाद में रोजाना करीब 2 हजार लोगों तक खाने के पैकेट पहुंचा रहे हैं.

 

मेरठ में समाजसेवियों ने शुरू की मोदी रसोईं, हजारों गरीबों को रोज कराएंगे भोजन

मेरठ में समाजसेवियों ने शुरू की मोदी रसोईं, हजारों गरीबों को रोज कराएंगे भोजन

मेरठ. कोरोना (COVID-19) के खिलाफ जंग में समूचा देश अपना योगदान दे रहा है. कोई घर में रहकर लॉक डाउन (Lockdown) का पालन कर देशसेवा कर रहा है तो कोई कर्मवीर और योद्धा बनकर देशभक्ति के कार्य में लगा हुआ है. इन्हीं में से कुछ कर्मवीर हैं, जो गरीबों असहायों को भोजन कराना अपनी फर्ज़ समझते हैं. ऐसे ही कुछ समाजसेवियों ने मेरठ (Meerut) में अनोखी शुरुआत की है. मेरठ के समाजसेवियों ने गरीबों, असहायों तक भोजन पहुंचाने के लिए मोदी रसोईं की शुरुआत की है.

रसोई में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल

मोदी रसोईं में रोज़ाना हज़ारों लोगों का खाना बनेगा. ये लोग हर वार्ड में जाएंगे और गरीबों असहायों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराएंगे. समाजसेवियों का कहना है कि मोदी जी जब हमारे देश के लिए इतना कुछ कर रहे हैं तो वो भी समुद्र में एक बूंद की तर्ज़ पर अपना योगदान दे रहे हैं. मोदी रसोईं में सोशल डिस्टेंसिंग और साफ सफाई का ख़ास ख्याल रखा जा रहा है. यहां जितने भी कर्मचारी काम कर रहे हैं सभी हाथों में ग्लब्स और सैनिटाइज़र के प्रयोग के बाद ही खाना बना रहे हैं.

थाली भी बजाई थी अब 5 अप्रैल को दिया भी जलाएंगे

मोदी रसोईं चलाने वाले लोगों का कहना है कि वो 5 अप्रैल को 9 बजे 9 मिनट के लिए दिया भी जलाएंगे ताकि पूरे विश्व को अहसास हो कि कोरोना के खिलाफ जंग में हिन्दुस्तान एकमुट्ठी बन चुका है. हम कोरोना को हराकर ही दम लेंगे. कोरोना के इन योद्धाओं का कहना है कि कोरोना के खिलाफ इस देशव्यापी लड़ाई वो वही करेंगे जो मोदी जी कहेंगे. इन लोगों का कहना है कि मोदी जी ने जनता कर्फ्यू के दौरान ताली और थाली बजाने के लिए कहा था और पूरा देश इस अभियान का हिस्सा बन गया. अब 5 अप्रैल को कोरोना खिलाफ जंग में दिए की ताकत का भी अहसास विश्व को हो जाएगा.

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