कोरोना से बचना है तो तेज धूप में कपड़ा, तौलिया, चादर को धोकर सुखाए

जब कभी भी घर से बाहर निकलें तो दूसरे व्यक्ति से छह फीट की दूरी बनाकर रखें दिन समाप्त होते ही काम करना बंद कर दें, जैसा ऑफिस में करते थे और वीकली ऑफ जरूर लें नियमित रूप से अपना तापमान चेक करें और कोरोना से जुड़े लक्षणों पर नजर रखें

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  • आपके कपड़े के बटन और जिप में वायरस के चिपकने का खतरा ज्यादा होता है
  • किसी सार्वजनिक स्थल पर बैठने या किसी खंभे पर टिक कर खड़े होने से बचना चाहिए
  • कपड़े धोने के बाद साबुन से हाथ धोएं या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें

कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग यानी दूसरों से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में एक बड़ा सवाल आता है कि रोजमर्रा के काम को कैसे निपटाएं? जैसे कपड़े की धुलाई कैसे करें? कपड़े की धुलाई में भी कई बातों को ध्यान में रखकर आप कोरोनावायरस को फैलने से रोक सकते हैं। ये कुछ तरीके ऐसे हो सकते हैं…

कपड़े में स्टील और प्लास्टिक की कई चीजें लगी होती हैं, इसलिए खतरा
कपड़े पर नया कोरोनावायरस कितने समय तक जिंदा रहता है, इस बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन आपके कपड़े में प्लास्टिक या स्टील की कई चीजें लगी हुई होती हैं। कई विशेषज्ञ बताते हैं कि वायरस प्लास्टिक और स्टील पर तीन दिनों तक जीवित रह सकता है। आपके कपड़े के बटन और जिप प्लास्टिक या स्टील के हो सकते हैं। हालांकि इनसे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है। अधिकतर संक्रमण खांसने या छींकने, संक्रमित लोगों से हाथ मिलाने और बिना हाथ को अच्छी तरह साफ किए चेहरे को छूने से फैलते हैं।

घर आने पर कपड़े बदलिए और जूते-चप्पल उतारिए, आपके आसपास कोई खांसे-छीकें तो कपड़े बदलिए
अमेरिका के जॉन जे कॉलेज में पैथोलॉजी के प्रोफेसर और बायोकेमिकल रिसर्चर एंजेलिक कोर्थल्स का कहना है कि साधारण तौर पर जब आप बाहर से घर आते हैं, तो सावधानी के तौर पर आपको जूते उतार देने चाहिए और अपने कपड़े बदल लेने चाहिए। यह खासतौर से तब जरूरी है, जब आपने सार्वजनिक परिवहन के साधन का इस्तेमाल किया हो या आप बाहर काम करते हों। कोई यदि आपके ऊपर छींकता या खांसता है, तब आपको कपड़े भी बदलने चाहिए। यदि आप अपने काम के दौरान कई लोगों से मिलते हैं तो घर आते ही आपको कपड़े बदलना चाहिए और अपने हाथ धोना चाहिए। यदि आपने अपने कपड़े से संक्रमित चीजों को छूआ है, किसी सार्वजनिक स्थल पर बैठे हैं या किसी खंभे पर टिक कर खड़े हुए हैं, तो पूरी संभावना है कि आप अपने साथ कोरोनावायरस को भी घर ले आएं। लेकिन यदि आप अधिकतर समय घर पर ही बिताते हैं, तो कपड़े और संक्रमण को लेकर अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं।

कपड़े धोने के बाद पानी निकालने के लिए उसे झाड़ें नहीं, इससे वायरस फैलने का खतरा
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक कपड़ा, तौलिया, बिछावन के कपड़ों को धोने और सुखाने में जितने अधिक तापमान का इस्तेमाल किया जाए, उतना अच्छा है। ऐसे कपड़े जो गर्म धूप या अधिक तापमान में खराब हो जाते हैं, उनका इस्तेमाल इस वक्त नहीं करना चाहिए। कपड़े धोने के बाद हाथ को साबुन पानी से अच्छी तरह साफ करना या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना भी अच्छा विचार है। कपड़े धोने के बाद उससे पानी निकालने के लिए उसे झाड़ें नहीं, इससे वायरस फैल सकता है।

