-
कांग्रेस के सांसदों ने सदन से किया वॉकआउट अमित शाह ने दिल्ली पुलिस की थपथपाई पीठ
नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को दिल्ली दंगे पर चर्चा हुई. इस दौरान विपक्ष के सवालों के जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली दंगे में जिन लोगों की जान गई, उनके प्रति हम दुख प्रकट करते हैं. साथ ही उनके परिवारों के प्रति भी संवेदना व्यक्त करते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 25 फरवरी की रात 11:00 बजे के बाद एक भी दंगे की घटना नहीं हुई है.अमित शाह ने कहा कि संसद का सत्र 2 मार्च को शुरू हुआ है. हमने दूसरे दिन ही कहा कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा के लिए हम होली के बाद तैयार हैं, क्योंकि होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें भावनाएं भड़कने की संभावना रहती है. कई बार होली के समय अलग-अलग प्रांतों में दंगों का एक बहुत बड़ा इतिहास रहा है.
अपनी बात जारी रखते हुए गृह मंत्री ने आगे कहा कि पुलिस को इसके तह में जाने के लिए कुछ समय चाहिए था. इसलिए होली के बाद डिबेट की बात कही गई थी. होली में किसी तरीके की अशांति न हो, इसलिए हमने कहा था कि होली के बाद 11 फरवरी को इस पर डिबेट कराया जाए. अमित शाह के भाषण के दौरान जमकर हंगामा हुआ और कांग्रेस सदन से वॉकआउट तक कर गई.
अमित शाह के भाषण की 10 बड़ी बातें……
1. अमित शाह ने कहा कि मैं दिल्ली पुलिस की प्रशंसा करना चाहता हूं और शाबाशी देना चाहता हूं. दिल्ली में जहां दंगा हुआ, उस इलाके की आबादी 20 लाख है. पुलिस ने इस दंगे को पूरी दिल्ली में फैलने नहीं दिया. दिल्ली पुलिस को 24 फरवरी को पहली सूचना मिली, जबकि अंतिम सूचना 25 फरवरी की रात 11:00 बजे मिली. 36 घंटे तक दिल्ली में दंगे हुए हैं. दिल्ली के दंगों को 36 घंटे में समेटने का काम दिल्ली पुलिस ने किया.
2. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यक्रम में बैठा था. मेरा वहां जाना भी पहले से ही तय था. मैं जिस दिन गया, उस दिन कोई घटना नहीं हुई. मैं उसी शाम को 6:30 बजे दिल्ली वापस आ गया था. जो सवाल उठाए जा रहे हैं कि मैं ताजमहल गया था, वो गलत हैं. मैं ताजमहल देखने नहीं गया था. मैं सीधे दिल्ली आया था. उसके बाद दूसरे दिन राष्ट्रपति भवन में डोनाल्ड ट्रंप की अगवानी हुई, मैं वहां भी नहीं गया. दोपहर को लंच हुआ, मैं वहां भी नहीं गया. रात को डिनर हुआ, मैं डिनर में भी नहीं गया. मैं पूरे समय दिल्ली पुलिस के साथ बैठकर मामले की समीक्षा करता रहा.
3. अमित शाह ने कहा कि मैंने ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से कहा था कि आप दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में जाइए और पुलिस का मनोबल बढ़ाइए. मैं इसलिए नहीं गया, क्योंकि अगर मैं जाता, तो मेरे जाने से पुलिस मेरे पीछे लगती और पुलिस दंगे रोकने में अपने बल को नहीं लगा पाती. लिहाजा मैंने अजीत डोभाल को भेजा था.
4. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली में जहां दंगे हुए, वो भारत की घनी आबादी वाला एरिया है. वहां संकरी गलियां हैं और दोनों समुदायों की सबसे ज्यादा मिली-जुली आबादी है. यहां पर दंगों का पुराना इतिहास रहा है. अपराधिक तत्वों का भी काफी समय से यहां पर पुराना इतिहास रहा है. यह इलाका उत्तर प्रदेश के बॉर्डर से लगा हुआ है.
5. लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि दंगा वाले इलाके में 22 और 23 फरवरी को सीआरपीएफ की 30 कंपनियां और 24 फरवरी को 40 कंपनियां भेजी थीं. 25 फरवरी को सीआरपीएफ की और 50 कंपनियां भेजीं. इसके बाद दंगा वाले इलाकों में 26, 27, 28 और 29 फरवरी को सीआरपीएफ की 80 से ज्यादा कंपनियां तैनात की गईं. सीआरपीएफ की ये कंपनियां अब भी वहां पर तैनात हैं.
6. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली दंगों के गुनहगारों को पकड़ने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है. 27 फरवरी से अब तक 700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली दंगा साजिश के तहत किया गया. दंगा करने के लिए 300 से ज्यादा लोग यूपी से दिल्ली आए थे.
7. उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली और देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि दंगों में जो लोग शामिल थे, उनको किसी भी कीमत में बख्शा नहीं जाएगा. साइंटिफिक सबूतों के आधार पर दोषियों के खिलाफ पूरी कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में बयान दर्ज किए जा रहे हैं. किसी भी निर्दोष को कोई तकलीफ नहीं होने दी जाएगी. हमने एसआईटी की टीमें बनाई हैं, जिसने आर्म्स एक्ट के तहत करीब 49 केस दर्ज किए हैं. दिल्ली पुलिस ने 152 हथियारों को भी बरामद किया है.
8. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के अंदर जनवरी के बाद कितनी धनराशि हवाला से आई है और इसमें कितनी संस्थाएं इसमें शामिल रहीं, इसकी जानकारी भी सरकारी एजेंसियों ने खंगाला है. दिल्ली दंगों को फाइनेंस करने वाले तीन लोगों की पहचान हुई है. उनको दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है. इसकी जांच आगे तक जाएगी.
9. गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि दिल्ली हिंसा के लिए कांग्रेस पार्टी ने लोगों को भड़काया था. सोनिया गांधी का नाम लिए बिना अमित शाह ने कहा कि एक पार्टी की अध्यक्ष ने रैली में लोगों से कहा कि ‘घर से निकलो, बाहर निकलो और आर-पार की लड़ाई लड़ो’. उनकी पार्टी के एक बड़े नेता ने यह भी कहा कि अभी नहीं निकलोगे तो कायर कहलाओगे. 14 दिसंबर को यह भड़काऊ भाषण हुए और फिर 16 दिसंबर को शाहिनबाग का धरना शुरू हुआ. इस तरीके से हेट स्पीच के जरिए दिल्ली में दंगे कराए गए. अमित शाह ने आगे कहा कि 19 फरवरी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के नेता वारिस पठान ने भी भड़काऊ भाषण दिए. उन्होंने कहा कि हम 15 करोड़ है, मगर 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे. इसके बाद 24 फरवरी को दंगे शुरू हो गए.
10. अमित शाह ने कहा कि हमने नागरिकता संशोधन कानून को दरवाजा बंद करके पास नहीं किया था. हमने चर्चा करके इस कानून को संसद से पास कराया था. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर संसद में पूरी स्पष्टता थी, लेकिन पूरे देशभर में मुस्लिमों को गुमराह किया गया और कहा गया कि सीएए से मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी. मैं आज भी पूछना चाहता हूं कि सीएए में कौन सा क्लॉज है, जो किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीनता है. इसमें नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है. पीड़ित लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है. परंतु अलग-अलग प्रकार से काफी चीजें विपक्षी पार्टियों के द्वारा फैलाई गई है.