जालंधर/चंडीगढ़. कोरोना यरस संक्रमण के 31 मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को पूरे पंजाब में आगामी आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया है। अमरिंदर ने कहा कि कर्फ्यू में किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी।
Entire world is under threat of #Covid19 & we in Punjab are no different. Difficult times call for difficult decisions. Hence for the good of everyone, curfew has been imposed. We have already taken necessary steps to help elderly & underprivileged. All must adhere & cooperate. pic.twitter.com/XFcscRB0rO
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) March 23, 2020
अगर किसी के लिए बेहद जरूरी हो तो वजह बताने पर उसे तय वक्त के लिए ही रियायत दी जाएगी। कर्फ्यू के दौरान जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी। जो लोग लॉक डाउन के दौरान दी गई ढील के बावजूद नहीं माने, उन्हें अब डंडे के दम पर घरों में रखा जाएगा। हालांकि प्रदेश में कई जगह पाबंदी के उल्लंघनके मामले भी सामने आए।
अपडेट्स
- मुख्यमंत्री ने दो-टूक चेतावनी दी है कि पाबंदी का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी सूरत में आम जनता के हित को दरकिनार नहीं किया जा सकता।
- जालंधर में कर्फ्यू लागू करवाने के लिए डीसी वीके शर्मा खुद सड़कों पर उतरे। बीएमसी चौक के पास गाड़ी घूम रहे परिवार को हिदायत दी।
- शाम को करीब साढ़े 6 बजे जालंधर कस्बा करतारपुर में बिना किसी वाजिब वजह के घूम रहे दो युवकों को एसएचओ पुष्प बाली ने पकड़कर उठक-बैठक करवाई और चेतावनी देते हुए घर भेज दिया। साथ ही उन्होंने अपना नंबर शेयर करते हुए कहा कि अगर कोई दिक्कत आती है तो तुरंत बेझिझक कॉल करना, लेकिन समाज का दुश्मन न बनें।
- ठीक इसी वक्त बटाला के गांधी चौक पर भी कर्फ्यू के दौरान निकले मोटरसाइकल सवार दो युवकों को पुलिस ने 50 बैठकें लगवाने के बाद छोड़ा।
- फिल्लौर में बाइक पर घूम रहे दो युवकों को पुलिस ने समझाने की कोशिश की, पर जब नहीं माने तो डंडों से खदेड़ा।
- इससे पहले जैसे ही कर्फ्यू का आदेश लागू हुआ, किसी ने शिकायत की कि जालंधर में आर्मी पब्लिक स्कूल खुला है। इसके बाद मौका-मुआयना करके विभागीय कार्रवाई के लिए लिख दिया गया है।
- इसी तरह फतेहगढ़ चूड़ियां इलाके के गांव पारोवाल में दशमेश सीनियर सेकंडरी स्कूल खुला मिला। थाना घनीए-के-बांगर की पुलिस ने गुप्त सूचना के अधार पर छापेमारी की। बाद में पुलिस ने स्कूल स्टाफ को स्कूल से जाने की चेतावनी देने के बाद छोड़ दिया।
- लुधियाना में भाई वाला चौक सहित शहर के अन्य मार्गों को पुलिस की तरफ से ब्लॉक कर दिया गया है। ऑटो व पुलिस की गाड़ियों के माध्यम से लोगों को घर के अंदर जाने की अपील की गई।
- पटियाला के नाभा में एसडीएम भी खुद निषेधाज्ञा लागू करवाने के लिए पुलिस बल के साथ अपने हाथ में डंडा उठाकर निकले।
ये है कर्फ्यू की वजह
संक्रमण रोकने के लिए राज्य में धारा 144 लगाई गई थी, फिर लॉकडाउन कर दिया गया था, लेकिन इसका असर दिखाई नहीं दिया और नए केस सामने आते रहे। इसके बाद सरकार को यह कदम उठाना पड़ा।