यदि आप ज्यादा लोगों के संपर्क में आते हैं तो कपड़े की सफाई पर ज्यादा ध्यान दें
यदि आप स्वास्थ्यकर्मी हैं और सीधे तौर पर मरीज की देखभाल से जुड़े हुए हैं, तो आपको कपड़े की सफाई पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही यदि आप ज्यादा लोगों के संपर्क में आते हैं, तो भी आपको कपड़े की सफाई को लेकर ज्यादा सावधान रहना चाहिए।

दुनियाभर में कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर पहले से बीमार और बुजुर्गों को इसका खतरा ज्यादा है। महामारी रोग विशेषज्ञ और गणितज्ञ एडम कुचार्स्की के मुताबिक, यह वायरस एक से दूसरे इंसान में फैलता है। एक संक्रमित इंसान से संक्रमण के 400 मामले सामने आ सकते हैं। जानिए कोरोनावायरस से बचाव कैसे करें…

हाथ धोने के दौरान 20 तक उल्टी गिनती गिनें
संक्रमण से बचाव को बचाव का सबसे बेहतर तरीका है बार-बार हाथ धोएं लेकिन ज्यादातर लोग इसका सही तरीका नहीं जानते। इसके लिए अपने हाथ में पानी और साबुन लें। 20 तक उल्टी गिनती शुरू करें और इस दौरान कलाई और नाखूनों को अच्छे से धोएं। हाथ को एयर ड्रायर से मत सुखाएं, यह एक बड़ी गलती है। हाथ सुखाने के टॉवेल का इस्तेमाल करें और नल बंद करने के लिए भी तौलिए का इस्तेमाल करें ताकि दोबारा हाथ में संक्रमण का खतरा न रहे। कोलोराडो स्कूल ऑफ मेडिसन के प्रोफेसर डॉ. अदित गिंडे के मुताबिक, आपके हाथ ही सांस नली तक सारे किटाणु को ले जाते हैं, इसलिए इसे जितना साफ रख सकें उतना बेहतर है।

60 फीसदी अल्कोहल वाला सैनेटाइजर इस्तेमाल करें
अगर आप ऐसी जगह हैं जहां पानी-साबुन उपलब्ध नहीं है तो अल्कोहल बेस्ड सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें। ध्यान रखें सैनेटाइजर में 60 फीसदी अल्कोहल होना चाहिए। सैनेटाइजर उपलब्ध न होने पर साबुन भी बेहतर विकल्प है। याद रखें कि सोशल मीडिया पर मौजूद एलोवेरा और अल्कोहल से सैनेटाइजर बनाने की विधि को नजरअंदाज करें क्योंकि इस तरह से बनाया गया सैनेटाइजर काम नहीं करता है। यह पैसे और समय की बर्बादी है।

हाथ बार-बार धोना है लेकिन कब धोएं ये समझें
आमतौर पर घर से निकलने से पहले और अपनी मंजिल पहुंचने के बाद हाथ जरूर धोएं। खाने बनाने, खाने से पहले और खाना बनाने के बाद हाथ धोएं। घर में सफाई के बाद, बच्चे का डायपर बदलने के बाद, शॉपिंग कार्ट छूने के बाद, बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद, खांसने या छींकने के बाद, पालतू जानवर को छूने के बाद और कचरा फेंकने के बाद भी हाथ धोना जरूरी है।

बार-बार चेहरा छूने की आदत बदलें

ज्यादातर लोगों को चेहरा छूने की आदत होती है। एक रिसर्च के मुताबिक, खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए इंसान अपना चेहरा छूते हैं। जब भी चेहरा छुएं तो टिशु पेपर का इस्तेमाल करें, आंख या नाक में खुजली होने पर भी टिशु पेपर बेहतर विकल्प है। इसे हमेशा अपनी जेब में रखें। बाहर निकले तो चश्मा पहनें। दस्तानों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

