रेपो रेट में 0.75% की कटौती की गई, 5.15% घटकर 4.4% हुई; सभी तरह के कर्ज सस्ते होंगे
रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई से बैंकों को कर्ज मिलता है रेपो रेट कम होने से सभी तरह के कर्ज सस्ते होते हैं
मुंबई. कोरोनावायरस संकट के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने रेपो रेट रेपो रेट में 0.75% की कटौती का ऐलान किया। लिहाजा रेपो रेट अब 5.15% से घटकर 4.4% हो गई है। इससे सभी तरह के कर्ज सस्ते होंगे। उन्होंने बताया कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेट कट के पक्ष में वोट किया था। कोविड-19 की वजह से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। कोविड-19 का असर कितना होगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता। हालांकि, क्रूड की कीमतें घटने से कुछ राहत मिलेगी।
शक्तिकांत दास के ऐलान के 3 पॉइंट
1. टर्म लोन से छूट
- सभी बैंकों के टर्म लोन की किश्त के भुगतान से 3 महीने की छूट मिलेगी।
- शेयर बाजार की गिरावट से बैंक डिपॉजिट पर असर नहीं होगा, ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रहेगा।
2. सीआरआर भी कम हुई, बैंकों में नकदी बढ़ेगी
- कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) 1% घटाकर 3% किया गया। सीआरआर घटने से बैंकों के पास ज्यादा नकदी रहेगी।
- आरबीआई ने जो कदम उठाए हैं, उनसे सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपए की नकदी बढ़ेगी।
- सभी बैंकों के टर्म लोन की किश्त के भुगतान से 3 महीने की छूट मिलेगी।
3. सरकार ने कई कदम उठाए
- सभी नियमों और सरकार की सलाह का पालन करें तो कोविड-19 से मुकाबला कर पाएंगे।
- देश की अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के असर से बचाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए।
- आरबीआई की कोशिश रहेगी कि सिस्टम में नकदी की कमी नहीं हो। बैंक और वित्तीय संस्थानों को जरूरतमंदों को नकदी मुहैया करवाने पर पूरा ध्यान देना चाहिए।
- कोविड-19 के चलते जीडीपी और मंहगाई दर के आउटलुक को लेकर फिलहाल अनिश्चितता है।
देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है
सरकार ने भी गुरुवार को 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इसमें गरीब, किसान, मजदूर, महिला, बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को राहत के ऐलान किए गए थे। कोरोनावायरस की वजह से देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है। इससे अर्थव्यवस्था और जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
.
कोरोनावायरस संकट के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने रेपो रेट रेपो रेट में 0.75% की कटौती का ऐलान किया।
लॉकडाउन के बीच देश की इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत रिजर्व बैंक ने उम्मीद के मुताबिक रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.15 से घटकर 4.45 फीसदी पर आ गई है.
-इसके साथ ही बैंकों को ये सलाह दी है कि 3 महीने तक ईएमआई पर राहत दें. हालांकि, आरबीआई ने सिर्फ सलाह दी है. अब गेंद बैंकों के पाले में है. आसान भाषा में समझें तो बैंकों को अब तय करना है कि वो ईएमआई पर छूट दे रही हैं या नहीं.
-इसके साथ ही बैंक ही ये तय करेंगे कि वो कौन से लोन पर ईएमआई की छूट दे रहे हैं. मतलब ये कि रिटेल, कमर्शियल या अन्य तरह के लोन लेने वाले लोगों के लिए एक तरह का कन्फ्यूजन अब भी बना हुआ है.
=रेपो रेट की यह कटौती आरबीआई इतिहास की सबसे बड़ी है.बता दें कि बीते दो मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट को लेकर कोई फैसला नहीं लिया था.
-रेपो रेट कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 बेसिस प्वाइंट कटौती करते हुए 4 फीसदी कर दी है.
– हालांकि, आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ रेट और महंगाई रेट को लेकर आंकड़े नहीं जारी किए हैं ये पहली बार है जब आरबीआई ने आंकड़े पेश नहीं किए हैं.
-आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से कैश फ्लो में आई चुनौती से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके 3 प्रतिशत कर दिया गया है. यह एक साल तक की अवधि के लिए किया गया है.आरबीआई गवर्नर के मुताबिक सभी कमर्शियल बैंकों को ब्याज और कर्ज अदा करने में 3 महीने की छूट दी जा रही है. इस फैसले से 3.74 करोड़ रुपये की नकदी सिस्टम में आएगी.
डिजिटल बैंकिंग पर जोर
आरबीआई गवर्नर ने इसके साथ ही लोगों से डिजिटल बैंकिंग की सलाह दी है.उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि बैंकिंग सिस्टम सुरक्षित और मजबूत है.
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने लिखा लेटर
वित्त मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रिजर्व बैंक (आरबीआई) को लेटर लिखकर कहा है कि वह ग्राहकों को राहत देने के लिए आपातकालीन उपाय करे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी गुरुवार को पीएम मोदी को लेटर लिखकर यह मांग की थी कि कोरोना को देखते हुए लोगों की ईएमआई और लोन भुगतान को छह महीने के लिए टाल दिया जाए.
गरीबों के लिए हुआ है पैकेज का ऐलान
गौरतलब है कि 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीबों के लिए गुरुवार को 1.70 लाख करोड़ के स्पेशल पैकेज का ऐलान किया है. इस पैकेज के जरिए देश के किसान, मजदूर और महिला वर्ग के अलावा बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को राहत देने की कोशिश की गई है. लेकिन मिडिल क्लास के बारे में सरकार ने कुछ नहीं किया.
लोन और ईएमआई पर क्या कहा था वित्त मंत्री ने
इस बारे में पत्रकारों के सवाल पर वित्त मंत्री ने लोन और ईएमआई की चिंताओं पर कहा कि फिलहाल हमारा फोकस गरीबों को भरपेट भोजन और उन्हें पैसे पहुंचाने पर है.
लिहाजा रेपो रेट अब 5.15% से घटकर 4.4% हो गई है। इससे सभी तरह के कर्ज सस्ते होंगे। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेट कट के पक्ष में वोट किया था। कोविड-19 की वजह से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। कोविड-19 का असर कितना होगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता। हालांकि, क्रूड की कीमतें घटने से कुछ राहत मिलेगी।
कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन (Nationwide Lockdown) है. ऐसे में अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है. लोगों को राहत देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार बड़े ऐलान कर रही है. वहीं आज देश का केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) भी इस मुद्दे को लेकर कुछ बड़ी घोषणाएं की हैं. कोविड 19 को देखते हुए मोनेटरी पालिसी कमिटी की बैठक पहले की गई. वित्तीय स्थितरता के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं.
देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है
सरकार ने भी गुरुवार को 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इसमें गरीब, किसान, मजदूर, महिला, बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को राहत के ऐलान किए गए थे। कोरोनावायरस की वजह से देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है। इससे अर्थव्यवस्था और जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
रेपो रेट कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को मिलने की उम्मीद है.
गुरुवार को राहत पैकेज के ऐलान में वित्त मंत्री ने इस पर कुछ नहीं कहा था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पीएम मोदी को लेटर लिखकर यह मांग की है कि लोगों के लोन ईएमआई भुगतान को छह महीने के लिए टाल दिया जाए.
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने लिखा लेटर
वित्त मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रिजर्व बैंक (आरबीआई) को लेटर लिखकर कहा है कि वह ग्राहकों को राहत देने के लिए आपातकालीन उपाय करे. अब रिजर्व बैंक इसके बारे में कदम उठाएगा और मध्यम वर्ग को राहत देते हुए कर्जों को चुकाने के लिए बैंक ज्यादा समय दे सकते हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स में सूत्रों के हवाले से छपी एक खबर में कहा गया है कि वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देबाशीष पांडा ने केन्द्रीय बैंक को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि ईएमआई के भुगतान, ब्याज और कर्ज भुगतान पर कुछ महीनों का समय दिया जाए. साथ ही यह भी कहा है कि फंसे हुए कर्जों (एनपीए) को लेकर नियमों को भी कुछ आसान किया जाए.