Coronavirus : तेलंगाना में तीन और कोरोना पीड़ितों की मौत, दिल्ली की तबलीगी जमात में हुए थे शामिल

वहीं, 1 अप्रैल को क्वारेंटाइन में रखे गए तबलीगी जमात के लोगों ने आइसोलेनशन सेंटर में डॉक्टरों और स्वास्‍थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी की. उत्‍तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार के मुताबिक ये सभी लोग पृथक केंद्र में जगह-जगह थूक रहे हैं. इसके साथ ही ये डॉक्‍टरों और कर्मचारियों पर भी थूक रहे हैं. बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमित या संदिग्‍ध लोगों के थूकने से इसके संक्रमण के प्रसार का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

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नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में Coronavirus के 437 नए मामलों की पुष्टि करने के साथ कोरोना वायरस के 1834 मामले हो गए हैं और 41 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा घोषित आंकड़ों का योग करें तो कुल 2014 मामले हो चुके हैं और कम-से-कम 59 मौत हुई है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली उन जगहों में शामिल हैं जहां बड़ी संख्या में नये मामलों का पता चला है. दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 152 हो गए हैं जिनमें 53 वो लोग हैं जो निजामुद्दीन के आयोजन में शामिल हुए थे. महाराष्ट्र में बुधवार को यह संख्या 33 से बढ़कर 335 हो गई जिनमें अकेले मुंबई के 30 मामले शामिल हैं. संख्या में इजाफा होने की आशंका है क्योंकि पृथक रह रहे करीब 5,000 लोग उच्च जोखिम की श्रेणी में आते हैं. राज्य सरकार ने यह जानकारी दी है.

दिल्ली में तबलीगी जमात में शिरकत के बाद तमिलनाडु लौटे 110 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जिससे राज्य में संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 234 हो गई है.

तमिलनाडु में ऐसे 515 लोगों की पहचान हुई है जो निजामुद्दीन के आयोजन में शामिल हुए थे जबकि इनमें से 59 को पृथक रखा गया है. मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने बताया कि राज्य से करीब 1,500 लोग कार्यक्रम में शामिल हुए थे जिनमें से 1,131 लोग राज्य लौट आए हैं.

तेलंगाना में कोरोना वायरस के तीन और पीड़ितों की गुरुवार को मौत हो गई. तीनों दिल्ली की तबलीगी जमात में शामिल हुए थे. इसके बाद राज्य में मृतकों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है.सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फैक्ट चेक यूनिट बनाई है जो ईमेल से लोगों को तुरंत जवाब देकर उनके भ्रम दूर करेगी.सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फैक्ट चेक यूनिट बनाई है जो ईमेल से लोगों को तुरंत जवाब देकर उनके भ्रम दूर करेगी.

निजामुद्दीन इलाके में धार्मिक आयोजन मरकज (Markaz) में शामिल हुए 275 तबलीगी जमात के लोगों की पहचान कर ली गई है. ये सभी लोग विदेशी हैं और अब इन्हें क्वारेंटाइन कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, क्राइम ब्रांच और दिल्ली सरकार ने एक जॉइंट ऑपरेशन चलाया जिसके बाद 172 इंडोनेशियाई, 36 किर्गिस्तान और 21 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें क्वारेंटाइन किया गया है. ये सभी लोग कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्‍ध हैं. गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को स्पेशल सेल ने 200 विदेशियों के संबंध में दिल्ली सरकार को रिपोर्ट भी दी थी, वे सभी मरकज में शामिल हुए थे. अब क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 275 लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट किया है.

‘2361 लोगों को मरकज़ से निकाला गया’

राजधानी के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बुधवार को निजामुद्दीन मामले में बताया था कि पुलिस ने एक अभियान चलाकर मरकज में शामिल हुए 2361 लोगों निकाला है. साथा ही उन्होंने बताया था कि इस दौरान 617 लोगों में कोरोना (Corona) के लक्षण पाए गए जिन्हें अस्पताल भेजा गया है. वहीं अन्य लोगों को क्वारेंटाइन में रखा गया है. इस दौरान सिसोदिया ने उन सभी लोगों का आभार जताया जो इस ऑपरेशन का हिस्सा बने. उन्होंने कहा कि 36 घंटे चले इस ऑपरेशन में जिन्होंने भी सहयोग दिया और अपनी जान जोखिम में डाली मैं उनका आभारी हूं.

वहीं, 1 अप्रैल को क्वारेंटाइन में रखे गए तबलीगी जमात के लोगों ने आइसोलेनशन सेंटर में डॉक्टरों और स्वास्‍थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी की. उत्‍तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार के मुताबिक ये सभी लोग पृथक केंद्र में जगह-जगह थूक रहे हैं. इसके साथ ही ये डॉक्‍टरों और कर्मचारियों पर भी थूक रहे हैं. बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमित या संदिग्‍ध लोगों के थूकने से इसके संक्रमण के प्रसार का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

सड़कों पर भी थूका था
तबलीगी जमात के 167 कोरोना संदिग्‍धों को मंगलवार रात को 5 बसों से निजामुद्दीन मरकज से दिल्‍ली के तुगलकाबाद स्थित क्वारेंटाइन सेंटर ले जाया गया था. इनमें से 97 लोगों को डीजल शेड ट्रेनिंग हॉस्‍टल के क्‍वारंटीन सेंटर और 70 को आरपीएफ बैरक क्‍वारंटीन सेंटर में रखा गया है. बता दें कि ये सभी निजामुद्दीन मरकज से क्‍वारंटीन सेंटर ले जाए जाने के दौरान सड़कों पर भी थूक रहे थे. इन्‍हें थूकने से रोकने के लिए बसों के शीशे भी बंद करने पड़े थे.

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