पहले गुस्ताखी, अब बदतमीजी / गाजियाबाद के क्वारैंटाइन सेंटर में बिना कपड़ों के घूम रहे तब्लीगी जमात के लोग; नर्सों को भद्दे इशारे किए, सिगरेट मांगी
निजामुद्दीन स्थित मरकज बिल्डिंग में जमा लोगों को बाहर निकालने का सिलसिला बुधवार सुबह तक चला, 2 हजार लोग निकाले गए मरकज में मार्च में करीब 5 हजार जमाती इकट्ठा हुए थे, इनकी वापसी से राज्यों में कम्युनिटी संक्रमण का खतरा बढ़ा
नई दिल्ली. गाजियाबाद सीएमओ ने गुरुवार शाम जिले के डीएम से क्वारैंटाइन सेंटर में रह रहे तब्लीगी जमात के लोगों की शिकायत की है। सीएमओ ने कहा है कि एमएमजी हॉस्पिटल में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में तब्लीगी जमात के लोग बिना कपड़ों के घूम रहे हैं और नर्सों की ओर देखकर भद्दे इशारे कर रहे हैं। इस मामले में डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं। शिकायत मिलने के बाद पुलिस भी एमजीएम हॉस्पिटल पहुंच गई है। इससे पहले निजामुद्दीन स्थित मरकज की इमारत से बुधवार सुबह तक 2000 से ज्यादा जमातियों को बाहर निकाला गया। इसके बाद सुबह परिसर को सैनिटाइज किया गया।
तब्लीगी जमात के 167 लोगों को बसों के जरिए मंगलवार रात 9 बजकर 40 मिनट पर तुगलकाबाद क्वारैंटाइन सेंटर ले जाया गया था। इन्हें दो जगहों पर रखा गया है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया था कि ये लोग क्वारैंटाइन सेंटर में जगह-जगह थूक रहे हैं। इन लोगों ने डॉक्टरों और देखरेख में जुटे स्टाफ को गालियां दीं और उन पर थूका। ये लोग पूरी इमारत में घूम रहे हैं। एक व्यक्ति ने तो खुदकुशी की भी कोशिश की। यहां से निकले लोगों की तलाश में 22 से ज्यादा राज्यों में अभियान छेड़ा गया है। इनमें से कई लोगों को ट्रेस कर लिया गया है।
हैरान करने वाली बात यह है कि मरकज से गए गए लोगों में से अब तक 180 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इनमें तमिलनाडु में 77, आंध्र प्रदेश 43, दिल्ली में 24, तेलंगाना में 21, अंडमान-निकोबार में 9, असम में 5 और कश्मीर में एक कोरोना संक्रमित शामिल है।
तब्लीगी जमात के लोगों के कारण संक्रमण में बढ़ोतरी हुई- सचिव
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तब्लीगी जमात के लोगों के देशभर के अलग-अलग हिस्सों में जाने की वजह से संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले 24 घंटे मतें 386 मामले सामने आए हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि तब्लीगी जमात ने तालिबानी अपराध किया है। इसे प्रकार की आपराधिक गतिविधियों के लिए माफ नहीं किया जा सकता। जमात ने कई लोगों की जान खतरे में डाली है। ऐसे संगठनों और लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। हो सकता है कि ऐसा जानबूझकर किया गया हो और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन यात्रियों की तलाश में जुटा रेलवे जो जमातियों के संपर्क में आए होंगे
रेलवे उन पांच ट्रेनों के यात्रियों का पता लगाने में जुट गया है, जिनमें जमातियों ने दिल्ली से अपने-अपने गृह राज्यों का सफर किया था। ये सभी ट्रेनें 13 से 19 मार्च के बीच दिल्ली से रवाना हुईं थीं। इनमें आंध्र प्रदेश को जाने वाली दुरंतो एक्सप्रेस, चेन्नई तक जाने वाली ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस और तमिलनाडु एक्सप्रेस शामिल है। इसके अलावा, नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस और एपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस भी हैं। चिंता है कि इन ट्रेनों में हजारों यात्री इन जमातियों के संपर्क में आए होंगे। रेलवे इन ट्रेनों के यात्रियों की लिस्ट बनाने में जुटी है।
22 राज्यों में संक्रमण का खतरा बढ़ा
मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच हुए कार्यक्रम में देश-विदेश के 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। लेकिन, इसके बाद भी करीब 2000 से ज्यादा लोग यहां रुके रहे, जबकि ज्यादातर लॉकडाउन से पहले अपने घरों को लौट गए। यहां से संक्रमण का कनेक्शन दिल्ली समेत 22 राज्यों से जुड़ रहा है। इनमें तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, पुडुचेरी, कर्नाटक, अंडमान निकोबार, आंध्रप्रदेश, श्रीनगर, दिल्ली, ओडिशा, प.बंगाल, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात, मेघालय, मणिपुर, बिहार, केरल और छत्तीसगढ़ शामिल है।
सरकार की चिंता इसलिए बढ़ी हुई है कि मरकज से गए दो हजार से अधिक विदेशी जमाती देशभर में इधर-उधर घूम रहे हैं। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को इन्हें ढूंढकर तुरंत देश से बाहर निकालने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, मरकज से गए संक्रमितों के संपर्क में 22 राज्यों के 16 शहरों में कम से कम 10 हजार लोग आए हैं। राज्यों को भी इन लोगों की सूची भेज दी गई है। मरकज में संक्रमण का खुलासा होने के बाद केंद्र ने देशभर के 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना के 16 हॉटस्पॉट चिह्नित किए हैं। सोमवार तक ऐसे 10 हॉटस्पॉट थे। ये वे जगहें हैं, जहां संक्रमण का सामुदायिक फैलाव (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) हो सकता है।
मरकज में शामिल होने के लिए 2100 विदेशी पहुंचे थे
- गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि इस साल मरकज में शामिल होने के लिए 2100 विदेशी पहुंचे थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान के लोग शामिल हैं। आमतौर पर मरकज में पहुंचने वाले विदेशी निजामुद्दीन में बंगलेवाली मस्जिद में अपने पहुंचने की सूचना देते हैं। अब तक मरकज में शामिल होने वाले 2,137 लोगों की पहचान करके उनकी मेडिकल जांच की जा चुकी है। 1339 लोगों को नरेला, सुल्तानपुरी, बक्करवाला, झज्जर और एम्स में क्वारैंटाइन किया गया है। 303 में कोरोना के लक्षण थे, जिन्हें दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराया है।
- गृह मंत्रालय ने बताया था कि 21 मार्च तक हजरत निजामुद्दीन मरकज में 1 हजार 746 लोग ठहरे हुए थे। इनमें 216 विदेशी और 1530 भारतीय थे। मरकज के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में 824 विदेशी 21 मार्च तक तब्लीगी गतिविधियों में शामिल थे। राज्यों की पुलिस को देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद 824 विदेशियों की जानकारी दी गई थी, ताकि सभी की मेडिकल स्क्रीनिंग और क्वारैंटाइन के इंतजाम किए जा सकें। 28 मार्च को सभी राज्यों को भारतीय तब्लीगी जमात के लोगों की जानकारी इकठ्ठा करने की सलाह दी गई थी, ताकि उन्हें जांच के बाद क्वारैंटाइन किया जाए।
आयोजकों पर एफआईआर
दिल्ली पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए धार्मिक सम्मेलन आयोजित किए जाने पर आयोजनकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और मरकज को सील कर दिया है। पुलिस ने वीडियो जारी कर बताया है कि हमने 23 मार्च को ही मरकज के वरिष्ठ लोगों को कार्यक्रम न करने की सलाह दी थी।