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विदेश से आए पंजाबी यहां बिना स्क्रीनिंग घूम रहे, इटली-कनाडा में ऐसा किया तो कैद
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कोरोना के चलते अब सभी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट कैंसिल की गई
जालंधर . पंजाब के 28 लाख लोग विदेश में रहते हैं। कोरोना के चलते अब सभी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट कैंसिल हो चुकी हैं। बहुत से पंजाबी जो जहां पर हैं वे वहीं पर जीवन बसर करने के लिए मजबूर हैं। इटली में तो शुक्रवार को अवतार सिंह नामक व्यक्ति की मौत भी कोरोना वायरस से हो चुकी है। वे मूल रूप से चंडीगढ़ के हैं। मिनिस्ट्री ऑफ फॉरोन अफेयर्स के अनुसार 210 देशों में 2819835 भारतीय बसे हैं।
जबकि प्रमुख देशों के अलग-अलग सर्वे के अनुसार पंजाबियों की संख्या करीब 30 लाख है। इसमें यूनाइटेड अरब अमिरात में 8 लाख, अमेरिका में 2,80,867, इंग्लैंड में 4,66,563, ऑस्ट्रेलिया में 1,32,496, इटली में 2.5 लाख, कनाडा में 6 लाख 68 हजार 640 पंजाबी हैं। कनाडा, यूएई और इटली की तीन रिपोर्ट से समझिए वहां की सरकार ने कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या इंतजाम किए हैं और वहां पर प्रवासियों की स्थिति क्या है।
कनाडा से…हरिंदर मल्ही : पंजाबियों के बैसाखी कार्यक्रम रद्द
मोगा जिले के गांव चुघघा कलां निवासी हाल आबाद कनाडा एमपी हरिंदर मल्ही जो पिछली ट्रूडो सरकार में महिलाओं के मामले की मंत्री रह चुकी हैं उन्होंने बताया कि पंजाबियोंे का गढ़ माना जाने वाले ओंटेरियो के प्रीमियर कुरदरा फोर्ड ने कोरोना वायरस से बचने के लिए यहां पर इमरजेंसी घोषित कर दिया है। मनोरंजन केंद्र, पुस्तकालय, प्राइवेट स्कूल, डे-केयर, बार, रेस्टोरेंट, थियेटर, समारोह स्थान और सिनेमा हॉल 31 मार्च तक बंद करे की घोषणा हो चुकी है। 20 से अधिक लोगं एक साथ एकत्र नहीं हो सकते इसमें सभी पूजा स्थल, समागम केंद्र शामिल हैं। कोरोना वायरस के बढ़ रहे प्रकोप को मद्देनजर वैंकूवर में 18 अप्रैल, 2020 को सजाए जाने वाले सालाना नगर कीर्तन को रद्द कर दिया गया है। खालसा दीवान सोसायटी (नगर कीर्तन के प्रबंधक) के जनरल सचिव जरनैल सिंह भंड़ाल ने बताया कि फेडरल और प्रांतीय सरकारों के निर्णय के आधार पर हमने यह फैसला किया है। हालांकि रोजमर्रा की जरूरत वाली वस्तुओं के लिए किराने की दुकान और दवा की दुकान खुली रहेंगी। प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी सभी लोगों को आश्वासन दिया है कि कनाडा सरकार उनके हितों से कोई समझौता नहीं करेगी।
इटली से…सलीम मलिक : 42 दिन से सबकुछ बंद
कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले देशों में इटली ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। शुक्रवार को वायरस की चपेट में आने से इटली में पहले भारतीय पंजाबी की मौत हुई, जिसकी पहचान बरेशिया के कस्बा उर्जीनोवी में रहने वाले अवतार सिंह के रूप में हुई है जो मूल रूप से चंडीगढ़ के हैं। इटली सरकार ने अपने कई शहरों को पूरी तरह से शट डाउन कर दिया है और लोगों को बिना परमिशन के घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई है। इटली सरकार ने निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति बिना जरूरी घर से बाहर निकलते पाया गया तो उस पर 206 यूरो (करीब 17000) या 3 महीने की सजा भी हो सकती है। सरकार ने सभी कस्बों शहरों और गांवों में के सरकारी दफ्तरों (कमूने) में एक फॉर्म (मुदैलो) उपलब्ध करवाया है, जिसे भरने के बाद उसे अपने साथ रखेंगे और मार्केट जा सकते हैं।
