कोरोना का हौवा ज्यादा, डरें नहीं, ज्यादातर मरीज हुए हैं ठीक, हर सवाल का जवाब

डॉक्टर अंकित गुप्ता ने कहा कि कोरोना वायरस उतना घातक नहीं है, जितना इसका डर पैदा किया गया है. ज्यादातर मामलों में ये ठीक हो जाता है. कोरोना वायरस में क्या करें, कहां जाएं और क्या ध्यान रखें सबंधी तमाम सवालों के जवाब

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दुनियाभर में कोरोना वायरस का हौवा ज्यादा है लेकिन इससे इतनी भी डरने की बात नहीं. ये वायरस सार्स, इबोला या स्वाइन फ्लू की तुलना में ना केवल बहुत हल्का है बल्कि सही इलाज के बाद ठीक भी हो जाता है. चीन में हजारों लोग इससे ठीक भी हुए हैं. कुछ सावधानियां इसमें बहुत जरूरी है. मसलन भीड़ में नहीं निकलें. हाथ नहीं मिलाएं.

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कोरोना को लेकर News18 ने डॉक्टर अंकित गुप्ता से बातचीत की. उसे हम सवाल-जवाब के तौर पर दे रहे हैं. इससे हमें इस बीमारी और इससे बचने के तरीकों के बारे में मालूम हो सकता है. डॉक्टर अंकित गुप्ता का कहना है कि कोरोना के बारे में जितना हौवा पैदा कर दिया गया है, वैसा है नहीं. ना ही इससे इतना डरने की जरूरत है. अलबत्ता सार्वजनिक जगहों पर जब जाएं तो खयाल रखें.

 

कोरोना वायरस क्या है, ये कितना खतरनाक है
– कोरोना वायरस दरअसल वायरस की एक फैमिली है, जिसमें कई वायरस हैं. ये आमतौर पर कॉमन कोल्ड यानी सर्दी -जुकाम जैसे हल्के मर्ज से लेकर लेकर निमोनिया और एआरडीएस यानी एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (Acute respiratory distress syndrome) जैसी गंभीर बीमारियां देते हैं. जो कोरोना वायरस इस समय दुनियाभर में महामारी मचा रहा है, वो इसी वायरस फैमिली से निकला है. हालांकि ये वायरस पहली बार 1970 में सान डिएगो में भी पाया गया था.

इसके लक्षण क्या हैं, कैसे आप इससे संक्रमित हो सकते हैं
– इसकी शुरुआत कॉमन कोल्ड यानी सर्दी-जुकाम की तरह से ही होती है. इसमें जुकाम, खांसी, बुखार, गले में खराश, नाक बहना और सांस लेने में तकलीफ लेने जैसी दिक्कतें होती हैं. ये बच्चों और बूढ़ों को ज्यादा प्रभावित करता है. अगर आप ब्लडप्रेशर, डायबिटीज और दूसरी बीमारियों से ग्रस्त हैं तो फिर ये शरीर में तरह तरह की जटिलताएं पैदा करता है और स्वास्थ्य खराब होता जाता है. शरीर का सिस्टम जवाब देने लगता है.

ये कैसे फैलता है, क्या सार्वजनिक जगहों पर जाना खतरनाक हो सकता है

ये हवा के जरिए फैलता है. खासकर खांसी और छींक के जरिए. अगर कहीं कोई छींक रहा हो तो उससे दूर रहें, उसके आसपास की चीजों को बिल्कुल नहीं छुएं. क्योंकि उसकी छींक से निकले कण और द्रव के संपर्क में आने से ये वायरस आप पर अटैक कर देगा. लोगों से हाथ मिलाने से बचें. ये दरवाजों, सीढ़ियों और लिफ्ट में भी हो सकता है, इसी तरह सार्वजनिक जगहों पर भी हो सकता है.

कैसे बचाव कर सकते हैं
– हाथ नहीं मिलाएं. उसकी जगह नमस्ते करें. झुक कर अभिवादन कर लें. सेनेटाइजर और साबुन से हाथ लगातार साफ करें. मुंह भी धोएं. मास्क जरूर लगाएं. मास्क ऐसा हो जो नाक और मुंह को कवर कर रहा हो. मास्क अच्छा होना चाहिए. अपने आसपास सफाई रखें. ए्म्स का अध्ययन कहता है कि भीड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें और बीमार लोगों से दूर रहें. हाथ की सफाई करें.
– पब्लिक प्लेस यानी सार्वजनिक जगहों पर थूकने से बचें.
– अगर आप सर्दी-जुकाम, खांसी और गले की खराश से ग्रस्त हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

किस तरह के मास्क का इस्तेमाल करें.
– ये मास्क ऐसा हो जो नाक और मुंह दोनों ढकता हो. एक आम आदमी के लिए 2 ply mask या 3 ply mask पहनें लेकिन ये सिंगल यूज के होंगे, इसके बाद इसे फिर प्रयोग नहीं करें. इसके अलावा रिसपिरेटर एन95 मास्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर कोई पॉल्ट्री फॉर्म में काम कर रहा हो तो बचाव के जरूरी उपकरणों से लैस होना चाहिए. साथ ही हैंडवॉश करता रहे.

माना जा रहा है ये वायरस जानवर से मानव में संक्रमित हुआ, तो क्या मीट खाना नुकसानदेह है
– बिल्कुल ये बात सही है कि ये कोरोना वायरस जानवर से मानव में पहुंचा लेकिन जानवरों का मीट खाना नुकसानदेह नहीं है, बशर्ते कि आप मीट, चिकन या अंडों को पुख्ता तरीके से उबाल और पका कर बनाएं. लेकिन बीमार जानवरों, अधपके मीट आदि से परहेज करें.

क्या ये कोरोना वायरस वाकई खतरनाक है. इससे डरना चाहिए.
-इसका हौवा ज्यादा फैला दिया गया है. हकीकत ये है कि हजारों की संख्या में इसके मरीज बचाए गए हैं. इसकी घातकता दर भी दूसरे वायरस मसलन इबोला, सार्स फ्लू की तुलना में केवल 02 फीसदी है. ये आमतौर पर 60 साल से ऊपर और 07 साल से कम उम्र वालों के लिए ज्यादा खतरनाक है. हां, अगर आप ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन, किडनी की समस्या और डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं तो कोरोना आपके शरीर में जटिलताएं पैदा कर सकता है.

इसका कैसे इलाज किया जा सकता है
ये ऐसा वायरस है, जो बहुत ज्यादा घातक नहीं होता इसमें मरीज के ठीक होने और उसके समुचित इलाज की पूरी गुंजाइश रहती है. जैसे ही आपमें ऊपर बताए गए लक्षण नजर आएं, आप डॉक्टर के पास जाएं या तकलीफ ज्यादा हो तो उसे अस्पताल में भर्ती कराएं फिर हास्पिटल खुद आपके लक्षणों से अनुसार आपका इलाज करेगा.

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