केजरीवाल सरकार ने दी देशद्रोह का केस चलाने की मंजूरी, कन्हैया कुमार ने कहा- धन्यवाद

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने लिखा कि दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद. दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए

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कन्हैया कुमार ने अपने एक ट्वीट में लिखा कि सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है.

वहीं एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा कि दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद. दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए. सत्यमेव जयते.

कन्हैया कुमार पर देशद्रोह समेत कई धाराएं लगाई गई
बता दें, जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार पर वर्ष 2016 में जेएनयू परिसर में लगे भारत विरोधी नारे और नफरत फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने सालभर पहले आरोपत्र दाखिल किया था. कन्हैया कुमार पर देशद्रोह समेत कई धाराएं लगाई गई है. इस मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य शामिल हैं.क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमीत आनंद की कोर्ट में 1200 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी. इस चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान के अलावा सात कश्मीरियों को भी आरोपी बनाया गया.इन्‍हें बनाया गया है गवाह
इस मामले में सभी कश्मीरी छात्रों से पूछताछ की जा चुकी है. इनके खिलाफ चार्जशीट में 124A (राजद्रोह), 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120B जैसी धाराएं लगाई गई हैं. स्पेशल सेल ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर और अभियोजन से भी बातचीत की थी. मामले में ABVP के कार्यकर्ताओं और जेएनयू के सुरक्षाकर्मियों को गवाह बनाया गया है.

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