क्या 21 दिन से आगे भी बढ़ सकती है लॉकडाउन की मियाद? सरकार की तैयारी से लग रहे कयास

कोरोना वायरस के कारण देश में लगाए गए लॉकडाउन के बीच भारत सरकार ने राहत पैकेज का ऐलान किया है. देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और सरकार ने जिस तरह तीन महीने तक राहत पहुंचाने की बात कही है उससे कई तरह के कयास लग रहे हैं.

0 990,225
  • भारत में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी
  • लॉकडाउन के दूसरे दिन सरकार ने खोला खजाना
  • तीन महीने तक के लिए सरकार ने की है तैयारी

नई दिल्ली। दुनियाभर में तबाही मचा देने वाले कोरोना वायरस ने भारत में भी अपने पैर पसार लिए हैं. गुरुवार दोपहर तक देश में इस महामारी से पीड़ित लोगों की संख्या 650 पार कर चुकी है. इस बीच ये महामारी भारत में समुदाय के बीच ना फैले ऐसे में भारत सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया है. इस लॉकडाउन के दूसरे दिन मोदी सरकार ने राहत पैकेज का ऐलान किया, लेकिन जिस तरह हर योजना को अगले तीन महीने के लिए तैयार किया गया उससे इस बात की संभावनाओं को बल मिलने लगा है कि क्या ये लॉकडाउन का संकट 21 दिनों से बड़ा होने वाला है.

सरकार ने खोला खजाना, 3 महीनों का प्लान तैयार

लॉकडाउन के चलते घरों में कैद हुई जनता परेशान है और विपक्ष की ओर से आर्थिक पैकेज की मांग लगातार हो रही थी. इस बीच गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सामने आईं और 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया.

निर्मला सीतारमण ने इस दौरान महिलाओं के खाते में राशि, मुफ्त गैस सिलेंडर, किसानों को आर्थिक मदद, कर्मचारियों के ईपीएफ में मदद जैसे बड़े ऐलान किए, लेकिन इनमें सिर्फ एक ही चीज कॉमन थी वो ये कि हर चीज की तैयारी 3 महीने के लिए की गई है.

क्या 21 दिनों से आगे बढ़ सकता है लॉकडाउन?

लेकिन अब जिस तरह से तीन महीने तक की राहतों का ऐलान किया जा रहा है, ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार आगे की तैयारियों को लेकर आगे बढ़ रही है. हालांकि, केंद्र सरकार ने इस बात की पुष्टि नहीं की है. सवाल उठ रहा है कि अगर कोरोना वायरस के हालात नहीं सुधरते हैं तो क्या लॉकडाउन को 21 दिन से बढ़ाकर अप्रैल-मई और जून तक जारी किया जा सकता है.

क्या कारगर है सिर्फ 21 दिनों का लॉकडाउन?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कई बार इसका जिक्र किया है कि विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए 21 दिनों तक सोशल डिस्टेंसिंग जारी रखने की बात कही है. इसी वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है.

लेकिन अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा दिए गए कुछ बयानों को गौर करें तो इनमें कहा गया है कि ये जरूरी नहीं है कि लॉकडाउन से ही कोरोना वायरस का खतरा खत्म हो जाता है, इसके लिए उन मरीजों की तलाश करना और इलाज करना जरूरी है जो इससे पीड़ित हैं. साथ ही उनके संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारनटीन में रखना भी जरूरी है.

दुनिया के अन्य देशों में लॉकडाउन का क्या असर?

भारत से पहले कोरोना वायरस दुनिया के कई देशों में अपना भयानक रूप दिखा चुका है. चीन, स्पेन, ईरान, इटली और अमेरिका अबतक की सबसे भयावह बीमारी का सामना कर रहे हैं. भारत से पहले इन देशों ने भी अपने यहां लॉकडाउन का ऐलान किया था, जिसका कुछ हद तक असर भी दिखा है.

हालांकि, अगर इटली की बात करें तो वहां पर कोरोना वायरस चौथी स्टेज में चल रहा है. इटली ने 4 मार्च को सभी स्कूल बंद किए थे, 9 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था. लेकिन अब जब वहां दो हफ्ते से अधिक लॉकडाउन को हो गए हैं, कोरोना के खतरे में कमी नहीं आई है. इटली में रोजाना 600 से अधिक मौत होने का आंकड़ा सामने आ रहा है.

इटली की तरह की अमेरिका ने भी अपने देश में नेशनल इमरजेंसी लगाई और लोगों को घरों में रहने को कहा. लेकिन पिछले दो हफ्तों में अमेरिका में कोरोना वायरस ने भयानक रूप ले लिया और अब वहां पॉजिटिव केस की संख्या 67 हजार के पार पहुंच चुकी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपने एक बयान में कहा था कि दुनिया पर कोरोना वायरस का असर अगस्त तक फैल सकता है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.