अयोध्या में उद्धव ठाकरे- राममंदिर निर्माण के लिए 1 करोड़ का ऐलान,कहा- भाजपा से अलग हुआ हूं, हिंदुत्व से नहीं

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज अयोध्या पहुंचे हैं. उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये की धनराशि देने का ऐलान किया है.

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  • कोरोना वायरस की वजह से जनसभा नहीं करेंगे उद्धव
  • शिवसैनिकों को लेकर एक विशेष रेलगाड़ी अयोध्या पहुंची

अयोध्या। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज अयोध्या पहुंचे हैं. उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये की धनराशि देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री के रूप में 100 दिन पूरे होने पर उद्धव ठाकरे अयोध्या में दर्शन करने पहुंचे हैं. साथ में उनके बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे भी हैं.

रामलला के दर्शन से पहले उन्होंने कहा कि हम सभी रामभक्त मिलकर मंदिर बनाएंगे। मैं भाजपा से अलग हुआ हूं, हिंदुत्व से नहीं। मुख्यमंत्री योगी से अपील करता हूं कि महाराष्ट्र से आने वाले भक्तों के लिए हमें भवन निर्माण करने जमीन दें। उद्धव ने 28 नवंबर को महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन कर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद यह उनका पहला अयोध्या दौरा है।

  • उद्धव ने कहा, ‘‘सौभाग्य की बात है कि पिछले एक-डेढ़ साल में तीसरी बार आ रहा हूं। एक सवाल मन में था कि मंदिर कब बनेगा। जब मैं पहली बार नवंबर 2018 में आया था, तब शिवाजी की जन्मभूमि की मिट्‌टी लेकर आया था। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस का फैसला सुनाया। पिछले साल ही मुख्यमंत्री बन गया। लोकसभा चुनाव में शिवसेना को अच्छी सफलता मिली थी। पहली बार जब आया था तो कहा था कि बार-बार यहां आऊंगा। पहली बार सरयू की आरती की थी। दुनियाभर में कोरोनावायरस का आतंक फैला है। लिहाजा इस बार आरती नहीं करने जा रहा।’’
  • ‘‘जिस ट्रस्ट का निर्माण किया गया है, उसका कल ही खाता भी खुल गया। मेरे पिता बाल ठाकरे का संघर्ष याद है। हम शिला पूजन लेकर आते थे। मंदिर निर्माण के लिए हमारे ट्रस्ट की ओर से एक करोड़ रु की राशि देता हूं। मुख्यमंत्री योगीजी से विनती करना चाहता हूं कि मंदिर निर्माण के लिए आने वाले शिवसैनिकों के रहने की व्यवस्था करें। अगर योगीजी जमीन दे दें तो हम यहां महाराष्ट्र भवन का निर्माण भी करेंगे।’’

उद्धव ठाकरे ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मैं बार बार अयोध्या आऊंगा. जगह मिलने पर अयोध्या में महाराष्ट्र का निर्णाण करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि आरती में शामिल होने की इच्छा थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से नहीं जा सकता.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं पहली बार नवंबर 2018 में अयोध्या आया था और अगली बार नवंबर में ही मुख्यमंत्री बन गया. तीसरी बार मैं यहां आया हूं. उद्धव ने कहा कि ट्रस्ट का निर्माण हो गया है. बैंक खाता भी खुल चुका है. मुझे याद है कि बालासाहेब के समय महाराष्ट्र से शिलाएं भेजी गई हैं. मैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से विनती करता हूं कि महाराष्ट्र से जो राम भक्त आएंगे उनके रहने के लिए जमीन दें. हम महाराष्ट्र भवन बनाएंगे. जब भी मैं यहां आया, कुछ सफलता लेकर गया हूं. मैं फिर आऊंगा.

विरोध करने वाले संत नजरबंद

इस बीच, उद्धव ठाकरे का विरोध करने वाले संत महंत और हिंदू महासभा के जिलाअध्यक्ष को नजरबंद किया गया है. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास, हिंदू महासभा के महंत परशुराम दास भी नजरबंद हैं. तपस्वी छावनी के संत परमहंस को उनके आश्रम में नजरबंद किया गया है.

रामलला के दर्शन के बाद उनका सरयू नदी के किनारे होने वाली आरती में शामिल होने का कार्यक्रम था, लेकिन वह न तो सरयू आरती करेंगे न ही किसी प्रकार की जनसभा होगी. कोरोना वायरस के खतरे को लेकर दोनों कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं.

इससे पहले जून 2019 में उद्धव ठाकरे अयोध्या गए थे और भगवान राम की पूजा अर्चना की थी. उनके साथ शिवसेना के 18 सांसद भी अयोध्या गए थे.

बहरहाल, उद्धव ठाकरे के दौरे से पहले शिवसैनिक बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंच गए थे. शिव सैनिकों लेकर एक विशेष रेलगाड़ी शुक्रवार शाम मुंबई से अयोध्या पहुंचीं. वहीं उत्तर प्रदेश के कई जिलों से भी शिव सैनिक अयोध्या पहुंचे हैं.

केंद्र द्वारा शहर में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की देखरेख के लिए एक ट्रस्ट का गठन किए जाने के एक महीने बाद ठाकरे अयोध्या आ रहे हैं. ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

अयोध्या दौरे का संदेश

वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे का अयोध्या का दौरा इस संदेश के तौर पर देखा जा सकता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार चलाने के बावजूद उन्होंने अपने हिंदुत्व के एजेंडे को छोड़ा नहीं है.

कोरोनावायरस के कारण जनसभा रद्द की

मुख्यमंत्री ठाकरे विशेष विमान से परिवार के साथ लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। फिर सड़क मार्ग से अयोध्या पहुंचे। सरयू आरती में शामिल होने और जनसभा का भी कार्यक्रम था, लेकिन कोरोनावायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवायजरी के बाद भीड़ जुटने वाले कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया। वहीं, उद्धव के दौरे को लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। राम जन्मभूमि के आस-पास की सुरक्षा बढ़ा दी गई। उद्धव का विरोध करने वाले संत, महंत और हिंदू महासभा के जिलाध्यक्ष समेत 5 लोगों को नजरबंद किया गया है। दरअसल, हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने साधु-संतों के साथ मुख्यमंत्री के विरोध की बात कही थी।

अब तक तीन बार अयोध्या आ चुके हैं उद्धव

आज के दौरे से पहले उद्धव पार्टी के सांसदों के साथ 2018 में लोकसभा चुनाव से पहले और फिर उसके बाद जून 2019 में अयोध्या पहुंचे थे। उस दौरान वे महाराष्ट्र के शिवनेरी किले की मिट्टी भी अपने साथ ले गए थे। शिवनेरी छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्मस्थान है। अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उद्धव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वहां (अयोध्या) ऐसी शक्ति है, जिसे मैंने महसूस किया है। इसलिए, अब मैं बार-बार वहां जरूर जाऊंगा।

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