चंडीगढ़. वर्ष 1984 से 1995 के दौरान पंजाब में फर्जी मुठभेड़ दिखाकर मारे गए 8257 लोगों के मामले में सीबीआई जांच कराए जाने की मांग संबंधी जनहित याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से पूछा कि इस संबंध में जुड़े पहले मामले किस आधार पर सुने गए। मामले पर 22 अप्रैल के लिए अगली सुनवाई तय की गई है।
पंजाब डाक्यूमेंटेशन एंड एडवोकेसी प्रोजेक्ट नामक स्वयं सेवी संस्था की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि इससे पहले वर्ष 2012 में मणिपुर में 1528 लोगों को मुठभेड़ के नाम पर मार डालने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पुलिस की भूमिका की जांच करने के आदेश दिए थे। इसी तरह अमृतसर में 2097 लोगों का अंतिम संस्कार कर दिए जाने के मामले में सीबीआई को जांच के आदेश दिए गए थे।