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मध्य प्रदेश में कांग्रेस-BJP में शह-मात का खेल जारी
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बीजेपी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की कर रही मांग
भोपाल। मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक जारी है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाने वाले 22 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद से कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं तो बीजेपी शक्ति परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) के जरिए सत्ता पर काबिज होने की जुगत में है. ऐसे में गुरुवार देर रात प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन भोपाल पहुंच गए. मुख्यमंत्री कमलनाथ आज (शुक्रवार) सुबह 11 बजे गवर्नर से मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात मध्य प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए काफी अहम मानी जा रही है.
मध्य प्रदेश के सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस और बीजेपी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के मुद्दे पर आमने-सामने आ गए हैं. बीजेपी का पूरा जोर 16 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले सदन में शक्ति परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) कराने पर है. वहीं, कांग्रेस ने गेंद विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के पाले में डालते हुए कहा कि 22 बागी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय के बाद ही फ्लोर टेस्ट का सामना करने को तैयार है.
मध्य प्रदेश के सियासी घटनाक्रम में अब राजभवन और विधानसभा की भूमिका सबसे अहम है. विधायकों के इस्तीफों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेना है. बीजेपी नेताओं ने 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे उनको सौंपे हैं. इन्हें राजभवन भी भेजा गया है. विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने बेंगलुरु में डेरा डाले बैठे छह मंत्रियों को नोटिस भेजकर शुक्रवार को तलब किया है.
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने गुरुवार को प्रेस कॉफ्रेंस कर कहा कि सरकार अल्पमत में है, यह कौन कह रहा है? क्या किसी विधायक का इस्तीफा हुआ है? बीजेपी वाले ही कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा लाकर दे रहे हैं. यह तो विचित्र स्थिति है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका को लेकर सवाल पर कहा कि वे संविधान के दायरे में रहकर काम करते हैं.
दिग्विजय सिंह ने स्पीकर के पाले में डाली गेंद
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ पहले ही कह चुके हैं कि हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले बागी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय होना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि विधायकों का इस्तीफा तभी मंजूर होगा, जब विधायक स्पीकर के सामने पहुंचकर अपने हस्ताक्षरों की बिना किसी दबाव के पुष्टि करें. इसके बाद ही फ्लोर टेस्ट आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा, अब स्पीकर विधायकों को नोटिस जारी कर चुके हैं तो उन्हें सामने आकर सबकुछ स्पष्ट करना चाहिए.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरोप लगाया कि बीजेपी की कैद में 19 कांग्रेस विधायक मौजूद हैं. विधायकों के परिजन उनसे बात नहीं कर पा रहे हैं और उनके फोन ले लिए गए हैं. यह भी हैरान करने वाला है कि कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे स्पीकर के पास बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह लेकर आ रहे हैं. ऐसे में अब वे उम्मीद कर रहे हैं कि ये इस्तीफे स्वीकार होने चाहिए.
जीतू पटवारी की कर्नाटक पुलिस से झड़प
मध्य प्रदेश में संकट में फंसी कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी को गुरुवार को यहां अपने बागी विधायकों से मिलने के लिए पहुंचना भारी पड़ गया. कर्नाटक पुलिस ने मंत्री और उसके समर्थकों को उस रिजॉर्ट के बाहर ही रोक लिया, जिसमें 19 बागी विधायक ठहराए गए हैं. जीतू और पुलिस अधिकारियों के बीच गर्मागर्मी का एक वीडियो भी सामने आया है. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. इसके बाद देर शाम जीतू पटवारी कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार से भी मिलने पहुंचे.
ज्योतिरादित्य बीजेपी का दामन थामने के बाद गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ दिल्ली से विशेष विमान से भोपाल पहुंचे थे, जहां बीजेपी ने उनका भव्य स्वागत किया. इसके बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के घर सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, नरोत्तम मिश्रा और यशोधरा राजे सिंधिया ने एक साथ भोजन किया. माना जा रहा है कि डिनर टेबल पर मध्य प्रदेश के सियासी घटनाक्रम पर चर्चा हुई.