लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हुए लोगों को सरकार अपनी जेब से दे सकती है सैलरी!

कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन किया हुआ है. लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित इन्फॉर्मल सेक्टर के कामगार हो रहे हैं. उनके पास खाने तक के पैसे नहीं है. अब सरकार इन्हें सीधे सैलरी देने पर विचार कर रही है.

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन किया हुआ है. लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित इन्फॉर्मल सेक्टर के कामगार हो रहे हैं. उनके पास खाने तक के पैसे नहीं है. अब सरकार इन्हें सीधे सैलरी देने पर विचार कर रही है. सीएनबीसी-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इंडस्ट्री को मिलने वाले पैकेज में ये एक अहम हिस्सा रहने वाला है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक बेरोजगारों को सरकार सैलरी दे सकती है. इन्फॉर्मल सेक्टर के बेरोजगार कामगारों को सैलरी देने पर विचार किया जा रहा है.

इनको सीधे सैलरी देने के अलग-अलग विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन से बेरोजगार हुए इन्फॉर्मल सेक्टर कामगारों को सैलेरी का 50 फीसदी हिस्सा देने का विकल्प अपनाया जा सकता है. इनको एकमुश्त न्यूनतम रकम देने का भी विकल्प है.

इन्फॉर्मल सेक्टर के कामगारों कम से कम 5000 रुपये दिये जा सकते हैं

21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन 
देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन लगा रखा है. प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा था कि देश से वह कुछ हफ्ते मांग रहे हैं ताकि इस गंभीर बीमारी से लड़ा जा सके. अगर लोगों की भीड़ रहेगी तो कम्युनिटी संक्रमण फैलने का खतरा है. इसलिए 21 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है.

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