बिना ब्याज दर घटाए ही RBI ने कम की आपकी EMI, जानकर हो जाएंगे खुश!

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने सोमवार को ब्याज दरों (Interest Rates) में कटौती के बारे में कोई जानकारी दी है. मौद्रिक समी​क्षा नीति (MPC) की बैठक 31 मार्च से 3 अप्रैल 2020 को होने वाली है. ऐसे में रिटेल लोन (Retail Loan) लेने वाले ग्राहकों को अपनी EMI की चिंता है.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (COVID-19) की वजह से अर्थव्यवस्था (Economy) को होने वाले नुकसान से निपटने के लिए कई प्रमुख केंद्रीय बैंकों (Central Banks) ने ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लिया है. इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दरों में बदलाव को कोई ऐलान नहीं किया है. हालांकि, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने रेट कट की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इसे लेकर अगली मौद्रिक नीति बैठक (MPC) में जरूरी फैसला लिया जा सकता है. RBI ने लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (LTRO) का फैसला लिया है. ऐसे में RBI द्वारा ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करने पर रिटेल लोन लेने वाले ग्राहकों को निराशा हाथ लगी है.लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं कि LTRO पर RBI के फैसले से कैसे आपकी EMI कम हो जाएगी. आइए समझते हैं…
क्या होता है LTRO?
लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन एक ऐसा टूल है, जिसके तहत रिज़र्व बैंक मौजूदा रेपो रेट (Repo Rate) पर बैंकों को 1 से 3 साल के लिए पूंजी देता है. इसके बदले बैंक समान ब्याज दर पर कोलेटरल के तौर पर सरकारी सिक्योरिटीज खरीदते हैं.
LTRO क्यों महत्वपूर्ण है?
फरवरी 2019 के बाद से ही RBI ने लगातार ब्याज दरों में कटौती की है. हालांकि, दिसंबर 2019 और फरवरी 2020 की बैठक में RBI MPC ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया था. इस दौरान बैंकों ने पिछले रेपो रेट में कटौती का कुछ लाभ ही ग्राहकों को दिया था. ​आरबीआई ने पिछले 6 बैठकों में ब्याज दरों में 135 आधार अंक यानी 1.35 फीसदी की कटौती की है. लेकिन SBI की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, देश के सबसे बड़े बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक ने ग्राहकों के लिए MCLR में केवल 65 आधार अंक यानी 0.65 फीसदी का ही लाभ दिया है.ग्राहकों तक रेट का लाभ पहुंचाने के लिए RBI फरवरी 2020 में LTRO लेकर आया. LTRO सिस्टम के तहत, RBI का मानना है कि मौजूदा ब्याज दर पर बैंकों को लंबे समय तक लिक्विडिटी ऑफर करने पर वो ग्राहकों को ब्याज दर कटौती का लाभ देंगे. बैंक रिटेल और इं​डस्ट्रियल लोन देते वक्त अपने मार्जिन को मेंटेन रखेंगे.
आपकी EMI पर इसका क्या असर होगा?
अब रिटेल लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या उनकी EMI कम होगी? उनकी ये उम्मीद इसलिए भी है कि क्योंकि ब्याज दरों में लगातार कटौती का पूरा लाभ उन्हें अभी तक नहीं मिला है. इस मामले से जुड़े जानकारों का कहना है LTRO सिस्टम के आने के बाद बैंकों के पास पर्याप्त लिक्विडिटी उपलब्ध होगी. ऐसे में बैंक अपने ग्राहकों को कार या होम लोन के लिए ऑफर पेश कर सकेंगे. ये दोनों MCLR से लिंक्ड है. उम्मीद की जा रही है कि RBI के LTRO से बैंकों के लो-कॉस्ट फंड्स में इजाफा होगा और इसके बदले वो ग्राहकों को कम ब्याज पर लोन देना शुरू करेंगे. इस प्रकार रिटेल लोन लेने वाले ग्राहकों की EMI कम हो जाएगी.

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