कोरोना वायरस से भी बड़ी ‘महामारी’, हर साल मर रहे 88 लाख लोग

वैज्ञानिकों ने बताया है कि जहरीली हवा (Air Pollution) की वजह से लोग कम उम्र में ही मौत का शिकार बन रहे हैं. मलेरिया, एचआईवी, किसी भी तरह के युद्ध और स्मोकिंग से भी ज्यादा मौतें सिर्फ वायु प्रदूषण की वजह से हो रही हैं.

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर पूरी दुनिया में खौफ पसरा है. दुनिया के कई देश इसके संक्रमण से चिंतित हैं. इस बीच जर्मनी (Germany) से एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है. जर्मनी के वैज्ञानिकों ने एक शोध के बाद कहा है कि दुनिया के लिए इस वक्त सबसे बड़ा खतरा वायु प्रदूषण (Air Pollution) है. जर्मनी के वैज्ञानिकों ने वायु प्रदूषण को एक महामारी (pandemic) की तरह माना है. वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एयर पॉल्यूशन की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों की उम्र तीन साल तक कम हो गई है. वायु प्रदूषण की वजह से हर साल करीब 88 लाख लोगों की मौत हो रही है.

डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण के आंकड़े भयावह हैं. वैज्ञानिकों ने बताया है कि जहरीली हवा की वजह से लोग कम उम्र में ही मौत का शिकार बन रहे हैं. मलेरिया, एचआईवी, किसी भी तरह के युद्ध और स्मोकिंग से भी ज्यादा मौतें सिर्फ वायु प्रदूषण की वजह से हो रही हैं. ऐसा किसी एक देश में नहीं हो रहा है. पूरी दुनिया के लिए वायु प्रदूषण एक महामारी की तरह हो गया है.

जापान और भारत में 4 साल तक घट गई लोगों की उम्र
वायु प्रदूषण की वजह से सबसे बुरा हाल एशियाई देशों का है. खासकर पूर्वी एशिया पर इसका सबसे बुरा असर है. वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के मुताबिक जापान और भारत में वायु प्रदूषण की वजह से लोगों की उम्र 4 साल तक कम हो गई है. वहीं यूरोप में लोगों की उम्र 2.2 साल तक कम हुई है.

लंबे वक्त तक वायु प्रदूषण को झेल रहे लोग बीमार पड़ रहे हैं. पॉल्यूशन की वजह से उनके हार्ट और ब्लड वेसल्स पर असर पड़ता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि कम से कम दो तिहाई मौतों को रोका जा सकता है. क्योंकि ये मौतें मानव निर्मित प्रदूषण की वजह से हो रही है. जैविक ईंधन की वजह से प्रदूषण फैल रहा है. अगर ऐसे प्रदूषण को कम किया गया तो कम से कम दो तिहाई मौतों पर काबू पाया जा सकता है.

वैज्ञानिक शोध के खतरनाक नतीजे
जर्मनी के वैज्ञानिक अपने शोध के बाद खतरनाक नतीजे पर पहुंचे हैं. उन्होंने बताया है कि पूरी दुनिया में एयर पॉल्यूशन की वजह से हर साल 88 लाख लोग मर रहे हैं. पूर्वी एशिया में हर साल 31 लाख लोगों की जान जा रही है, वहीं दक्षिणी एशिया में करीब 28 लाख लोग हर साल मर रहे हैं. अफ्रीका में हर साल 10 लाख, यूरोप में 8 लाख, पश्चिमी एशिया में 5 लाख, नॉर्थ अमेरिका में 4 लाख, साउथ अमेरिका में 2 लाख और आस्ट्रेलिया में 10 हजार लोगों की मौत एयर पॉल्यूशन की वजह से हो रही है.

लोगों की मौत की बड़ी वजह बना वायु प्रदूषण

जर्मनी के वैज्ञानिकों ने इस शोध के लिए कंप्यूटर की मदद ली है. कंप्यूटर मॉडल के जरिए उन्होंने पता लगाया है कि वायु प्रदूषण की वजह से पूरी दुनिया में लोगों की उम्र 2.9 साल तक कम हो गई है. वायु प्रदूषण की तुलना जब बाकी बीमारियों से की गई तो हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई. पता चला कि तंबाकू और स्मोकिंग की वजह से लोगों की उम्र 2.2 साल तक कम हुई है.

वहीं एचआईवी एड्स की वजह से लोगों की उम्र 0.7 साल कम हुई है. वहीं मलेरिया जैसी बीमारी की वजह से लोगों की उम्र 0.6 साल तक कम हुई है. सबसे हैरान करने वाली बात है कि पूरी दुनिया में किसी भी तरह के युद्ध की वजह से लोगों की उम्र 0.3 साल कम हुई है. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि लोगों की औसत उम्र के घटने की बड़ी वजह वायु प्रदूषण है.

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