यूएई से…संजय कुमार : लेबर वीजा पर गए पंजाबी कैंपों में
यूएई में पंजाबी मुख्य तौर पर भवन निर्माण, टैक्सी संचालन, होटल, में काम करते हैं। जो लोग श्रमिक वीजा पर यहां आए हैं, उनके लिए कैंप बने हैं। कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले श्रमिकों को एक महीने में औसतन 2000 दिरहम मिल जाते हैं। जो लोग वाहन संचालन का काम करते हैं, उन्हें महीने में करीब 3000 दिरहम मिलते हैं। फिलहाल दफ्तर बंद करने या फिर रोजगार बंद होने जैसी स्थिति नहीं है।
वही दूसरी तरफ काेराेना से निपटने के लिए जालंधर के डीसी वीके शर्मा ने शनिवार शाम सिविल अाैर पुलिस प्रशासन के साथ मीटिंग कर 25 मार्च काे रात 12 बजे तक इंडस्ट्री, फैक्ट्रियां, हाेटल अाैर निजी दफ्तर बंद करने का आदेश दिया है ताकि काेविड-19 की चेन ताेड़ी जा सके। डीसी ने कहा कि चार दिन तक लाेगाें काे काेई दिक्कत न अाए, इसे सुनिश्चित किया जाएगा। स्क्रीनिंग नहीं करवाने वाले एनअारअाईज पर चिंता जताते हुए डीसी ने कहा कि जनवरी से अब तक 13 हजार से ज्यादा लाेग विदेश से जालंधर आ चुके हैं। ये प्रदेश में सबसे ज्यादा हैं। हजाराें एनअारअाईज द्वारा जांच नहीं करवाना बेहद गंभीर मामला है। डीसी ने कहा कि अगले चार दिन बिना बात के बाहर घूमने वाले लाेगाें से पूछताछ की जाएगी। 5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक रहेगी और अगर कोई व्यक्ति बिना ठाेस कारण यहां-वहां वाहन चलाता दिखा ताे उस पर भी कार्रवाई हाेगी। सरकारी कार्यालय और इमरजेंसी सेवाएं खुली रहेंगी। ऑनलाइन कंपनियों की सप्लाई चेन से जुड़े लोग डिलीवरी दे सकेंगे। शनिवार काे 95 से ज्यादा लाेगाें की स्क्रीनिंग की गई। तीन लाेगाें में लक्षण पाए जाने पर उनके सैंपल लिए गए।
लाेगाें में काेराेना काे लेकर डर के मद्देनजर डाॅक्टराें ने स्पष्ट किया है कि हर खांसी-बुखार काेविड-19 नहीं है। माैसम में बदलाव हाेने पर भी खांसी-बुखार के मामले बढ़ते हैं। एेसे में बिलकुल भी घबराएं नहीं अाैर दवा लेने के बावजूद दाे-तीन दिन तक समस्या रहने पर सिविल अस्पताल में जांच करवाएं। वायरस का संक्रमण राेकने के लिए जनता कर्फ्यू के तहत साेमवार काे लाेग स्वेच्छा से घराें में रहेंगे। काेराेनावायरस के लक्षण दिखाई देने पर सिविल अस्पताल में जांच भी करवा सकते हैं। सेहत विभाग के अनुसार 2 हजार काे ट्रेस कर लिया गया है।
कोरोना को लेकर कई लोगों के मन में डर है और वे बिना डॉक्टरों का दिखाए खांसी-बुखार की दवाइयां ले रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बुखार होने पर मरीज को करोसिन दे सकते हैं पर सेल्फ मेडिकेशन हरगिज न करें। ऐसा करना आपके और आपके अपनों के लिए जानलेवा हो सकता है।
95 एनआरआई ने खुद सिविल अस्पताल में कराई स्क्रीनिंग
