Nirbhaya Case: दोषियों को फांसी देने के लिए आज शाम तिहाड़ पहुंचेगा पवन जल्लाद, पूछी गई आखिरी इच्छा
निर्भया (Nirbhaya Gang Rape Case) के चारों दोषियों की फांसी तीन बार टल चुकी है. दोषियों के खिलाफ सबसे पहले 22 जनवरी को फांसी की तारीख तया हुई थी. फिर दूसरी बार 1 फरवरी और तीसरी बार 3 मार्च की तारीख तय की गई थी.
नई दिल्ली. दिल्ली के निर्भया गैंगरेप मामले (Nirbhaya Gang Rape Case) के चारों दोषियों अक्षय, पवन, विनय और मुकेश को 20 मार्च की सुबह फांसी दी जानी है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारियां कर ली हैं. निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए मेरठ जेल से खास तौर पर पवन जल्लाद को तिहाड़ बुलाया गया है. पवन जल्लाद आज शाम ही तिहाड़ पहुंच जाएंगे. 20 तारीख को चारों दोषियों को फांसी देने से पहले 18 और 19 मार्च को डमी फांसी होगी.
दोषियों से पूछी गई आखिरी इच्छा
सूत्रों की मानें तो फांसी का दिन करीब आते देख दोषी गुमसुम हो गए हैं. तिहाड़ जेल प्रशासन ने अक्षय, मुकेश, विनय और पवन से उनकी आखिरी इच्छा और वसीयत के बारे में पूछा है, लेकिन किसी ने अभी तक कुछ बताया नहीं है. इन दोषियों अभी तक किसी से मिलने की इच्छा भी जारी नहीं की है.
इसके पहले निर्भया के चारों दोषियों की फांसी तीन बार टल चुकी है. दोषियों के खिलाफ सबसे पहले 22 जनवरी को फांसी की तारीख तया हुई थी. फिर दूसरी बार 1 फरवरी और तीसरी बार 3 मार्च की तारीख तय की गई थी. हालांकि, तीनों बार दोषियों ने कोई न कोई कानूनी तरीका अपना कर फांसी को लटका दिया.
सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई मुकेश की याचिका
वहीं, निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश की याचिका सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई. मुकेश ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल कर सीनियर वकील वृंदा ग्रोवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने कहा कि मुकेश की याचिका सुनवाई योग्य ही नहीं है. बता दें कि वृंदा ग्रोवर ने शुरुआत में मुकेश के केस की पैरवी की थी.
दोषियों के परिवार ने मांगी इच्छामृत्यु
निर्भया के दोषियों के परिजनों ने यह पत्र हिंदी में लिखी है. जिसमें राष्ट्रपति और पीड़िता के माता-पिता से निवेदन किया गया है कि हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दें. इसमें यह भी कहा गया है कि हमें इच्छा मृत्यु देने से भविष्य में होने वाले किसी भी अपराध को रोका जा सकता है. इसमें लिखा है कि अगर हमारे पूरे परिवार को इच्छामृत्यु दी जाती है तो निर्भया जैसी दूसरी घटना को होने से रोका जा सकता है.