PM मोदी ने पाक को दिखाया आइना, आतंक समर्थक देश देख लें बांग्‍लादेश कहां पहुंच गया

कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते पीएम मोदी (narendra modi) को टालनी पड़ी थी बांग्‍लादेश की यात्रा.

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नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने तबाही से बांग्लादेश (Bangladesh) को बाहर निकालने वाले शेख मुजीबुर रहमान (sheikh mujibur rahman) की मंगलवार को सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने सकारात्मक और प्रगतिशील समाज बनाने के लिए अपने प्रत्येक क्षण को समर्पित कर दिया. उन्‍होंने इस मौके पर पाकिस्‍तान का नाम लिए बिना कहा, आतंक समर्थक देश देख लें कि आज बांग्‍लादेश तरक्‍की कर कहां पहुंच गया.

बंगबंधु के नाम से लोकप्रिय मुजीबुर रहमान के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर अपने वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि पिछले पांच बरसों में भारत और बांग्लादेश ने आपसी संबंधों का एक स्वर्णिम अध्याय लिखा है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘शेख हसीना जी ने मुझे इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनने के लिए व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रण दिया था, लेकिन कोरोना के कारण ये संभव नहीं हो पाया. फिर शेख हसीना जी ने एक और विकल्प दिया और इसलिए मैं वीडियो के माध्यम से आपसे जुड़ रहा हूं.’

पीएम मोदी ने कहा ‘बंगबंधु शेख मुजीबुर-रहमान पिछली सदी के महान व्यक्तित्वों में से एक थे. उनका पूरा जीवन, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. आज मुझे बहुत खुशी होती है, जब देखता हूं कि बांग्लादेश के लोग, किस तरह अपने प्यारे देश को शेख मुजीबुर-रहमान के सपनों का ‘सोनार-बांग्ला’ बनाने में जुटे हैं.’

पीएम ने कहा, ‘याद कीजिए एक दमनकारी और अत्याचारी शासन ने लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाली व्यवस्था ने किस तरह बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया, उसके लोगों को तबाह किया, सारी दुनिया भली भांति उन बातों को जानती है. आतंक और हिंसा को राजनीति और कूटनीति का हथियार बनाना, कैसे पूरे समाज और देश को तबाह कर देता है, ये हम भली भांति देख रहे हैं. आतंक और हिंसा के वो समर्थक आज कहां हैं, किस हाल में हैं?  दूसरी तरफ हमारा बांग्लादेश आज जिन ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है वो भी दुनिया देख रही है.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे इस बात की भी खुशी है कि बीते 5-6 वर्षों में भारत और बांग्लादेश ने आपसी रिश्तों का भी शोनाली अध्याय गढ़ा है, अपनी पार्टनरशिप को नई दिशा और नए आयाम दिए हैं. अगले वर्ष बांग्लादेश की मुक्ति के 50 वर्ष होंगे और उससे अगले वर्ष 2022 में भारत की आज़ादी के 75 वर्ष होने वाले हैं. मुझे विश्वास है कि ये दोनों पड़ाव, भारत-बांग्लादेश के विकास को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के साथ ही, दोनों देशों की मित्रता को भी नई बुलंदी देंगे.’

साल भर चलने वाले समारोह की शुरुआत ढाका के राष्ट्रीय परेड मैदान में बुधवार को होनी थी और इसमें मोदी सहित कई विदेशी गणमान्य लोगों के शरीक होने की उम्मीद थी. हालांकि, कोराना वायरस महामारी के चलते इन समारोहों को संक्षिप्त कर दिया गया.

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