इजरायल में पीएम नेतन्याहू फिर रहे बहुमत से दूर, 61 की जगह जीतीं 58 सीटें
नेतन्याहू अपने छोटे सहयोगी दलों के साथ कुल मिलाकर 58 सीटें ही जीत पाए, जबकि बहुमत के लिए 61 सीटों पर जीत जरूरी थी.
यरूशलम. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (benjamin netanyahu) संसद में बहुमत से एक बार फिर थोड़े दूर रह गए हैं. गुरुवार को अंतिम परिणाम में इसकी पुष्टि हुई. लिकुड पार्टी 36 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि इसकी प्रतिद्वंद्वी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीट मिलीं. नेतन्याहू अपने छोटे सहयोगी दलों के साथ कुल मिलाकर 58 सीटें ही जीत पाए, जबकि बहुमत के लिए 61 सीटों पर जीत जरूरी थी.
सोमवार को हुआ चुनाव एक साल से कम समय के भीतर देश का तीसरा चुनाव था. निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसका परिणाम पूरा हो चुका है, लेकिन यह आधिकारिक नहीं है. इसने कहा कि कई चुनाव केंद्रों पर संभावित गड़बड़ी की जांच की जा रही है और 10 मार्च को राष्ट्रपति को सौंपे जाने तक परिणाम आधिकारिक नहीं माना जाएगा.
किया था जीत का दावा
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को चुनाव में जीत का दावा किया. दरअसल कई एग्जिट पोल में दावा किया गया था कि उनकी दक्षिणपंथी लिकुद पार्टी अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी मध्यमार्गी ब्लू ऐंड व्हाइट पार्टी से कहीं आगे चल रही है. नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं, लेकिन चुनाव से मिले संकेत बता रहे थे कि उनका समर्थक आधार कायम है. नेतन्याहू ने ट्वीट किया कि परिणाम इस्राइल के लिए एक बड़ी जीत हैं.
अस्तित्व की है लड़ाई
देश में सबसे लंबे समय से प्रधानमंत्री नेतान्याहू भ्रष्टाचार के आरोपों पर अभ्यारोपण के बीच राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. हारेत्ज ऑनलाइन के अनुसार लिकुद प्रवक्ता जोनाथन उरिच ने कहा था कि मध्य वाममार्ग के सांसदों को पाला बदलकर नेतन्याहू की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा बदलने के लिए समझाने बुझाने का काम शुरू हो गया है.