कोरोना / पंजाब में अब एक-एक रेल कोच में बनाए जाएंगे दो-तीन आइसोलेशन बेड, डॉक्टर के लिए भी होगी व्यवस्था

रेल कोच फैक्ट्री के जीएम ने की रेल मंत्रालय का पत्र मिलने की पुष्टि, कहा-दो-तीन दिन में हो जाएगा काम पूरा लॉक डाउन से पहले फैक्ट्री में 40 नॉन एसी कोच तैयार थे, लेकिन इन्हें रवाना नहीं किया जा सका था

कपूरथला. आए दिन आफत बनते जा रहे कोरोना वायरस के संक्रमण की महामारी से निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने भी कमर कस ली है। केंद्र सरकार के आह्वान पर रेलवे ने रेल कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तबदील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यहां कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री में इस काम को पूरी शिद्दत से अंजाम दिया जा रहा है। रेल मंत्रालय के पत्र की पुष्टि करते हुए आरसीएफ के जीएम ने बताया कि यहां पहले से कई कोच तैयार हो चुके थे, जो लॉक डाउन के चलते रवाना नहीं किए जा सके, लेकिन अब इन्हें आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जा रहा है।

रेल कोच फैक्ट्री में बन रहे ट्रेन के डिब्बे।

मिली जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे को 40 प्रतिशत कोच उपलब्ध करवाने वाली कपूरथला की यूनिट में इन दिनों 40 कोच तैयार थे, लेकिन इन्हें रवाना नहीं किया जा सका था। इसी बीच रेल मंत्रालय की तरफ से एक पत्र जारी कर इन कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किए जाने की ताकीद की गई, फिर क्या था बस हो गया अगला युद्ध शुरू। इस बारे में आरसीएफ के जीएम रविंद्र गुप्ता ने बताया कि रेल मंत्रालय से इस संबंध में पत्र मिला है। इस पर तत्काल प्रभाव से डिजाइन का काम शुरू हो गया है। अब इन कोचों को दो-तीन दिनों के भीतर आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने पर काम चल रहा है। उत्तर और पूर्व रेलवे के कर्मचारी इस काम में रात-दिन जुटे हुए हैं।

कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री के जीएम रविंद्र गुप्ता।

गुप्ता ने बताया कि आरसीएफ के पास फिलहाल 40 ऐसे नॉन एसी कोच तैयार हैं, जिन्हें दो-तीन दिनों की मशक्कत के बाद आइसोलेशन वार्ड में तबदील किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि एक कोच में आठ कैबिन होते हैं, लेकिन सभी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि कोरोना वायरस पीड़ित के लिए अलग बाथरूम होना चाहिए। इस वजह से एक कोच में दो या तीन आइसोलेशन बेड होंगे। इस पर विचार चल रहा है। डॉक्टर के लिए भी कोच में ही व्यवस्था की जाएगी।

आरसीएफ के जीएम ने कहा, दिन-रात काम कर रहा है स्टाफ

उन्होंने बताया कि एक कोच में आठ केबिन होते हैं, लेकिन सभी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योकि कोरोना वायरस पीडि़त के लिए अलग बाथरूम होना चाहिए। इस वजह से एक कोच में दो या तीन आइसोलेशन बेड होंगे। इस पर विचार चल रहा है। डॉक्टर के लिए भी कोच में ही व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह भी ली जा रही है और इस पर अभी मंथन हो रहा है। उल्लेखनीय है कि एक कोच में चार बाथरूम होते हैैं।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह भी ली जा रही है और इस पर अभी मंथन हो रहा है। साथ ही आरसीएफ की तरफ से ट्रायल के तौर पर ढाई-तीन सौ मास्क भी बनाए गए हैं। इसके अलावा वेंटीलेंटर बनाने पर भी काम चल रहा है। हमने जिस वेंटीलेटर को डिजाइन किया है, वह बहुत सस्ता पड़ेगा।

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