गुरदासपुर । गुरदासपुर में दीपक के बेटे सूरज को जनता कर्फ्यू के दौरान एकदम से खांसी, जुकाम व तेज बुखार हो गया। घर में कोई वाहन न होने के चलते दंपती बच्चे को गोद में उठाकर सिटी की सुनसान सड़क पर घूमता रहा। किसी ने पुराने सिविल अस्पताल जाने की बात कही तो वह वहां पहुंचे, लेकिन वहां बाल रोग विशेषज्ञ ही नहीं थे। वहां से नए अस्पताल करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर होने के चलते उन्हेंं मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
हैरानी की बात यह रही कि पुराने सिविल अस्पताल के बिल्कुल सामने दवा विक्रेताओं की पूरी मार्केट है, लेकिन यह मार्केट भी बंद थी। ऐसे में बेटे सूरज की हालत को बिगड़ता देख एक राहगीर ने दंपती की मदद की और बच्चेे को गुरदासपुर के बब्बरी स्थित सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया।
अधिकतर मेडिकल स्टोर रहे बंद
जनता कर्फ्यू में प्राशासनिक अधिकारियों ने मेडिकल स्टोर व स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद अधिकतर दवा विक्रेता अपनी दुकानें बंद कर घरों में चले गए। हालांकि कुछ ऐसे स्थानों पर मेडिकल स्टोर खुले थे, जो बाजारों के अंदर छोटी गलियों मेंं थे, लेकिन यहां तक आम जनता अपनी पहुंच नहीं कर पाई।
पुलिस की रही सख्ती
उधर घर से बाहर निकलने वाले लोगों पर पुलिस विभाग ने पूरी सख्ती रखी। एसएसपी स्वर्णदीप सिंह खुद गुरदासपुर जिले का दौरा कर लोगों को घरों के अंदर रहने की अपील कर रहे थे। जबकि गुरदासपुर के डाकखाना चौक में तैनात पुलिस कर्मचारी घर से बाहर निकलने वाले हर एक व्यक्ति की गहनता से पूछताछ करने के बाद उन्हें अपने गतंव्य तक जाने दे रहे थे।
क्या कहते हैंं डीसी
उधर गुरदासपुर डीसी मोहम्मद इशफाक ने अधिकतर मेडिकल स्टोर बंद होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेडिकल स्टोर बंद करने के कोई आदेश नहीं थे, लेकिन अगर बंद है तो खुलने की अपील करेंगे।
यह बोले, प्रधान
उधर केमिस्ट एसोसिएशन के प्रधान प्रभजिंदर आनंद ने कहा कि 90 फीसद दवा विक्रेताओं की दुकानें खुली है। अगर कहीं एक दो दुकान बंद है तो उनका कोई कारण होगा। प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश पर जनता को स्वास्थ्य संबंधी कोई मुश्किल पेश नहीं आने दी जाएगी।