निर्भया मामले का दोषी मुकेश पहुंचा मानवाधिकार आयोग, कहा- हत्या का हूं गवाह, रोकी जाए फांसी

Nirbhaya Case: इस बार फांसी की सजा टालने को लेकर मुकेश ने कहा है कि जेल में राम सिंह की मौत का गवाह है और उसकी हत्या की गई थी.

0 999,124

नई दिल्ली. निर्भया मामले में दोषी मुकेश ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) में याचिका दाखिल की है. इस याचिका में फांसी की सजा को टालने की मांग की गई है. बता दें, इस मामले में दोषियों की फांसी 20 मार्च को तय की गई है. लेकिन इस बार फांसी की सजा टालने को लेकर मुकेश ने कहा है कि जेल में राम सिंह की मौत का गवाह है और उसकी हत्या की गई थी. मुकेश का दावा है कि इस मामले की जांच सही तरीके से नहीं हुई है, इसलिए पहले इसकी जांच तो, उसके बाद उसे सजा दी जाए.

आरोपी ने फांसी लगाकर की थी आत्महत्या
बता दें, राम सिंह की मौत तिहाड़ जेल में हुई थी. बताया गया था कि उसने खुद फांसी लगा कर आत्म हत्या की थी. लेकिन मुकेश का कहना है कि उसकी हत्या हुई थी और वह इस हत्या का गवाह है. दरअसल, दोषी मुकेश का कहना है कि इस मामले में एक आरोपी राम सिंह की जेल में हत्या हुई थी. वह इस मामले में गवाह है. उसका कहना है कि राम सिंह की हत्या की जांच ठीक से नहीं हुई है. इसलिए उस मामले की पहले जांच हो. जिसके बाद ही उसे फांसी दी जाए.

अंतरराष्ट्रीय अदालत का खटखटा चुके हैं दरवाजा

इससे पहले निर्भया गैंगरेप मामले में तीन दोषी फांसी के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस पहुंच गए थे. सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा मिलने के बाद पवन, अक्षय और विनय की ओर से उनके वकील एपी सिंह ने अंतरराष्ट्रीय अदालत को न्याय दिलाने के लिए लेटर लिखा था. इस लेटर में 20 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की मांग की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का नहीं माना सुनवाई योग्य
इससे पहले सोमवार को निर्भया मामले में दोषी करार मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. मुकेश ने अदालत में अर्जी दाखिल कर अधिवक्‍ता वृंदा ग्रोवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने कहा कि मुकेश की याचिका सुनवाई योग्‍य ही नहीं है. बता दें कि वृंदा ग्रोवर ने शुरुआत में मुकेश के केस की पैरवी की थी. वर्ष 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्‍या मामले में मुकेश को फांसी की सजा सुनाई गई है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.