US-तालिबान के बीच हुआ शांति समझौता, 14 महीने में सैनिकों को वापस बुलाएगा अमेरिका

इस समझौते के अनुसार अमेरिका ने ‘14 महीने के अंदर’ सभी बलों को वापस बुला लेने का लक्ष्य तय किया है.

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नई दिल्ली. अमेरिका (America) और तालिबान (Taliban) के बीच करीब दो साल तक चली बातचीत शनिवार को अपने अंजाम पर पहुंच गई. खाड़ी देश दोहा में संयुक्त राज्य अमेरिका और तालिबान ने शनिवार को अहम शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के बाद अमेरिका (America) और इसके सहयोगी 14 महीने के भीतर अफगानिस्तान (Afghanistan) से अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लेंगे. वाशिंगटन (Washington) और काबुल (Kabul) ने शनिवार को संयुक्त बयान में यह बात कही.

135 दिन में 8600 सैनिक वापस बुलाएगा अमेरिका

घोषणा में कहा गया कि शनिवार को समझौते पर हस्ताक्षर होने के 135 दिन के भीतर आरंभिक तौर पर अमेरिका और इसके सहयोगी अपने 8,600 सैनिकों को वापस बुला लेंगे. इसमें कहा गया कि इसके बाद ये देश ‘‘14 महीने के भीतर अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लेंगे.’’

अफगानिस्तान के टीवी चैनल टोलो न्यूज़ के मुताबिक अमेरिका-तालिबान समझौते के तहत तालिबान की अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समान अवधि में अफगानिस्तान में गठबंधन बलों की संख्या को कम करने के लिए अपने सहयोगियों और गठबंधन के साथ काम करेगा.

यूएस-तालिबान समझौते के मुताबिक यह “व्यापक शांति समझौता” 4 भागों में हैं:

-अफगानिस्तान की मिट्टी का उपयोग किसी भी समूह या व्यक्ति द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों की सुरक्षा के खिलाफ करने से रोकने की गारंटी और अमल में लाया जाएगा.

अफगानिस्तान से सभी विदेशी ताकतों की वापसी की समयसीमा की घोषणा की गारंटी और अमल में लाना.

-अंतर्राष्ट्रीय गवाहों की उपस्थिति में विदेशी बलों और समयरेखा की पूरे तौर पर वापसी के लिए गारंटी की घोषणा के बाद कि अफगान मिट्टी का इस्तेमाल संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों की सुरक्षा के खिलाफ नहीं किया जाएगा.

-इस्लामिक अमीरात अफ़गानिस्तान जो संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक राज्य के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है और तालिबान के रूप में जाना जाता है, 10 मार्च, 2020 को अफगान पक्षों के साथ अंतर-अफ़ग़ान वार्ता शुरू करेगा, जो हिजरी चंद्र कैलेंडर पर रजब 15, 1441 और हूट 20, 1398 हिजरी सौर कैलेंडर से मेल खाती है.

अमेरिका ने कहा तालिबान के चलते पूरा हुआ समझौता
दोहा में अमेरिकी रक्षा मंत्री माइक पॉम्पियो ने समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले कहा कि ये प्रयास तभी सफल हो सके जब तालिबान ने वास्तव में शांति लाने के प्रति इच्छा जाहिर की और अल-कायदा समेत अन्य विदेशी आतंकी संगठनो के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया. आज हम जिस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, वह इस प्रयास की सच्ची परीक्षा है.

पॉम्पियो ने आगे कहा कि हम तालिबान पर उनकी प्रतिबद्धताओं के पालन के लिए करीब से नजर रखेंगे और उनके कार्यों की गति के साथ हमारी वापसी तय करेंगे. इस तरह से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अफगानिस्तान फिर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों के लिए आधार के रूप में कार्य न करे.

बता दें पिछले 18 साल से अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में तैनात हैं और अफगानिस्तान की धरती पर लड़ रहे हैं. वर्तमान में करीब 30 हजार से ज्यादा सैनिक अफगानिस्तान में तैनात हैं.

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