चंडीगढ़। पंजाब में कर्फ्यू के दौरान अपने लाव लश्कर के साथ घूम रहे मंत्रियों पर सवाल उठाते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नियम-कानूनों का उल्लंघन कर काफिलों में घूम रहे अपने मंत्रियों और अकाली-कांग्रेसी विधायकों को भी अपने घरों में टिकने का निर्देश देंं।
चंडीगढ़ में जारी बयान में पार्टी की आप के पंजाब इकाई के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि मंत्री और विधायकों को किस हैसियत से धारा 144 और कर्फ्यू का उल्लंघन करने की इजाजत दी गई है? मान ने कहा कि कोरोना-वायरस पर विजय हासिल करने के लिए जीरो जन संपर्क ही अकेला उपाय है, क्योंकि अभी तक इस जानलेवा बीमारी पर काबू पाने के लिए कोई दवा नहीं बनी।
मान ने कहा कि अपार मुश्किलों के बावजूद आम नागरिक घरों में बैठ कर सरकारों , डाक्टरों और विश्व सेहत संगठन के दिशा-निर्देशों की पालना कर रहे हैं, परंतु सत्ताधारी कांग्रेस और लोगों की नफरत का पात्र बने अकाली दल (बादल) के नेता काफिले बना कर गलियों-मोहल्लों में घूम रहे हैं, जो कानून की सीधी उल्लंघना है। इस लिए जरूरतमंदो की सहायता के बहाने नियमों का उल्लंघर कर रहे इन नेताओं की ड्रामेबाजी पर मुख्यमंत्री तुरंत नकेल कसें।
वहीं, आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि गरीबों और जरूरतमंदों को राशन वाला थैला देते हुए फ़ोटो सोशल मीडिया पर डाले बिना ये नेता घर पर बैठकर भी लोगोंं की सहायता कर सकते है । चीमा ने कहा कि साधु सिंह धर्मसोत, विजय इंद्र सिंगला, भारत भूषण आशु और बिक्रम सिंह मजीठिया जैसे हलकी राजनीति कर रहे सभी मंत्रियों, विधायकों और अन्य नेताओं को सख्ती के साथ रोका जाए, क्योंकि कोई भी कानून से ऊपर नहीं हैंं।
चीमा ने कहा कि हर नेता को अपने हलके और इलाके के गरीबों और जरूरतमंदों के बारे में लगभग जानकारी होती है और ऐसे जरूरतमन्दों के बारे में अपने स्थानीय नेताओं, पंचों, सरपंचों, नंबरदारों या अन्य से पार्टीबाजी से ऊपर उठकर सूची तैयार करवाई जा सकती है, जिनको प्रशासन के द्वारा राशन और अन्य जरूरी वस्तुएं मुहैया करना सभी नेताओं और जन नुमाइंदों का असली फर्ज है, जो अपने-अपने घरों से बाखूबी किया जा सकता है।