मध्य प्रदेश / कांग्रेस के 21 बागी पूर्व विधायक भाजपा में शामिल; 12 दिन से बेंगलुरु में ठहरे थे, आज दिल्ली पहुंचकर सिंधिया से मिले
बेंगलुरु के रिजॉर्ट में ठहरे थे कांग्रेस के बागी, स्पीकर ने सभी के इस्तीफे मंजूर किए थे शनिवार को होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक कोरोना के चलते टली, अब सोमवार को होगी
भोपाल (मध्य प्रदेश). बेंगलुरु में 12 दिन से ठहरे कांग्रेस के बागी 21 पूर्व विधायक शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए। बिसाहूलाल साहू ने पहले ही भाजपा जॉइन कर ली थी। ये सभी नेता बेंगलुरु से दिल्ली पहुंचे थे। पहले इन नेताओं से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुलाकात की। इसके बाद उन्हें दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर लेकर पहुंचे। इस दौरान सिंधिया के अलावा कैलाश विजयवर्गी, नरेंद्र तोमर, धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे। संभावना है कि सभी नेताओं की आज अमित शाह भी औपचारिक मुलाकात हो सकती है। इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इससे पहले ये सभी पूर्व विधायक चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे। इनके आज रात ही भोपाल आने की संभावना है। 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश में 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी और शुक्रवार को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
18 सिंधिया समर्थक, 4 सरकार से नाराज थे
बेंगलुरु में इस्तीफा देने वाले 18 विधायक सिंधिया समर्थक हैं। जबकि 4 ने सरकार से नाराज होकर इस्तीफा दिया था। इनमें ऐदल सिंह कंसाना और बिसाहूलाल दिग्विजय समर्थक माने जाते थे। हरदीप सिंह डंग और मनोज चौधरी किसी गुट के नहीं थे।
इस्तीफा देने वाले 16 विधायक ग्वालियर-चंबल से
इस्तीफा देने वाले 16 विधायक ग्वालियर-चंबल से हैं और इस क्षेत्र में सिंधिया का खासा प्रभाव है। उपचुनाव में सिंधिया के साथ ही यहां केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और शिवराज सिंह चौहान फैक्टर भी काम करेगा। कांग्रेस इस बार सिंधिया के बिना ही इन सीटों पर उपचुनाव में उतरेगी।
उपचुनाव पर निर्भर है बागियों का भविष्य
22 बागियों के इस्तीफे और 2 विधायकों के निधन से प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर अब 6 माह के अंदर उपचुनाव होंगे। यानी अब इन 22 का भविष्य उपचुनाव पर टिक गया है। संभवत: मई-जून में चुनाव आयोग उपचुनाव करा सकता है। इनके नतीजे तय करेंगे कि नई सरकार बहुमत में रहेगी या अस्थिरता के बीच झूलेगी।
भाजपा विधायक दल की बैठक टली
भाजपा विधायक दल की बैठक पहले शनिवार को तय थी, लेकिन कोरोनावायरस के चलते बैठक 23 मार्च तक टाल दी गई। इसमें विधायक दल के नेता का चुनाव होगा। इसमें दिल्ली से पर्यवेक्षक के रूप में धर्मेंद्र प्रधान और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भोपाल आ सकते हैं। 25 मार्च को नवरात्र की घट स्थापना के साथ ही भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। जनता कर्फ्यू के कारण शपथ समारोह में देरी हो सकती है।
उधर, कमलनाथ दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलेंगे
कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को दिल्ली रवाना होंगे। वे सोनिया गांधी से मिलेंगे और उन्हें प्रदेश के घटनाक्रम और सरकार के इस्तीफा देने की रिपोर्ट सौंपेंगे। सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ 25 मार्च तक दिल्ली में ही रहेंगे।