घर की रोजाना सफाई करें, खासकर उन हिस्सों की जहां किटाणु रहते हैं
घर की रोजाना सफाई करें। खासकर उन हिस्सों की जहां किटाणु रहते हैं, जैसे दरवाजे का हैंडल, लाइट स्विच, टेलीविजन रिमोट, फ्रिज, माइक्रोवेव हैंडल, नल की टोटी और टॉयलेट फ्लश। अगर घर का कोई हिस्से आपको ज्यादा पसंद है तो उसकी सफाई का खास ख्याल रखें। न्यूयॉर्क के एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. रेस्सी वुड्स कहते हैं, घर के उन हिस्सों की ज्यादा सफाई करें जिसे बार-बार छुआ जाता है, यह एक अच्छी आदत है भले ही कोरोनावायरस का खतरा हो या न हो।

फोन की भी सफाई जरूरी, लेकिन ब्लीचिंग एजेंट का प्रयोग न करें
जिस तरह किटाणु चेहरे, हाथ, डेस्क पर होते हैं उसकी तरह फोन पर भी हो सकते हैं। कोरोनावायरस का संक्रमण फोन से हो सकता है या नहीं, इस पर अब तक कोई रिसर्च सामने नहीं आई है। टेक कंपनी एपल कहना है कि आईफोन को 70 फीसदी अल्कोहल से वाइप के जरिए साफ करें। किसी ब्लीचिंग एजेंट का प्रयोग न करें। अपने फोन को किसी दूसरे से शेयर करने से बचें। किसी दूसरे के फोन को मत छुएं।

खांसते-छींकते समय मुंह को पेपर या रूमाल से ढकें
ओहिया के फिजिशियन डॉ. विलियम पी सॉवेयर के मुताबिक, कभी भी अपने हाथ पर मत छींकें, वरना हाथों के जरिया टीवी रिमोट, दरवाजे का हैंडल तक संक्रमण फैल सकता है। छींकते या खांसते समय टिशु पेपर या रुमाल का प्रयोग करें। ऐसा करने के बाद इसे डस्टबिन में फेंकें और हाथ को सैनेटाइजर से साफ करें।

दूरी बनाएं रखें, पब्लिक प्लेस पर कम से कम छह फीट की दूरी बनाएं
वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। पब्लिक प्लेस पर लोगों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाएं। कोशिश करें कि ऐसी जगहों पर जाने से बचें जहां छींकने या खांसने से संक्रमण का खतरा ज्यादा है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर टकराने से बचें। सीडीसी के मुताबिक, सामाजिक समारोह में 10 से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए।

ट्रैवल एडवाइजरी को फॉलो करें, क्रूज से यात्रा का प्लान न करें
अलग-अलग देशों में ट्रैवल एडवाइजरी जारी की गई है। बॉर्डर सील किए जा चुके हैं और एयरलाइंस कंपनी फ्लाइट कैंसिल कर रही हैं। ऐसे में आप क्रूज से यात्रा का प्लान न बनाएं। आप सफर कर सकते हैं लेकिन ये याद रखें कि महामारी का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है।

कोरोनावायरस की बढ़ते रफ्तार को देखते हुए, हममें से कई लोगों ने घर से ही काम करना शुरू कर दिया है। अब ऐसे लोग एक जगह पर एक हफ्ते या एक महीने तक रुकेंगे। यह कुछ अहम कदम हैं, जिससे हम अपनी जिंदगी को पहले की तरह बेहतर बना सकते हैं। तो कैसे और कब घर पर रहें? यह नियम दिनोंदिन बदल रहे हैं। आने वाले दिनों में हो सकता है कि स्थानीय, राज्य और केंद्र सरकार अापके मूवमेंट पर और ज्यादा सख्ती बरते। इसे और बेहतर तरीके से समझते हैं।
कैसे घर पर रहें…

