मध्यप्रदेश-कांग्रेस के करीब 70 विधायक राज्यपाल से मिले, बेंगलुरु से विधायकों को मुक्त कराने की मांग की

कांग्रेस ने बेंगलुरु में मौजूद बागी विधायकों को भोपाल लाने के लिए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा मंगलवार को स्पीकर प्रजापति ने राज्यपाल को पत्र लिखकर बेंगलुरु में विधायकों को लाने की बात कही थी

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भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी सियासी ड्रामे का परिणाम क्या होगा, इसकी कुछ झलक आज दिखाई पड़ सकती है. शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है. बीजेपी नेता ने अदालत में गुहार लगाकर कमलनाथ सरकार का बहुमत परीक्षण जल्द करवाने की मांग की है. दूसरी ओर मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ और राज्यपाल लालजी टंडन के बीच चिट्ठियों का आदान-प्रदान जारी है. ऐसे में MP का ये सियासी ऊंट किस करवट बैठता है इसपर हर किसी की नज़र है.

मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच बुधवार को कांग्रेस के करीब 70 विधायक राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने राजभवन पहुंचे। कांग्रेस ने बेंगलुरु में मौजूद बागी विधायकों को भोपाल लाने के लिए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले मंगलवार शाम को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने राज्यपाल को पत्र लिखा था। इसमें भी उन्होंने बेंगलुरु से विधायकों को वापस लाने की अपील की थी।

  • राज्यपाल को सौंपे गए कांग्रेस के ज्ञापन में कहा गया, ‘‘बेंगलुरु में भाजपा ने कांग्रेस के 16 विधायकों को बंधक बनाकर रखा है। इन्हें मुक्त कराने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आपसे निवेदन कर चुके हैं। बुधवार को बेंगलुरु में दिग्विजय सिंह समेत कुछ विधायक पहुंचे। वे वहां राज्यसभा उम्मीदवार होने के नाते बातचीत करना चाहते थे। यह दिग्विजय सिंह का अधिकार भी है, लेकिन पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें विधायकों से मिलने नहीं दिया। सभी कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। कांग्रेस के सभी विधायक आपसे मांग करते हैं कि बेंगलुरु में बंधक सभी 16 साथियों को मुक्त कराया जाए।’’
  • बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस के बागी 16 विधायकों ने कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है और सुरक्षा बढ़ाए जाने की अपील की है. सभी विधायक इस वक्त बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में हैं. यहां उनसे बुधवार सुबह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह मुलाकात करने पहुंचे थे, हालांकि उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
  • एक तरफ मध्य प्रदेश के घटनाक्रम पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है तो दूसरी ओर भोपाल में सभी कांग्रेस विधायक राजभवन पहुंचे हैं. भोपाल से बेंगलुरु पहुंचे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को पहले ही स्थानीय पुलिस हिरासत में ले चुकी है.
  • अदालत में मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना जवाब देने के लिए वक्त मांगा है. इसपर मुकुल रोहतगी ने आपत्ति जाहिर की है.
  • कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे की ओर से सुनवाई के दौरान 10th शेड्यूल लागू करने की मांग की गई. इसपर जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि हम इसके अंतर्गत नहीं आते हैं. दुष्यंत दवे ने कहा कि विधायक इस तरह इस्तीफा नहीं दे सकते हैं, उन्हें जनता के बीच में जाना चाहिए.
  • कांग्रेस की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि विधायकों की ड्यूटी है कि वो लोगों के लिए काम करे, लेकिन वो चार्टर्ड फ्लाइट और होटल में घूम रहे हैं. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 22 में से कितने विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए गए हैं?
  • अदालत को जब 6 विधायकों की सूचना दी गई तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब स्पीकर ने 6 का इस्तीफा स्वीकार किया, तो क्या उन्होंने सभी 22 के बारे में सोचा. इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने जवाब दिया कि उन 6 विधायकों के पास कुछ मंत्रालय थे, इसलिए इस्तीफा स्वीकार हुआ. मुकुल रोहतगी ने इस दौरान कहा कि कांग्रेस की ओर से इस सुनवाई को टालने की कोशिशें की जा रही हैं.

कांग्रेस के वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया गया है कि इस मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजना चाहिए. क्योंकि मध्य प्रदेश जैसी स्थिति इससे पहले कर्नाटक और गुजरात में भी आ चुकी है. दुष्यंत दवे ने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव का हवाला दिया.

अदालत में कांग्रेस के वकील की ओर से दलील दी गई है कि अभी दुनिया मानवता के सबसे बड़े संकट कोरोना से जूझ रही है, ऐसे में क्या इस वक्त बहुमत परीक्षण कराना जरूरी है?

  • सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश के मसले पर कांग्रेस और भाजपा के वकील आमने-सामने आ गए हैं. बीजेपी की ओर से पेश हो रहे मुकुल रोहतगी के कोर्ट को इंतजार कराने पर कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि आप अदालत को 50 मिनट इंतजार करवा रहे हैं और बीच में आकर टोक भी रहे हैं. फिर आप अपने आप को देश का बड़ा वकील बता रहे हैं.
  • सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही मुकुल रोहतगी की ओर से कहा गया कि वो AGR के मामले में सुनवाई के लिए जाना चाहते हैं, जिसके बाद अदालत ने उनकी बात मान ली. अब मध्य प्रदेश के मसले पर दोपहर बाद सुनवाई होगी.

गृह मंत्री ने कहा- 107 भाजपा विधायक सुरक्षित हैं, तो 16 क्यूं नहीं सुरक्षित रहेंगे
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने बेंगलुरु में ठहरे विधायकों के भोपाल आने पर पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं। इसके बावजूद वे जहां से चाहें, सुरक्षा ले सकते हैं। सरकार को आपत्ति नहीं है। वहीं, प्रियव्रत सिंह ने कहा- जब 107 भाजपा के विधायक मध्यप्रदेश की धरती पर सुरक्षित हैं, तो ये 16 विधायक सुरक्षित क्यों नहीं रहेंगे?

होटल से राजभवन पहुंचे, वापस होटल आए विधायक
इससे पहले होटल मैरिएट से विधायक दो बसों में बैठकर राजभवन पहुंचे। कांग्रेस विधायक पिछले 4 दिन से मैरिएट होटल में हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों खेमे की नजर अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है। होटल से बाहर निकलने के दौरान कांग्रेस विधायकों ने बातचीत में कहा कि बेंगलुरु में विधायकों को बंधक बनाकर रखा हुआ है। वे जब भी यहां आएंगे, हमारे साथ ही खड़े नजर आएंगे।

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