पूरे पंजाब में कर्फ्यू / कोरोना रोकने के लिए लोग लाॅकडाउन को नहीं मान रहे थे, इसलिए पंजाब सरकार को कुल 3 करोड़ आबादी वाले सभी 22 जिलों में कर्फ्यू लगाना पड़ा

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि कर्फ्यू में किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी, जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी पूरे पंजाब में कर्फ्यू लगने से साढ़े तीन घंटे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर कहा था- लॉकडाउन को लोग गंभीरता से नहीं ले रहे

जालंधर/चंडीगढ़. कोरोनावायरस संक्रमण के 31 मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को पूरे पंजाब में 31 मार्च तक कर्फ्यू लागू कर दिया। अमरिंदर ने कहा कि कर्फ्यू में किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। अगर किसी के लिए बेहद जरूरी हो तो वजह बताने पर उसे तय वक्त के लिए ही रियायत दी जाएगी। कर्फ्यू के दौरान जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी।

संक्रमण रोकने के लिए राज्य में धारा 144 लगाई गई थी और फिर लॉकडाउन कर दिया गया था, लेकिन इसका असर दिखाई नहीं दिया और नए केस सामने आते रहे। इसके बाद सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। सोमवार सुबह पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टर अमरिंदर सिंह ने राज्य के मुख्य सचिव और प्रदेश के डीजीपी के बीच 3 घंटे की मैराथन मीटिंग हुई। इसमें यह चर्चा हुई कि लोग लॉकडाउन को नहीं मान रहे हैं, इसलिए कर्फ्यू लगाना जरूरी है। दूसरी वजह यह है कि प्रदेश में कई लोग विदेशों से लौटे हैं। अकेले जालंधर में 13 हजार एनआरआईज़ हैं। इनकी ट्रेसिंग नहीं हो पा रही है।

पंजाब में कर्फ्यू लगने से साढ़े तीन घंटे पहले प्रधानमंत्री ने भी अपील की थी

पंजाब में हजारों एनआरआई पिछले दिनों लौटे, जनता कर्फ्यू के दौरान भी लोगों ने बंदिशें नहीं मानीं

1. दुनिया के 210 देशों में 28 लाख पंजाबी, कोरोना के चलते हजारों भारत आए
पंजाब के 28 लाख लोग विदेश में रहते हैं। कोरोना के चलते अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट कैंसिल हो चुकी हैं, लेकिन इससे पहले बहुत से लोग पंजाब लौट चुके हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 210 देशों में 28 लाख 19 हजार 835 भारतीय बसे हैं। इनमें यूनाइटेड अरब अमीरात में 8 लाख, अमेरिका में 2.80 लाख, इंग्लैंड में 4.66 लाख, ऑस्ट्रेलिया में 1.32 लाख, इटली में 2.5 लाख, कनाडा में 6 लाख पंजाबी हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इन देशों से पिछले दिनों कई लोग लौटे, जो ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। इनमें से कई लोगों ने अपने पते और फोन नंबर भी गलत लिखवाए हैं।

2. फतेहगढ़ चूड़ियां में घर में रखा समागम 70 लोग पहुंचे, फाइनेंसर गिरफ्तार
कोरोना की चेन तोड़ने के लिए रविवार को प्रदेश में 20 से ज्यादा लोगों के एक साथ इकट्ठे होने पर रोक थी और जनता कर्फ्यू था। इसके बावजूद गुरदासपुर, पटियाला और संगरूर समेत कई जिलों में सरकारी आदेशों नहीं माना गया। फतेहगढ़ चूड़ियां के गांव सारचूर में फाइनेंसर ने घर में श्री अखंड पाठ साहिब का समागम रखा। इसमें 70 से ज्यादा लोग पहुंचे। सूचना मिलने पर पुलिस ने पहुंचकर फाइनेंसर सुखराज पाल सिंह पर केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।

3. संगरूर में जनता कर्फ्यू के दौरान शादी हो रही थी, 500 लोग जमा थे
संगरूर में जनता कर्फ्यू के दौरान शादी के कई समारोह कैंसल हुए। लेकिन एक शादी में 500 लोग पहुंच गए। पुलिस ने एंपायर कैसल पैलेस के मैनेजर विजय शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह मोगा में शनिवार को शादी चल रही थी। टीम पहुंची ताे दूल्हा-दुल्हन दीवार फांदकर भागे। यहां भी पैलेस मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया।

4. खन्ना के गांव में श्री आनंदपुर साहिब से 60 निहंगों का जत्था आया
श्री आनंदपुर साहिब से होला मोहल्ला (हाेली से जुड़ा त्योहार) मनाकर घोड़ों पर सवार लौटे 60 निहंग सिंहों का जत्था खन्ना के पास पायल के गांव घुड़ानी कलां पहुंचा तो कोरोना के डर से वहां अफरा-तफरी मच गई। गांव का माहौल तनाव पूर्ण हो गया। पहले लोगों ने जत्थे को लोगों को वापस जाने को कहा, लेकिन जब वे नहीं माने तो इसकी सूचना पुलिस और प्रशासन को दी गई। पुलिस हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम को लेकर जत्थे में शामिल निहंगों को क्वारैंटाइन कर खुले में पहुंची। गांव घुडानी कलां के सरपंच हरिंदर सिंह ने बताया कि निहंग सिंहों के जत्थे को गांव से बाहर निकलने के लिए लोग भी इकट्ठा होने शुरू हो गए थे। उन्होंने कहा कि पंजाब में जिस व्यक्ति की सबसे पहले काेरोनावायरस से मौत हुई है वह भी श्री आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला में जा कर आया था, इसलिए लोगों में डर था।

5. पटियाला में 30 से ज्यादा लोगों ने इकट्‌ठे होकर तालियां बजाईं, पुलिस केस दर्ज
पटियाला में एक जगह इकट्ठे होकर 30 से ज्यादा लोगों ने ताली और थाली बजाई थी। पुलिस ने इसका वीडियो देख केस किया था। मामला धर्मपुरा बाजार इलाके का है। यहां वीडियो वायरल हाेने पर पुलिस हरकत में आई। 20 अनजान लोगों पर केस दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.