  • बर्मिंघम और वूमन्स हॉस्पिटल के डॉक्टर बिट्टोन का कहना है कि ‘सोशल डिस्टेंसिंग उन लोगों में फिजिकल डिस्टेंस बढ़ाने का तरीका है जो एक साथ नहीं रहते। कम्युनिटी लेवल पर देखें, तो इसका मतलब, स्कूल और वर्कप्लेस को बंद करना है। साथ ही लाइव कंसर्ट और स्पोर्ट्स जैसे इवेंट को कैंसिल करना है।”
  • इंडिविजुअल के लिए पब्लिक प्लेस (इनडोर और आउटडोर) पर एक-दूसरे से कम से कम 6 फीट की दूरी रखना है और फिजिकल कॉन्टैक्ट को नाकारना है। बच्चों के लिए दूसरे बच्चों के साथ ग्रुप में खेलने पर रोक लगाना है।
  • जरूरी न होने पर घर से बाहर न निकलें, बाहर के लोगों के साथ मेल जोल बंद रखना, दोस्तों से दूरी बनाए रखना जरूरी है। बेहद जरूरी काम हो तो ही घर से निकलें। जैसे सब्जी खरीदना हो तो। बाहर एक्सरसाइज भी कर सकते हैं, लेकिन दूसरे व्यक्ति के साथ 6 फीट के दूरी मेनटेन जरूर करें।

सेल्फ मॉनिटिरिंग
ये उन लोगों के लिए जरूरी है, जिन्हें लगता है कि उन्हें वायरस हो सकता है या वह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में थे। ऐसे में वह नियमित रूप से अपना तापमान चेक करें और कोरोना से जुड़े लक्षणों पर नजर रखें, जैसे बुखार, सांस लेने में तकलीफ और कफ की शिकायत। इस स्थिति में भी व्यक्ति को घर पर रहना चाहिए और दूसरे से दूरी बना कर रखनी चाहिए।
सेल्फी क्वारैंनटाइन
आम बोलचाल में इसका मतबल अलग करना या किसी की आवाजाही पर लगाम लगाना होता है। सेल्फ क्वारैंटाइन में व्यक्ति को घर पर ही रहना होता है वो भी लगभग 14 दिनों के लिए। ऐसे व्यक्ति को घर पर अकेले अलग कमरे में रहना होता है।
सेल्फ आइसोलेशन
वायरस के लक्षण दिखने पर या शंका होने पर सेल्फ आइसोलेट हो सकते हैं। आइसोलेशन में व्यक्ति अलग कमरे रहता है और घर के अन्य लोगों से न के बराबर संपर्क करता है। ऐसे व्यक्ति को हो सके तो अलग बाथरूम का इस्तेमाल करना चाहिए।
खुद को फिट रखें

  • ऐसे समय में आप कोई काम नहीं कर रहे होते हैं तो इस समय का सदुपयोग खुद को फिट रखने में करें। ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज बढ़िया विकल्प है। ज्यादातर हेल्थ और फिटनेस क्लब इस समय बंद रहते हैं। अगर आप दुनिया के किसी ऐसे कोने में रहते हैं, जहां जिम अभी भी खुली है तो अपने जिम ट्रेनर से बात कर लाइव स्ट्रीमिंग के लिए कहें।
  • अगर आप अभी भी जिम जा रहे हैं तो लोगों से दूरी बनाए रखें, सामान को साफ करके हाथ लगाएं, हाथों को सैनेटाइज करें। भीड़भाड़ वाले समय में न जाएं, ताकि कम लोगों से संपर्क हो। खुद का योगा मैट लेकर जाए और कोशिश करें तो दूसरों से 6 फीट की दूरी बनाए रखें।

घर पर एक्सरसाइज करें

  • घर पर एक्सरसाइज करने के लिए होम एक्सरसाइज इक्विपमेंट या स्मार्ट-होम एक्सरसाइज सिस्टम जैसे पीलोटोन का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन ये थोड़ा महंगा विकल्प रहेगा। घर पर एक्सरसाइज करने के लिए कई सारे फ्री वर्कआउट मिल जाएंगे। शुरुआती समय में घर पर 6 मिनट वर्कआउट करें और वीडियो सीरिज का सहारा ले सकते हैं।
  • हाउ टू स्टार्ट वर्कआउट, द 9 मिनट स्ट्रेंथ वर्कआउट और योगा गाइड भी मिल जाएंगी। घर के बाहर एक्सरसाइज करना हो तो वॉकिंग, जॉगिंग और रनिंग बेहतरीन विकल्प हो सकते है, लेकिन जरूरी है कि लोगों से दूरी बनाए रखें।

