सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को लगाई फटकार, दी सभी कंपनियों के MD को जेल भेजने की चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "क्या हम मूर्ख है' ये कोर्ट के सम्मान की बात है क्या टेलीकॉम कंपनियां को लगता है कि वो संसार में सबसे पावरफुल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को जोरदार फटकार लगाई है. साथ ही, कोर्ट ने सभी टेलीकॉम कंपनियों के एमडी को जेल भेजने की चेतावनी भी दी है.
क्या है मामला- टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने वोडाफोन आइडिया से एजीआर बकाए को लेकर करीब 53 हजार करोड़ रुपये की मांग की है. इसमें ब्याज, जुर्माना और राशि के भुगतान में की गई देरी पर ब्याज भी शामिल है. कंपनी ने कहा कि वह एजीआर देनदारी पर स्वआकलन रिपोर्ट टेलीकॉम डिपार्टमेंट को छह मार्च को सौंप चुकी है. इससे पहले कंपनी ने 17 फरवरी को 2,500 करोड़ रुपये और 20 फरवरी को 1000 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
कितना है कंपनियों पर कुल बकाया- टेलीकॉम विभाग के प्रति इन कंपनियों का करीब 1.63 लाख करोड़ रुपये बकाया है. इसमें कंपनियों का लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज शामिल है. लाइसेंस के तौर पर बकाया रकम 92,642 करोड़ रुपये और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज के तौर पर 70,869 करोड़ रुपये बकाया है. सबसे अधिक बकाया भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया का है.
क्या है एजीआर (What is AGR) – AGR यानी Adjusted gross revenue दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूसेज और लाइसेंसिग फीस है. इसके दो हिस्से हैं- स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस. DOT का कहना है कि AGR की गणना किसी टेलीकॉम कंपनी को होने वाली संपूर्ण आय या रेवेन्यू के आधार पर होनी चाहिए, जिसमें डिपॉजिट इंटरेस्ट और एसेट बिक्री जैसे गैर टेलीकॉम स्रोत से हुई आय भी शामिल है. दूसरी तरफ, टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि AGR की गणना सिर्फ टेलीकॉम सेवाओं से होने वाली आय के आधार पर होनी चाहिए.