रिपोर्ट / वोडाफोन-आइडिया ने बकाया स्पेक्ट्रम फीस के 3043 करोड़ रुपए चुकाए; एयरटेल ने 1950 करोड़ का पेमेंट किया

रिलायंस जियो ने 1053 करोड़ रुपए का भुगतान किया डेफर्ड स्पेक्ट्रम ड्यूज की यह आखिरी किश्त, अब दो साल बाद पेमेंट करना होगा

नई दिल्ली. वोडाफोन-आइडिया ने सरकार को बकाया स्पेक्ट्रम फीस (डेफर्ड स्पेक्ट्रम ड्यूज) के 3,043 करोड़ रुपए चुका दिए हैं। एयरटेल ने 1,950 करोड़ और रिलायंस जियो ने 1,053 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से मंगलवार को यह जानकारी दी। इस बार टेलीकॉम कंपनियों के डेफर्ड स्पेक्ट्रम ड्यूज के पेमेंट की आखिरी किश्त है। इसके बाद उन्हें दो साल के लिए राहत मिल जाएगी। सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर को राहत देने के लिए पिछले साल घोषणा की थी कि स्पेक्ट्रम फीस के भुगतान में दो साल का स्थगन काल (मॉरेटॉरिअम) दिया जाएगा। इस दौरान भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और जियो को कुल 42,000 करोड़ रुपए के भुगतान से राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, बाद में पेमेंट करना होगा।
एजीआर मामले में दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को चिट्ठी लिखी
वोडाफोन-आइडिया का 3,043 करोड़ रुपए का भुगतान इसलिए अहम है, क्योंकि कंपनी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले की वजह से पहले ही आर्थिक दबाव में है। सरकारी आकलन के मुताबिक वोडाफोन-आइडिया पर एजीआर के 53,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। कंपनी दो बार में 3,500 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक दूरसंचार विभाग ने एजीआर के आकलन में अंतर होने के मुद्दे पर टेलीकॉम कंपनियों को फिर से चिट्ठी भेजी है। टेलीकॉम कंपनियों का दावा है कि बकाया राशि उतनी नहीं जितना दूरसंचार विभाग ने दावा किया है।

टाटा टेली ने एजीआर के 2,000 करोड़ रुपए और चुकाए
कंपनी 2,197 करोड़ रुपए का भुगतान पहले ही कर चुकी है। अब 2,000 करोड़ और चुकाए हैं। सरकारी अनुमान के मुताबिक टाटा टेली पर एजीआर के 14,000 करोड़ रुपए बकाया हैं।

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