जानिए- कैसे पता करें आप आम फ्लू के शिकार हैं या फिर कोरोना वायरस के?
खतरनाक कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को घुटनों के बल ला दिया है. इन दिनों आम फ्लू होने पर भी ध्यान उसी की तरफ चला जा रहा है. आखिर एक बीमार शख्स कैसे पता करेगा उसे कौन सी बीमारी है ?
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से पैदा हुई हंगामी सूरतेहाल ने सभी को चिंता में डाल दिया है. सामान्य बीमारी के होने पर भी शक कोरोना वायरस पर चला जाता है. इस शक को मजबूती इसलिए भी मिल रही है क्योंकि जो लक्षण सर्दी जुकाम के हैं लगभग वही लक्षण कोरोना वायरस के भी हैं. तो ऐसे में आम फ्लू और कोरोना वायरस के बीच कैसे फर्क को समझेंगे ?
क्या है आम फ्लू और कोरोना वायरस में अंतर ?
सामान्य दिनों में सर्दी-जुकाम या फ्लू से दूरी इसलिए बरती जाती है कि कहीं इसका संक्रमण दूसरे को ना हो जाए. मगर इन दिनों एक नई बीमारी के खौफ ने हमारी सोच तक को बुरी तरह प्रभावित किया है. सर्दी-जुकाम या फ्लू होने पर भी ध्यान फौरन कोरोना वायरस की तरफ चला जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक इन्फलूएंजा या फ्लू के कारण हर साल करीब 30-50 लाख लोग बीमार पड़ते हैं. उनमें से करीब 2 लाख 90 हजार से लेकर 6 लाख 50 हजार तक की मौत सांस की बीमारियों से होती है. इस बीमारी का इलाज दवा खाकर और घर में आराम कर किया जा सकता है. यहां तक कि अपने आप भी ये बीमारी आराम करने से करीब 2 हफ्ते के अंदर ठीक हो जाती है. जहां तक कोरोना की बात है तो अभी तक इसका इलाज संभव नहीं हो सका है. दुनिया में वैक्सीन या दवा की खोज जारी है. बचाव के तौर पर सावधानी और सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके फैलाव को देखते हुए इसे ‘अंजान खतरा’ बताया है.
कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक क्यों है ?
28 फरवरी को अमेरिकी पत्रिका जामा में कोरोना वायरस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी. इसमें बताया गया था कि कोरोना वायरस से संक्रमित 83-98 फीसद लोगों में बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं. 76-82 फीसद लोगों को सूखी खांसी और 11-44 फीसद को थकान, मांसपेशियों में दर्द की शिकायत होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि छींक या सर्दी-जुकाम देखकर ये पता लगाना अभी नामुमकिन है कि ये आम फ्लू है या कोरोना वायरस.
फ्लू और कोरोना से होनेवाली बीमारियों में एक सामान्य लक्षण सांस की बीमारी है. इसके अलावा बुखार का चढ़ना, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, थकावट और कभी-कभी उल्टी का होना है. दोनों बीमारियों से निमोनिया भी होने का खतरा रहता है. दोनों बीमारियों की समय सीमा थोड़े दिनों के लिए भी होती है और लंबे समय के लिए भी.
दोनों ही बीमारियां संक्रमित शख्स के संपर्क में आने से होती हैं. हालांकि फ्लू और कोरोना के वायरस अलग-अलग होते हैं. अभी तक के शोध के मुताबिक कोविड-19 का कारण सिर्फ एक ही वायरस है जबकि फ्लू की कई किस्में और वायरस होते हैं.