दोआबा क्षेत्र में जालंधर, होशियारपुर, नवांशहर और 729 कपूरथला जिले आते हैं। अब तक दोआबा में 4427 ऐसे लोग हैं जो विदेश यात्रा से लौटे हैं। 35 फीसदी लोगों को ट्रेस नहीं किया जा सका है। गायब एनआरआई जिला प्रशासन के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियाें का मानना है कि अगर इनको जल्द ढूंढकर क्वारेंटाइन नहीं किया गया तो वायरस फैल सकता है। विभाग के पास विदेश से आए 13 हजार लोगों की लिस्ट पहुंच चुकी है पर इनमें माेबाइल नंबर न हाेने के कारण दिक्कत अा रही है। काेराेना के डर से कई पुलिस मुलाजिम भी विदेश से आए लोगों को ढूंढने से डर रहे हैं। डीसी ने 17 नई टीमों का गठन किया है।
प्रशासन के अन्य फैसले विदेश से आए लोगों के घरों में लगेगा स्टीकर
जिला प्रशासन उन एनआरआईजी के घरों के बाहर पंफ्लेट चस्पा करेगा जिन्हें क्वारेंटाइन में रहने को कहा गया है। पंफ्लेट पर एनआरआईज के परिवार के सदस्यों के नाम, आयु, मकान नंबर के साथ कोरोना से बचाव के उपाय प्रिंट होंगे। एनआरआईज के हाथ पर चुनाव में मतदान के दिन इस्तेमाल होने वाली स्याही से मुहर लगाई जाएगी। पहले जो मुहर लगाई जा रही थी, उसे आसानी से मिटाया जा सकता था। इसीलिए चुनाव वाली स्याही के इस्तेमाल का फैसला लिया गया।
एनआरआई काे पुलिस की मदद से ढूंढ रहा विभााग
कई एनअारअाई जांच नहीं करवा रहे जिसे लेकर सेहत विभाग अाैर जिला प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है। इसलिए पुलिस और सेहत विभाग मिलकर इन्हें ट्रेस कर रही हैं। इसके चलते डीसीपी अरुण सैनी सिविल सर्जन दफ्तर पहुंचे। शनिवार को अलग-अलग एरिया में लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। सेहत विभाग के मुलाजिम पुलिस के साथ मिलकर घर-घर जाकर विदेश से आए लोगों की तलाश कर रहे हैं ताकि उनकी स्क्रीनिंग करवाई जा सके।
सिविल में स्क्रीनिंग, खुले रहेंगे मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल
- दूध और सब्जी की सप्लाई करने वाले संस्थान।
- प्रोसेस्ड फूड बेचने वाली सभी सेवाएं खुली रहेंगी। इनमें ब्रेड, बेकरी, फ्रोजन फूड।
- पेट्रोल पंप, एलपीजी पंप, सीएनजी, और इनके डिस्पेंसिंग यूनिट खुले रहेंगे।
- राइस शेलर चावल की मिलिंग करेंगे। घरेलू और व्यापारिक सिलेंडर मिलते रहेंगे।
- मिल्क प्लांट, डेरी यूनिट, पशुओं का चारा बनाने वाले यूनिट खुले रहेंगे। डाकखाना खुलेगा।
- सभी प्रकार के हॉस्पिटल और दवा की दुकानें खुली रहेंगी। सप्लाई भी होती रहेगी।
- टेलीकॉम कंपनियों के ऑपरेटर, जिनके जरिए सेवाओं को जारी रखना जरूरी है।
- सभी बैंक, एटीएम और बीमा कंपनियां।
- शराब ठेके खुले रहेंगे, मंडियों में हर प्रकार के अनाज की ट्रांसपोर्टेशन-सप्लाई होती रहेगी।
पंजाब के हॉकी खिलाड़ी हरजीत सिंह समेत दो प्लेयर्स नीदरलैंड में फंसे
एम्स्टर्डम | पंजाब के युवा हॉकी खिलाड़ी व कुराली निवासी हरजीत सिंह तथा पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी देवेंद्र वाल्मीकि नीदरलैंड के एक छोटे से शहर वासेनार में फंसे हुए हैं। ओलिंपियन देवेंद्र और 2016 में जूनियर वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के कप्तान हरजीत नीदरलैंड के प्रीमियर डिविजन क्लब एचजीसी की ओर से खेलते हैं। देवेंद्र ने कहा कि यहां कोरनावायरस के चलते सभी टूर्नामेंट रद्द हो चुके हैं। लेकिन यहां परिस्थितियां बहुत नियंत्रण में हैं। हम भारतीय दूतावास से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। जल्द ही वापसी करेंगे।
लोकसभा चुनाव में रोया था नीटू शटरां वाला, अब कोरोना की दवा बनाने का दावा किया, गिरफ्तार
