दिल्ली हिंसा: ताहिर हुसैन का कोर्ट में सरेंडर, दंगों के दौरान छत से मिला था हिंसा का सामान
ताहिर हुसैन के खिलाफ हिंसा में मारे गए आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के पिता ने हत्या का आरोप लगाया है. 27 फरवरी को ताहिर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, तब से ही वह फरार था.
नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के दौरान आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या और दंगा भड़काने के आरोपी ताहिर हुसैन ने सरेंडर कर दिया है. आदमी पार्टी से निष्कासित पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर किया.
ताहिर हुसैन के खिलाफ हिंसा में मारे गए आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के पिता ने हत्या का आरोप लगाया है. वही उसपर हिंसा करवाने का भी आरोप है जिसके बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. आरोप है कि अंकित शर्मा को ताहिर हुसैन के घर के अंदर ले जाकर ही मारा गया. अंकित शर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि उसके शरीर पर चार सौ बार धारदार हथियार से वार किया गया. पुलिस ने ताहिर हुसैन के खिलाफ धारा 302 (हत्या), धारा 365 (अपहरण), धारा 201 (सबूत मिटाने) और धारा 34 (समान मंशा) के तहत एफआईआर दर्ज की है. 27 फरवरी को ताहिर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, तब से ही वह फरार था.
हिंसा के आरोपों पर ताहिर हुसैन ने सफाई देते हुए कहा था कि उसे फंसाया जा रहा है और उसकी जान को खतरा है. उसने ये भी कहा कि था कि पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए. ताहिर ने पुलिस जांच में सहयोग करने की बात कही थी लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बाद से फरार था. ताहिर हुसैन ने दावा किया था कि जब हिंसा हो रही थी तो उन्होंने पुलिस को कई बार कॉल किया था. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी दावा किया था कि पुलिस की मौजूदगी में उन्हें वहां से बाहर निकाला गया था.
हालांकि पुलिस ने कहा कि ताहिर हुसैन को भीड़ के बीच से रेस्क्यू नहीं किया गया था बल्कि वह अपने घर पर ही थे. पुलिस ने बताया कि वह अपने घर पर सेफ थे. इससे पहले ये जानकारी सामने आई थी कि ताहिर हुसैन दंगे में भीड़ में फंसे थे और उसे पुलिस ने रेस्क्यू किया था.