नई दिल्ली। 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 के दौरान राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का काम होना है. इस प्रक्रिया में फॉर्म से विवादास्पद सवालों को छोड़ने के लिए सरकार तैयार नहीं दिख रही है. गृह मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया था कि ये सवाल पहले भी पूछे गए थे और डेटा प्रोसेसिंग के लिए ये सवाल ज़रूरी हैं.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक़, गृह मंत्रालय की स्थायी समिति ने 5 मार्च को राज्यसभा में डिमांड फॉर ग्रांट्स (2020-2021) पर अपनी रिपोर्ट दी है. इस समिति के प्रमुख कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने मंत्रालय से NPR 2020 के फॉर्म में माता-पिता की जन्मतिथि और जन्म-स्थान के बारे में सवाल पूछे हैं.
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि NPR 2010 में भी माता-पिता की जन्मतिथि और जन्म-स्थान की जानकारी ली गई थी. ऐसे माता-पिता, जो NPR के दौरान कहीं और रह रहे हैं या जिनकी मौत हो चुकी है, उनके सिर्फ नाम की जानकारी चाहिए होगी. इससे बैक-एंड डेटा प्रोसेसिंग और मजबूत होगा.
NPR 2020 में विस्तार से माता-पिता की जानकारी ली जा रही है. कई राज्यों ने सवालों को लेकर एतराज जताया है. संसदीय समिति को लगता कि सरकार NPR प्रक्रिया पर आम सहमति बनाने में असफल रही है. साथ ही NPR और जनगणना को लेकर लोगों में डर है, इसलिए गृह मंत्रालय को इस पर विचार करना चाहिए, ताकि जनगणना सुचारू ढंग से चले.
गलत जानकारी देने पर लगेगा जुर्माना
इससे पहले, NPR में लोगों के असहयोग की आशंका को देखते हुए गृह मंत्रालय ने जुर्माना तय कर दिया था. न्यूज़ एजेंसी PTI ने खबर दी थी कि इस एक्ट के तहत अगर कोई भी व्यक्ति सही जानकारी नहीं देता है या जानकारी देने से मना करता है, तो उस पर का जुर्माना लगाया जा सकता है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि नागरिकता नियम के ‘नियम 17’ के मुताबिक़, गलत जानकारी देने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अधिकारी ने यह भी कहा था कि इस प्रोविजन का इस्तेमाल 2011 और 2015 के NPR में नहीं किया गया था.
NPR के लिए आंकड़े पिछली बार 2010 में 2011 की जनगणना के तहत घरों की गिनती के दौरान जमा किए गए थे. इन आंकड़ों को 2015 में घर-घर सर्वे के बाद अपडेट किया गया था. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने NPR को अपडेट करने के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. NPR काम जनगणना 2021 के साथ असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा.