शेयर मार्केट LIVE / गिरावट के साथ शुरू हुए बाजार में लोअर सर्किट लगा, 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोकी; सेंसेक्स अगस्त 2014 के बाद निचले स्तर पर
बीएसई 27,765 अंकों पर और निफ्टी 8,130 अंकों पर पहुंचे देश के कई हिस्सों में 31 मार्च तक लॉकडाउन घोषित
मुंबई. कोरोनावायरस फैलने के भय से देश के बाजार तेज गिरावट के साथ खुले। जिसके चलते शुरुआती आधे घंटे के अंदर ही बाजार में लोअर सर्किट लगाना पड़ा। बीएसई 10% या 2991.85 अंक नीचे गिरकर 26,924.11 पर पहुंच गया। इसी तरह, निफ्टी 9.63% या 842.45 पॉइंट नीचे 7,903 पर पहुंच गया। हालांकि, 45 मिनट बाद बाजार में ट्रेडिंग फिर से शुरू हुई तो गिरावट और बढ़ गई। अभी सेंसेक्स 3368.35 अंक गिरकर 26,547.61 पर और निफ्टी 960.00 पॉइंट नीचे 7,785.45 पर कारोबार कर रहा है। इससे पहले, 13 मार्च को भी बाजार में लोअर सर्किट लगा था। हालांकि, उस दिन रिकवरी भी हो गई थी।
बाजार में गिरावट की 3 वजह
1. कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने की वजह से देश के कई राज्यों में 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया है।
2. विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। करीब दो हफ्ते में वे 50,000 करोड़ रुपए के शेयर बेच चुके हैं।
3. कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने के डर से दुनियाभर के बाजारों में गिरावट आ रही है। हॉन्गकॉन्ग के बाजार में 5% गिरावट देखी गई।
लोअर सर्किट यानी, बाजार का बेहद बुरा वक्त
जुलाई 2001 की सेबी की गाइडलाइन के बाद सर्किट की शुरुआत हुई थी। भारतीय शेयर बाजार में अचानक आए बड़े उतार-चढ़ाव को थामने करने के लिए सर्किट लगाया जाता है। ये दो तरह के होते हैं। अपर सर्किट और लोअर सर्किट। अपर सर्किट तब लगाया जाता है, जब बाजार एक तय सीमा से ज्यादा बढ़ जाता है। और जब उसी सीमा से ज्यादा घटता है तो लोअर सर्किट का इस्तेमाल किया जाता है। सेबी ने सर्किट के लिए तीन ट्रिगर लिमिट 10%, 15% और 20% तय की हैं। यानी उस वक्त बाजार जितने पर है, उसका 10%, 15% और 20% घटने-बढ़ने पर सर्किट लगता है। शुक्रवार को बाजार में तेज गिरावट के बाद सेंसेक्स में लोअर सर्किट लगाया था।
- जब दोपहर 1 बजे से पहले शेयर बाजार 10% तक गिर या चढ़ जाए तो ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है।
- अगर 1 बजे के बाद 10% उतार-चढ़ाव होता है तो कारोबार को केवल 15 मिनट के लिए रोका जाता है।
- अगर दोपहर 1 बजे से पहले शेयर बाजार में 15% उतार-चढ़ाव आए तो ट्रेडिंग 1 घंटे 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है।
- अगर ट्रेडिंग के दौरान किसी भी वक्त शेयर बाजार में 20% का उतार-चढ़ाव आता है तो बचे हुए दिन के लिए ट्रेडिंग बंद कर दी जाती है।
10 दिन में दूसरी बार सेंसेक्स में लोअर सर्किट लगा
- सबसे पहला मौका 21 दिसंबर 1990 में आया था, जब सेंसेक्स में 16.19% की गिरावट दर्ज की गई थी। इस गिरावट के बाद शेयर बाजार 1034.96 के स्तर पर पहुंच गया था।
- सेंसेक्स में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट 28 अप्रैल 1992 में आई थी। तब सेंसेक्स में 12.77% की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 3896.90 के स्तर पर बंद हुआ था।
- तीसरा मौका था 17 मई 2004 में आया, जब शेयर बाजार में 11.14% की गिरावट दर्ज की गई। तब शेयर बाजार 4505.16 के स्तर पर जाकर बंद हुआ था।
- 24 अक्टूबर 2008 को सेंसेक्स में 10.96% की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 8701.07 के स्तर पर बंद हुआ था।
- 13 मार्च 2020 को भी 10% की गिरावट के कारण सर्किट लगा था, लेकिन बाद के कारोबार में सेंसेक्स सुधार आ गया था। उस दिन सेंसेक्स 34,103.48 पॉइंट पर बंद हुआ था।
बाजार के मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपए की कमी
सेंसेक्स में तेज गिरावट के कारण बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपए की कमी आ गई है। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद मार्केट कैप 116.09 लाख करोड़ रुपए था, जो अब घटकर 105.91 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है।
कच्चे तेल में 2.3% गिरावट
कोरोनावायरस की वजह से तेल की मांग घटने, सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वॉर छिड़ने की वजह से कच्चे तेल में अस्थिरता बनी हुई है। सोमवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 2.3% गिरकर 26 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। एक बार 5% तक गिरावट आ गई थी।
रुपया पहली बार 76 के नीचे फिसला
डॉलर के मुकाबले रुपया 75.69 पर खुला और कुछ ही देर में 76 के नीचे फिसल गया। यह अब तक का सबसे निचला स्तर है।
शुक्रवार को बाजार में तेजी रही थी
सरकार और आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों के कारण शुक्रवार को देश के बाजार बढ़त में बंद हुए थे। सेंसेक्स 1627.73 अंक की बढ़त के साथ 29,915.96 अंकों पर और निफ्टी 482.00 पॉइंट बढ़कर 8,749.70 अंकों पर बंद हुआ था। वहीं अमेरिकी बाजारों में गिरावट रही थी। डाउ जोंस 913 अंकों की गिरावट के साथ 19,174 पर बंद हुआ था। इसी तरह नैस्डैक कंपोजिट 271 अंक गिरकर 6,879.52 पर बंद हुआ था। एसएंडपी 104 अंक गिरकर 2,304.92 पॉइंट पर रहा।
तेल कंपनियों के शेयरों में 8.5% तक नुकसान
लॉकडाउन की वजह से पेट्रोल-डीजल की खपत घटेगी। इस डर से निवेशक तेल कंपनियों के शेयर बेच रहे हैं।
कंपनी | शेयर में गिरावट |
बीपीसीएल | 8.41% |
हिंदुस्तान पेट्रोलियम | 6.43% |
इंडियन ऑयल | 4.23% |
बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में 12% तक गिरावट
एक्सिस बैंक | 12.72% |
आईसीआईसीआई बैंक | 11.80% |
एसबीआई | 6.99% |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 6.17% |
कोटक महिंद्रा बैंक | 6.15% |
पीएनबी | 4.97% |
इप्का लैब्स के शेयर में 18% तेजी
बाजार की गिरावट के विपरीत कुछ फार्मा कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है। इप्का लैब्स का शेयर 18% चढ़ गया। शुक्रवार को भी करीब 8.5% की तेजी आई थी। डॉ. पैथ लैब्स के शेयर में भी 3% बढ़त देखी जा रही है।