नई दिल्ली. प्रवासी मजदूरों को न्यूनतम वेतन देने संबंधी याचिया पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. सामाजिक संगठनों ने केंद्र सरकार से प्रवासी श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान और लॉकडाउन से प्रभावित स्वरोजगार से प्रभावित गरीबों को तुरंत भुगतान करने की मांग की है. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार से 7 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंधेर और अंजलि भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रवासी मजदूरों को न्यूनतम वेतन देने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस को लेकर देश भर में लागू लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों के बीच अनिश्चितता का माहौल है. राजधानी दिल्ली जैसे बड़े शहरों को छोड़कर मजदूर अपने गांव वापस लौटने की कोशिश में दिख रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार ने राज्यों से लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को रोकने के लिए राज्य और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील करने को कहा है. इसके बाद से प्रवासी मजदूरों के लिए खाने पीने और अपने परिवार को पालने का संकट गहरा गया है.
इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान गरीब, जरूरतमंद लोगों और दिहाड़ी मजदूरों को भोजन, आश्रय मुहैया कराने के लिए समुचित इंतजाम किए जाएंगे. सरकार की ओर से निर्देश दिया जा चुका है कि जो भी लोग घरों के लिए निकले हैं, उन्हें राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें हेल्थ प्रोटोकॉल के अनुसार पूरी जांच करने के बाद कम से कम 14 दिन के लिए क्वारंटीन सेंटर में रखें. सरकार की ओर से सभी नौकरी प्रदाताओं को निर्देश दिया गया है कि वे उनके यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों को बिना किसी कटौती के वेतन दें.