सोमवार सुबह पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन मरिंदर सिंह ने राज्य के मुख्य सचिव और प्रदेश के डीजीपी के साथ 3 घंटे की मैराथन मीटिंग की। इसमें यह चर्चा हुई कि लोग लॉकडाउन को नहीं मान रहे हैं, इसलिए कर्फ्यू लगाना जरूरी है। दूसरी वजह यह है कि प्रदेश में कई लोग विदेशों से लौटे हैं।
कर्फ्यू और लॉकडाउन में यह है अंतर
अराजक हुई पंजाब की जनता को यह समझने की जरूरत है कि कर्फ्यू और लॉकडाउन में क्या अंतर है। कर्फ्यू और लॉकडाउन के बीच प्रशासन की ओर से दी जाने वाली छूट का फर्क होता है।
लॉकडाउन में जरूरी सेवाएं बंद नहीं की जाती हैं। जैसा कि इस समय देश में कई राज्यों में लॉकडाउन हो रखा है, लेकिन सभी जगह बैंक, डेरी, जरूरी सामान के लिए दुकानें खुली हुई होती हैं। लॉकडाउन एक इमरजेंसी प्रोटोकॉल है यानि अलग-थलग करने के लिए, ऑथोरिटी जब लोगों को किसी एक जगह सीमित करना चाहती है तो उसे लॉकडाउन का नाम दिया जाता है। ऐसे समय में लोगों को किसी इलाके या इमारत में रहने के निर्देश दिए जाते हैं और वहां से न निकलने को कहा जाता है।
इसके उलट कर्फ्यू का मतलब होता है लोगों को एक विशेष समय सीमा के लिए घर में रहने का आदेश देना। प्रशासन आपातकालीन स्थितियों में कर्फ्यू लगाता है। इसके जरिए लोगों को हिदायत दी जाती है कि वो सड़कों पर न निकलें। ऐसा एक प्रशासनिक आदेश के तहत किया जाता है। कर्फ्यू के दौरान स्कूल, कॉलेज, बाजार जैसी जगहें बंद रहती हैं। कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर जुर्माना या गिरफ्तारी हो सकती है। कई बार तो उपद्रवी को गोली मारने तक का भी आदेश होता है। प्रशासन स्थिति पर काबू पाने के लिए कर्फ्यू लगाता है तो उतने समय के लिए जरूरी सेवाएं जैसे बाजार और बैंक भी बंद रहते हैं। जब कर्फ्यू में ढील दी जाती है, तभी ये सारी सेवाएं भी लोगों को मुहैया कराई जाती हैं।
पंजाब में कब-कब लगा कर्फ्यू
2003 में पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (पीआरटीसी) से रिटायर हो चुके 71 वर्षीय मेहरचंद बत्तरा बताते हैं कि भारत-पाक के बीच 1971 में हुए युद्ध के दौरान ब्लैक आउट हुआ, कर्फ्यू लगा।
फिर 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के समय कर्फ्यू लगा।
इसके बाद 2009-10 में डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के विवाद को लेकर मालवा के कई जिलों में कर्फ्यू लगा था।
फिर 2017 में भी राम रहीम को दुष्कर्म मामले में सजा सुनाए जाने के वक्त पंजाब में कर्फ्यू लगा था।
क्या करना होगा लोगों को?
- कर्फ्यू के दौरान किसी को भी ढील नहीं दी जाएगी। बिना किसी वाजिब वजह के लोग घरों से बाहर न निकलें। इमरजेंसी की स्थिति में भी वाजिब वजह बतानी होगी, तभी आगे बढ़ने दिया जाएगा।
- पंजाब सरकार के निर्देशों के मुताबिक मीडिया कर्मियों, मेडिकल स्टाफ और दूसरे नौकरी-पेशा लोगों को कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। कार्डधारक अपने कार्ड को उसी के आधार पर कहीं आने या जाने दिया जाएगा। अपने कार्ड को गले में टांगकर चलें।
- इसके अलावा रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए भी एक निर्धारित समय मिलेगा, जो अभी तय नहीं किया गया है।
- जो इस पाबंदी का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में लोगों के पास पालन करने के अलावा कोई चारा नहीं है।