काम करने के लिए ढांचा तैयार करें

  • ऑफिस की तरह ही घर पर भी लाइफ को रुटीन में रखना बहुत जरूरी है और बात सिर्फ काम करने को लेकर नहीं है। लाइफ व्यवस्थित रहने से ब्रेक लेने, परिवार के लिए समय निकालने और काम को समय पर खत्म करने में आसानी होती है। इसके लिए कुछ टिप्स हैं…
  • रोजाना समय पर जगें और सही समय पर नियमित गतिविधियों को समय पर ही करें। आरामदायक कपड़े पहनें, लेकिन ड्रेस ऑफिस की तरह रहे।
  • काम की और काम करने के घंटों की सूची बनाएं। अपने परिवार के लिए भी यही सूची बनाएं।
  • लंच ब्रेक लें। अगर बच्चे, परिवार साथ हैं और प्रशासन बाहर निकलने की इजाजत दे रहा है तो थोड़ा बाहर निकलें।
  • घर पर काम करने के दौरान मीटिंग और साथियों के साथ बातचीत नहीं होती है, इस कारण काम के दौरान आलसपन आता है तो काम के दौरान कॉफी ब्रेक लें।
  • साथियों के साथ अपने काम की सूची साझा करें और आपस में जुड़े रहें। दिन समाप्त होने के साथ काम करना बंद कर दें, जैसा आॅफिस में करते थे और वीकली ऑफ लेना कतई न भूलें।
  • ऑफिस आने-जाने में लग रहे समय का इस्तेमाल खुद की देखभाल के लिए करें। ऑफिस आने-जाने में मिलने वाले खाली समय का इस्तेमाल खुद की देखभाल जैसे किताब पढ़ने, संगीत सुनने या परिवार के साथ समय बिताने में करें।

सोशलाइज होने के लिए वीडियो चैट का यूज करें
फेस टाइम, जूम, गूगल हैंगआउट और स्काइप से हर एक व्यक्ति आपस में जुड़ सकता है। इन टेक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर दुनियाभर में करोड़ों लोग मीटिंग, चैटिंग, कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। कोरोनावायरस फैलने के बाद ऐसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
लोगों की मदद करें

  • इस संकट से निकलने के लिए दूसरों की मदद करें। आपस में मदद करने से ऐसे संकट से निकलने में आसानी होती है। परिवार और दोस्ताें के अलावा समाज के दूसरे लोगों की भी मदद करें। दोस्तों से बात करें। उनके साथ ऐसी चीजें साझा करें जो आपके पास अतिरिक्त हाे। सैनेटाइजर जैसी चीजें पड़ोसियों के साथ शेयर करें।
  • बुजुर्गों को ग्रॉसरी लाने में मदद करें। उन्हें फेसटाइम या जूम या ऐसे दूसरे ऐप सिखाने में मदद करें। ऐसे चीजें करते समय सावधानी भी बरतें। हाथों को धुलते रहें और जरूरी दूरी बरकरार रखें।

अगर आप स्वस्थ हैं तो मास्क न पहनें

  • मास्क की आपूर्ति कम है, ऐसे में सुनिश्चित करें कि मास्क अस्पताल, फ्रंटलाइन वर्कर, घर पर मदद करने वालों के लिए पहले उपलब्ध हो।
  • अगर पास अतिरिक्त मास्क है तो आप इसे अपने नजदीक के अस्पताल में इसे डोनेट कर सकते हैं।
  • घर पर कोई बीमार हो तो उसके इस्तेमाल के लिए भी कुछ मास्क अपने पास भी रखें।
  • मास्क पहनने को लेकर गाइडलाइंस में भी भ्रम है। कुछ संगठन स्वस्थ लोगों के लिए इसे जरूरी नहीं बता रहे हैं तो कुछ रिसर्च का कहना है कि भीड़ वाली और ऐसी दूसरी जगहाें पर यह जरूरी है। 70 साल से ऊपर के लोगों को इसे पहनने की सलाह दी जाती है।

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