मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान सोमवार को तब और गहरा गया जब कांग्रेस के करीब 20 विधायक बेंगलुरु पहुंच गए. इन विधायकों में कमलनाथ सरकार के 6 मंत्रियों के शामिल होने के कयास हैं. इस पूरे घटनाक्रम के बाद से मध्य प्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल छाए गए हैं. हालांकि कमलनाथ ने सरकार गिरने की कयासों को खारिज किया और इस बीजेपी की साजिश बताया है.
कमलनाथ ने एक बयान जारी करके कहा है कि बीजेपी माफिया के सहयोग से सरकार गिराने की कोशिश कर रही है और वह इन कोशिशों को सफल नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि सौदेबाजी की राजनीति जनता के लिए हितकारी नहीं है और उनका लक्ष्य सत्ता पाना नहीं बल्कि जनसेवा करना है. कमलनाथ ने अपने बयान में वह मध्य प्रदेश को विकास के पथ पर आगे ले जा रहे हैं इसी वजह से बीजेपी सरकार को अस्थिर करने में जुटी है.
यहां पढ़ें कमलनाथ का पूरा बयान
“मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि मैंने अपना समूचा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित किया है. मेरे लिए सरकार होने का अर्थ सत्ता की भूख नहीं, जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है. पंद्रह वर्षों तक भाजपा ने सत्ता को सेवा का नहीं भोग का साधन बनाए रखा था वो आज भी अनैतिक तरीके से मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है.
श्री नाथ ने कहा कि सौदेबाजी की राजनीति मध्यप्रदेश के हितों के साथ कुठाराघात है. उन्होंने कहा कि 15 साल में भाजपा के राज में हर क्षेत्र में माफिया समानांतर सरकार बन गया था. प्रदेश की जनता त्रस्त थी और उसने माफिया रूप से छुटकारा पाने के लिए कांग्रेस को सत्ता सौंपी. मैंने जनता की अपेक्षा पर माफिया के खिलाफ अभियान चलाया. माफिया के सहयोग से भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है.
भूमाफिया से त्रस्त जनता को हमने राहत दिलाई, नकली दवाईयाँ, नकली खाद बेचकर लाभ कमाकर अमानवीय व्यवसाय में लगे माफिया के खिलाफ हमने अभियान चलाया. लोगों को प्रतिदिन उपयोग में आने वाली वस्तुएँ शुद्ध मिले इसके लिए “शुद्ध के लिए युद्ध” अभियान चलाया. ये वही लोग है जो पिछले 15 साल में भारतीय जनता पार्टी के राज में पनपे और उनका संरक्षण पाकर पोषित हुए. रेत माफिया ने तो भाजपा राज में 15 हजार करोड़ का डाका मध्यप्रदेश के राजस्व पर डाला. मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद रेत माफिया की भी कमर टूट गई. नापाक इरादे रखने वाले लोगों को यह रास नहीं आया। भाजपा माफिया के हाथ का खिलौना बन गई है.
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि इंदिरा गांधी गृह ज्योति योजना में बिजली बिल कम करके मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत पहुँचना, 23 लाख किसानों की कर्ज माफी जो कि निरंतर जारी है, निवेश के लिए विश्वास का वातावरण पैदा करने, प्रदेश के युवा बेरोजगारों को रोजगार दिलाने, बुजुर्गों को पेंशन, गरीब कन्या की विवाह की राशि में वृद्धि जैसे ऐतिहासिक निर्णय लेने के अलावा जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप शासन प्रशासन की एक नई कार्य संस्कृति प्रदेश में विकसित की. कम समय में एतिहासिक सफलताएँ भी मिली. कई प्रयासों के परिणाम भी सामने आना शुरू हो गए थे. माफिया राज के कारण भाजपा मध्यप्रदेश को उस स्थान पर नहीं ले पाई जिसकी लोगों को उम्मीद थी. जाहिर है भाजपा का जनाधार खिसकना शुरू हो गया था. भारतीय जनता पार्टी ने पिछले माहो में सात राज्यों में अपनी सरकार गवा दी. इससे बौखलाकर कांग्रेस सरकार को 5 साल पूरा न करने देने की कुत्सित और घिनौनी कोशिशे पहले दिन से ही शुरू हो गई थी.
प्रदेश की जनता का विश्वास और उनका प्रेम मेरी सबसे बड़ी शक्ति है. जनता की जनता के द्वारा बनाई गई सरकार को किसी भी कीमत पर अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने दूँगा.
मेरी कोशिश है कि मध्यप्रदेश की पहचान व्यापम, ई-टेंडर जैसे भ्रष्टाचार, कुपोषण, बच्चों की मृत्यु दर या बलात्कार से न होकर देश के विकसित राज्य के रूप में हो. गंभीर आर्थिक बदहाली में मध्यप्रदेश को भाजपा सरकार छोड़ कर गई थी, उसमें कोई सरकार चलाने का साहस भी नहीं कर सकता था. मगर मैंने हिम्मत के साथ एक तरफ़ किसान कर्ज माफी प्रारंभ की, दूसरी ओर निवेश आकर्षित किया और प्रदेश को विकास की पटरी पर ले कर आया.
मैंने हमेशा मूल्यों की राजनीति की है. उससे मैं कभी समझौता नहीं कर सकता. भाजपा मध्यप्रदेश के भविष्य के साथ भी धोखा कर रही है और प्रदेश के विकास की असीम संभावनाओं को भी आघात पहुँचा रही है.“
सभी मंत्रियों का इस्तीफा
इस बीच मध्य प्रदेश के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है, सभी मंत्रियों ने सीएम कमलनाथ को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. अब कमलनाथ को फिर से कैबिनेट का गठन करने और जरूरत के मुताबिक मंत्रियों को चुनने की आजादी दी गई है. सीएम कमलनाथ से जुड़े नजदीकी सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु गए विधायक पार्टी में वापस आ जाएंगे.