कोरोना वायरस पर सार्क देशों की तर्ज पर G7 की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग 16 मार्च को!

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पहल पर G7 के सभी सदस्य राष्ट्रों के बीच कोरोना वायरस पर सोमवार यानि 16 मार्च को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए चर्चा होगी.

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्क के सदस्य राष्ट्रों के बीच कोरोना वायरस पर वीडियो कॉन्फ्रेंस की पहल के बाद अब G7 के सदस्य राष्ट्रों के बीच भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कोरोना वायरस से निपटने पर चर्चा होगी. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पहल पर G7 के सभी सदस्य राष्ट्रों के बीच कोरोना वायरस पर सोमवार यानि 16 मार्च को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए चर्चा होगी और कोरोनावायरस से निपटने पर संयुक्त रणनीति बनेगी. गौरतलब है की सार्क देशों के बीच वीडियों कॉन्फरेंस के ठीक एक दिन बाद G7 के नेताओं के बीच वीडियो कॉन्फरेंस के जरिये चर्चा होगी.

G7 के सदस्य हैं अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, जापान और जर्मनी. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है की कोरोना वायरस की महामारी में यूरोप एक नए केंद्र के तौर पर उभरा है. चीन के बाद कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले यूरोप के इटली से हैं

चीन के बाद इटली में सबसे ज्यादा मौत

अब तक हुई मौत का आंकड़ा भी चीन के बाद इटली में ही सबसे अधिक है. इटली G7 का एक सदस्य देश है और G7 की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इस मायने में महत्वपूर्ण हो जाती है कि कैसे यूरोप के साथ-साथ दुनिया के बाकी हिस्सों में भी कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जाए और इसके लिए एक संयुक्त रणनीति बनाई जाए.

इटली में कोरोना वायरस के कारण अबतक 1,400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 21, 000 लोग इससे संक्रमित हैं. WHO ने बुधवार को कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित किया है. दुनियाभर में इस संक्रामक रोग से 5,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

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