जालंधर में कोरोना वायरस की दवा बना लिए जाने का दावा सामने आया है। हालांकि यह दावा करने वाले के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी पहुंच गई है और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया। यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि वही नीटू शटरां वाला है, जो लोकसभा की मतगणना वाले दिन फूट-फूटकर रोता नजर आया था। शनिवार को इसने कोरोना की दवा बना लिए जाने का दावा किया और इसके बाद न सिर्फ एक युवक ने दुकान पर पहुंचकर उसके दावे का पर्दाफाश कर डाला, बल्कि अपने फेसबुक पेज पर उससे फोन पर हुई बात का ऑडियो भी पोस्ट किया है। उसने लिखा है, ‘नीटू शटरां वाला पागल हो गया…’। रविवार को पुलिस ने नीटू को गिरफ्तार कर लिया है।
थाना डिविजन-8 में दी शिकायत में फैन भगत सिंह का नामक एक शख्स का कहना है कि उसने भी नीटू शटरां वाला की तरफ से फेसबुक पर डाला गया एक वीडियो देखा। इसमें नीटू दावा कर रहा था कि उसने कोरोना मास नामक दवा बनाई है। आधा-आधा चम्मच की पांच खुराक लेने से रोगी एकदम ठीक हो जाएगा। इसके बाद वह (फैन भगत सिंह का) नीटू की दुकान पर पहुंच गया। हालांकि नीटू की तरफ से दुकान पर भीड़ जुटने का दावा किया जा रहा था, लेकिन मौके पर उसके भाई और काम करने वाले दो लोगों के अलावा कोई नहीं मिला। इसके बाद फैन भगत सिंह का ने पुलिस को बुला लिया।
पुलिस के मुताबिक नीटू नकोदर गया हुआ बताया गया है, लेकिन फिलहाल उसके खिलाफ भ्रम फैलाने के आरोप में शिकायत दर्ज दर्ज कर ली गई है। एक तरफ देश-दुनिया में हाय-तौबा मची हुई है, वहीं नीटू शटरां वाला को न जाने यह क्या शरारत सूझी है। जल्द ही उससे पूछताछ के बाद सारी कहानी से पर्दा उठा लिया जाएगा।
कौन है नीटू शटरां वाला?
नीटू शटरां वाला असल में जालंधर का लोहे का एक मामूली कारीगर है। लगभग पांच साल पहले वह गणतंत्र दिवस पर बमनुमा एक संदिग्ध चीज हाथ लगने के बाद चर्चा में आया था। अब शहर का शायद ही कोई कोना-कोई दीवार होगी, जहां कहीं नीटू शटरां वाला लिखा न मिल जाए।
यह थी आंसू लाने वाली कहानी
नीटू शटरां वाला मई 2019 में लोकसभा चुनाव में जालंधर सीट से आजाद उम्मीदवार था। 23 मई को वोट काउंटिंग हो रही थी तो ठीक शाम 4 बजे नीटू सरेआम फूट-फूटकर रो पड़ा। दरअसल, 3 बजकर 45 मिनट तक नीटू के खाते में सिर्फ 840 वोट ही आए थे। आंखों में आंसू लिए नीटू ने कहा था, ‘उसके मोहल्ले के लोगों ने माता चिंतपूर्णी की कसम खाकर इन्हें वोट करने की बात कही थी। इसके अलावा इसके खुद के परिवार के 9 वोट हैं। नीटू के होश तो उस वक्त उड़ गए, जब परिवार के वोट भी पूरे नहीं मिले। चेकिंग कराने पर नीटू को पता चला कि उसके परिवार के कुल 9 में से उसे 5 वोट ही आए हैं, बाकी 4 वोट कहां किसके खाते में गए, कुछ पता नहीं।
फिर लिया ऐसा ही पंगा
हालांकि उस वक्त नीटू ने कहा कि साफ-साफ बेईमानी हुई है। राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी हो या कोई और, सबके सब चोर हैं। मैं तौबा करता हूं, आगे से इलेक्शन नहीं लड़ूंगा।’ बावजूद इसके पंजाब में विधानसभा उपचुनाव की प्रक्रिया के चलते नीटू शटरां वाला ने फगवाड़ा सीट से नामांकन भर दिया। इन सभी बातों को देखें तो एक तरह से नीटू को सस्ती लोकप्रियता बटोरने का शौक मात्र है। इसी के चलते अब फिर से उसने कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा कर डाला।