भोपाल. कोरोनावायरस के संक्रमण से मध्य प्रदेश में पहली मौत हो गई है। उज्जैन में संक्रमित मिली 65 वर्षीय महिला की बुधवार को मौत हो गई। इस महिला में आज ही कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। 22 मार्च से वह इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती थी। मध्य प्रदेश में अब तक 15 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इस महिला के अलावा जबलपुर में 6, इंदौर में 4, भोपाल में 2, ग्वालियर और शिवपुरी में एक-एक केस संक्रमण का मिला है।
कमलनाथ आइसोलेट नहीं, उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल पत्रकार पॉजिटिव
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आइसोलेट होने की खबरें बुधवार को सामने आईं। इसके बाद उनके मीडिया संयोजक ने इन खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ लगातार अपना काम कर रहे हैं। दरअसल, 20 मार्च को जिस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान किया था। उसमें शामिल 200 पत्रकारों में से एक संक्रमित मिले। उनकी बेटी लंदन से भोपाल लौटी थी। तीन दिन पहले वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी।
17 मार्च को लंदन से लौटी थी पत्रकार की बेटी
पत्रकार की 26 वर्षीय बेटी 17 मार्च को लंदन से दिल्ली पहुंची थी। आईजीआई एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के बाद डॉक्टर्स ने उसे फिट घोषित किया। इससे बाद वह शताब्दी एक्सप्रेस में सवार होकर भोपाल आई। फिर परिजन ने कलेक्टर तरुण पिथौड़े से संपर्क कर उसकी कोरोना जांच की मांग की। इस पर जेपी अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम ने घर पहुंचकर लड़की के थ्रोट के सुआब का नमूना लिया, इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 600 बेड रिजर्व रखे गए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहां से विदेशी मेहमान लौटे हैं, ऐसे सभी राष्ट्रीय उद्यानों, पर्यटन क्षेत्रों की सघन जांच की जाए। निजी अस्पतालों में उपलब्ध मेडिकल अमले का भी उपयोग करें। दूसरी ओर, प्रशासन ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल को खाली कराने के आदेश दिए हैं। इसमें 600 बैड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व हैं। अन्य 200 बेड पर अभी मरीज हैं, जिन्हें दो दिन में कहीं और शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके अलावा इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों को महामारी के इलाज का सेंटर बनाया जाएगा।
एक्शन प्लान: पांच विशेषज्ञ डॉक्टरों की यूनिट, हफ्तेभर ड्यूटी
हमीदिया अस्पताल अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए तीन यूनिट बनाई गई हैं। प्रत्येक यूनिट में पल्मोनोलॉजिस्ट, मेडिसिन, पीडियाट्रिक, ईएनटी और एनीस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर ड्यूटी करेंगे। यूनिट में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर एक सप्ताह तक मरीजों का इलाज करेंगे। इन्हें एक सप्ताह की ड्यूटी खत्म होने के बाद 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा। इसकी वजह मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर्स, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टॉफ को मरीजों का इलाज करने के दौरान सबसे ज्यादा संक्रमण होने का खतरा होता है।