नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gangrape) मामले में अब नया मोड़ आ गया है. फांसी की सजा पाने वाले चारों दोषियों के परिजनों ने अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु (euthanasia) की अनुमति मांगी है. इच्छामृत्यु मांगने वालों में दोषियों के बुजुर्ग माता-पिता, भाई-बहन और उनके बच्चे शामिल हैं.
निर्भया के दोषियों के परिजनों ने हिंदी में राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि हम देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीड़िता के माता-पिता से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे अनुरोध को स्वीकार करें और हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दें. उन्होंने कहा कि हमें इच्छा मृत्यु देने से भविष्य में होने वाले किसी भी अपराध को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर हमारे पूरे परिवार को इच्छामृत्यु दी जाती है तो निर्भया जैसी दूसरी घटना को होने से रोका जा सकता है.
दोषियों के परिजनों ने कहा है कि ऐसा कोई पाप नहीं है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पहले ही देश के महापापियों को माफ किया जाता रहा है. बदले की परिभाषा शक्ति नहीं है. क्षमा करना ही सबसे बड़ी शक्ति का उदाहरण है. गौरतलब है कि निर्भया के सभी दोषियों विनय शर्मा, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जानी है.
राष्ट्रपति सभी दोषियों की याचिका खारिज कर चुके हैं
निर्भया के चारों दोषियों ने अपनी फांसी की सजा माफ कराने के लिए दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद खारिज कर चुके हैं. हालांकि दोषी अक्षय सिंह ठाकुर ने नई दया याचिका दाखिल की है, जिसमें उसने कहा है कि राष्ट्रपति ने जो पुरानी दया याचिका दाखिल की थी उसमें सारे फैक्ट मौजूद नहीं थे.