मार्केट पर कोरोना इफेक्ट / डाउ जोंस में दूसरी बार लोअर सर्किट लगा, 15 मिनट ट्रेडिंग रोकी गई; अर्थव्यवस्था के मंदी की ओर बढ़ने पर ट्रम्प बोले- ऐसा हो भी सकता है
पिछली बार ऐसा होने पर सेंसेक्स 3600 पॉइंट गिरा था, 45 मिनट ट्रेडिंग रोकी गई थी इससे पहले 12 मार्च को भी डाउ जोंस 2352 अंक लुढ़का था, ट्रेडिंग 15 मिनट तक रोकनी पड़ी अगर 10% या उससे ज्यादा की गिरावट दर्ज की जाती है, तो लोअर सर्किट लग जाता है
वॉशिंगटन. अमेरिकी शेयर मार्केट डाउ जोंस सोमवार को खुलते ही 2748.64 अंक गिर गया। इस कारण बाजार पर लोअर सर्किट लगा और कारोबार को 15 मिनट के लिए रोक दिया गया। इसमें 7% की गिरावट दर्ज की गई।इससे पहले 12 मार्च को डाउ जोंस में लोअर सर्किट लगाया गया था। इसका असर अगले ही दिन भारतीय शेयर मार्केट पर दिखाई दिया था। 13 मार्च को सेंसेक्स खुलते ही 3600 प्वाइंट तक गिर गया था और यहां लोअर सर्किट की वजह से ट्रेडिंग रोकनी पड़ी थी। इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से जब सवाल किया गया कि यदि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ी तो? इस पर ट्रम्प ने कहा- ऐसा हो भी सकता है। मगर हम इस मामले को कोरोनावायरस के नजरिए से नहीं देख रहे हैं। मुझे लगता है कि स्टॉक मार्केट और अर्थव्यवस्था की मांग कहीं दबी-छिपी है। एक बार हम हालिया परिस्थितियों से निपट लें। इसके बाद आप अर्थव्यवस्था में बड़ी उछाल देखेंगे।
भारतीय बाजार भी बीयरिश मार्केट की ओर
अमेरिकी बाजार बीयर मार्केट की ओर बढ़ रहा है। रुझान देखें तो भारतीय बाजार भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। बीयर मार्केट ऐसी स्थिति होती है, जब इंडेक्स या निवेश की वैल्यू हाल के उच्च स्तर से 20% या उससे नीचे गिर जाती है। इस साल की बात करें तो इस साल सेंसेक्स अब तक 24% गिर चुका है। 1 जनवरी को बाजार 41,306 अंकों पर खुला था जबकि 16 मार्च को बाजार 31,309 अंक पर बंद हुआ यानी अबतक बाजार में 24% की गिरावट आ चुकी है।
क्या है वजह
हाल ही में यूएस फेडरल रिजर्व बैंक (फेड) ने बेंचमार्क ब्याज दर 0 से 0.25% कर दी है। यह पहले 1% से 1.25% थी। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर में एक फीसदी की कटौती की है। इससे पहले तीन मार्च को फेड ने ब्याज दर में 0.5% की कटौती की थी।
फेड ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 700 अरब डॉलर डालने का भी फैसला किया है। उसने 500 अरब डॉलर और 200 अरब डॉलर के सरकारी बांड खरीदने की घोषणा की है। वहीं, न्यूजीलैंड के केंद्रीय बैंक ने भी आपातकालीन बैठक के बाद सोमवार को ब्याज दरों में 75 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। इसी का असर अमेरिका का डाउ जोंस पर देखने को मिल रहा है।
भारत पर क्या असर पड़ेगा
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, इसलिए अमेरिकी बाजार पर होने वाला सीधा असर भारतीय बाजार पर भी दिखता है। पिछले गुरुवार को जब डाउ जोंस पर लोअर सर्किट लगा उसके बाद देश के बाजारों पर भी इसका असर देखने को मिला था। मंगलवार को भी बाजार खुलने पर देश के बाजारों में एक बार फिर तेज गिरावट देखने को मिल सकती है।