सुप्रीम कोर्ट / मोदी की तारीफ करने वाले जस्टिस अरुण मिश्रा ने वकील सिंघवी से कहा- जजों को विवादों में न घसीटें

जस्टिस मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने शुक्रवार को दिल्ली के एक स्कूल को सील करने की याचिका पर सुनवाई की स्कूल प्रबंधन की ओर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- मैंने खान मार्केट में कई जजों को शॉपिंग करते हुए देखा है 22 फरवरी को जस्टिस मिश्रा ने इंटरनेशनल ज्यूडीशियल कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूरदर्शी व्यक्ति बताया था

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने एक मामले की सुनवाई में जजों का उल्लेख करने पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को नसीहत दी और कहा कि जजों को विवादों न घसीटा जाए। शनिवार को जस्टिस मिश्रा की अध्यक्षता में 2 जजों की बेंच दिल्ली के खान मार्केट में एक प्ले स्कूल को सील करने के मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी। स्कूल प्रबंधन की ओर से सिंघवी दलीलें पेश कर रहे थे। हालांकि, कोर्ट इससे सहमत नहीं हुआ और सीलिंग के आदेश पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। जस्टिस मिश्रा ने हाल ही में प्रधाानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की थी। इस पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई थी।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि प्ले स्कूल लुटियंस जोन में खान मार्केट के दूसरी तरफ है। जो तीन साल से चल रहा है। यहां रहने वाले कई नौकरीपेशा लोगों के बच्चे इसमें पढ़ते हैं। यहां कई समृद्ध लोग रहते हैं। मैंने कई जजों को इसी मार्केट में शॉपिंग करते देखा है। इसलिए इसे सील करने का कोई तुक नहीं बनता है। इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा, ‘‘जजों को विवादों में न घसीटा जाए। मैं आपके (सिंघवी) लिए भी कुछ अच्छे शब्द बोल सकता हूं। लेकिन दूसरों को परेशानी होने लगेगी और वे आरोप लगाना शुरू कर देंगे। किसी की तारीफ करने को सद्भाव के तौर पर लिया जाना चाहिए।’’

जस्टिस मिश्रा ने कहा था- प्रधानमंत्री मोदी दूरदर्शी व्यक्ति
22 फरवरी को जस्टिस मिश्रा ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने नेतृत्व के लिए तारीफ हासिल करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूरदर्शी व्यक्ति हैं। उनकी अगुआई में भारत दुनिया में एक जिम्मेदार और दोस्ताना रुख रखने वाला देश बनकर उभरा है। न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत करना समय की मांग है, क्योंकि यह लोकतंत्र की रीढ़ है। विधायिका इसका दिल है और कार्यपालिका दिमाग है। इन सभी अंगों को स्वतंत्र रूप से काम करना होता है। लेकिन, इनके आपसी तालमेल से ही लोकतंत्र कामयाब होता है।

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